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वित्त वर्ष 2020 के लिए टैक्स छूट का लाभ लेने के लिए निवेश करने से अबतक चूक गए हैं तो आपके लिए राहत की खबर है.
वित्त वर्ष 2020 के लिए टैक्स छूट का लाभ लेने के लिए निवेश करने से अबतक चूक गए हैं तो आपके लिए राहत की खबर है.वित्त वर्ष 2020 में टैक्स छूट का लाभ लेने के लिए निवेश करने से अबतक चूक गए हैं तो आपके लिए राहत की खबर है. अब 30 जून तक आप किसी ऐसी स्कीम या प्लान में निवेश करते हैं जिसमें आईटी एक्ट के तहत टैक्स छूट मिलती है, तो उस निवेश पर आप इनकम टैक्स रिटर्न में क्लेम कर सकते हैं. सरकार ने इस बात को नोटिफिकेशन के जरिए साफ किया है कि LIC, PPF, NPS जैसी स्कीम में 30 जून तक निवेश करके टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है. कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन को देखते हुए आयकर विभाग ने करदाताओं को यह राहत दी है.
लॉकडाउन के चलते दी राहत
बता दें कि अमूमन करदाता आयकर रिटर्न में छूट पाने के लिए अलग अलग स्कीम या प्लान में 31 मार्च तक निवेश करना होता है. इसी समय सीमा के अंदर किए गए निवेश पर टैक्स छूट के लिए क्लेम किया जा सकता है. लेकिन इस बार देश में कुछ दिनों से लॉकडाउन की स्थिति है. ऐसे में जो करदाता इससे चूक गए होंगे, उनके लिए पिछले कुछ दिनों से टैक्स छूट योजनाओं में निवेश करना मुश्किल हो गया है. इसी को देखते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह बड़ी कदम उठाया है. इसमें एलआइसी, मकान किराया, कैपिटल गेन से संबंधित छूट के लिए निवेश आदि को शामिल किया जाएगा.
क्या है नोटिफिकेशन में
वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि आइटीआर भरने, विवाद से विश्वास स्कीम और इनकम टैक्स एक्ट के तहत कैपिटल गेंस से लाभ के लिए तारीख को 30 जून तक बए़ा दिया गया है. हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया है कि फाइनेंशियल ईयर की डेट में किसी तरह का विस्तार नहीं हुआ है. 1 अप्रैल यानी बुधवार को नया फाइनेंशियल ईयर शुरू होगा. यह सफाई इसलिए देनी पड़ी है क्योंकि ऐसी खबरें आ रही थीं कि सरकार मौजूदा फाइनेंशियल ईयर को 30 जून तक एक्सटेंड कर सकती है. वित्त मंत्रालय ने इन खबरों को फर्जी बताया है.
1) FY 2019-20 को 30 जून तक नहीं बढ़ाया गया है. 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू होगा.
2) इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए 30 जून तक का समय दिया गया है.
3) 30 जून तक किए गए निवेश से वित्त वर्ष 2020 के लिए ही टैक्स छूट का लाभ ले सकेंगे. इस निवेश पर 2 वित्त वर्ष के लिए क्लेम नहीं कर सकते हैं.
4) नई LIC, मेडिक्लेम, PPF, NPS जैसी योजनाएं 30 जून तक लेने पर FY 2019-20 के लिए डिडक्शन के लिए योग्य होंगी.
5) LIC की पुरानी पॉलिसी पर प्रीमियम, मेडिक्लेम, PPF, NPS जैसी योजनाओं पर 30 जून तक किए गए पेमेंट भी इसमें शामिल हैं.
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