/financial-express-hindi/media/post_banners/61kv8KMUfRmhKcBDHqOz.jpg)
आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर को अब कुछ दिन ही रह गए हैं.
Income Tax Return Filling: इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स के लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर को अब कुछ दिन ही रह गए हैं. कई बार हम टैक्स रिटर्न फाइल करने में देरी करते हैं और फिर अंतिम तारीख के करीब आने पर जल्दबाजी में गलती कर बैठते हैं. रिटर्न या तो मैन्युअल तौर पर दाखिल किया जा सकता है या ऑनलाइन दाखिल किया जा सकता है. हमने यहां टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय टैक्सपेयर्स द्वारा की जाने वाली सामान्य गलतियों के बारे में बताया है. इसकी मदद से आप इन गलतियों से बच सकते हैं.
इंटरेस्ट इनकम
कई टैक्सपेयर आईटीआर फाइल करते समय अपने इंटरेस्ट इनकम को रिपोर्ट नहीं करते हैं. इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय, करदाताओं को सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट से जनरेट इंटरेस्ट इनकम की रिपोर्ट करनी चाहिए. एक बार जब टैक्सपेयर इंटरेस्ट इनकम की रिपोर्ट करते हैं, तो वे डिडक्शन का दावा करने के योग्य हो जाते हैं.
बैंक डिटेल में गलती
इसके अलावा, ज्यादातर टैक्सपेयर्स फॉर्म 26AS स्टेटमेंट का मिलान नहीं करने, गलत बैंक डिटेल प्रदान करने आदि गलतियां भी करते हैं. टैक्स रिटर्न दाखिल करना एक जटिल प्रक्रिया है. लोगों को इस दौरान गलती करने से बचने के लिए ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए.
गलत फॉर्म का चयन
रिटर्न दाखिल करने के लिए सही आईटीआर फॉर्म का चयन करना बहुत जरूरी है. अगर आप इसमें गलती करते हैं तो आपके रिटर्न को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा आगे नहीं बढ़ाया जाता है. आईटीआर फॉर्म का चयन इनकम की प्रकृति या टैक्सपेयर की कैटेगरी के आधार पर किया जाता है. अगर करदाता ने गलत रिटर्न फॉर्म दाखिल किया है, तो उसे विभाग से एक डिफेक्ट नोटिस मिल सकता है, जिसे निश्चित समय सीमा के भीतर ठीक करना होता है.
गलत असेसमेंट ईयर न लिखें
इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में सही असेसमेंट ईयर भरना जरूरी है. अगर गलत असेसमेंट ईयर भरते हैं तो दोहरा टैक्स लग सकता है. साथ ही पेनाल्टी भी लग सकती है. इसलिए सही असेसमेंट ईयर भरना जरूरी है.
निजी जानकारियां भरने में बरतें सावधानी
इनकम टैक्स रिटर्न में नाम, पता, मेल आईडी , फोन नंबर, पैन और जन्म तारीख वगैरह सही भरना जरूरी है. आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि पैन में जो जानकारी है उसे ही आईटीआर फॉर्म में भरना होगा. बैंक की जानकारी भी सही होनी चाहिए. अकाउंट नंबर, IFSC कोड वगैरह भी सही लिखें ताकि रिफंड मिलने में देरी न हो.
ढाई लाख से ऊपर की आय पर रिटर्न फाइल करना जरूरी
आपका एम्पलॉयर और बैंक सैलरी और इंटरेस्ट रेट पर टीडीएस लगाते हैं. ढाई लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइलल करना जरूरी है. आपको यह बताना होता है कि कौन सा टैक्स डिडक्ट हुआ. इनकम टैक्स रिटर्न में आपको टीडीएस क्रेडिट क्लेम करना होगा.
आय के सभी स्रोतों का जिक्र जरूर करें
अगर आपके प्राथमिक आय से आय का कोई और दूसरा स्रोत है तो आपको इसका खुलासा करना होगा. टैक्सपेयर्स को सेविंग अकाउंट इंटरेस्ट, फिक्स्ड डिपोजिट इंटरेस्ट, हाउस प्रॉपर्टी से रेंटल इनकम सभी सभी सभी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स और दूसरे स्रोत से होने वाली आय का खुलासा करना जरूरी है. चाहे इस पर टैक्स लग रहा हो या छूट मिली हुई हो, आय के सभी स्रोतों का जिक्र करना जरूरी है.
(Input: cleartax.in)