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Long Term Investment: बाजार में टिकने से बनता है मोटा पैसा, चेक कर लें म्यूचुअल फंड में 10, 15 से 20 साल का रिटर्न

Long Term Investment: एक्‍सपर्ट का कहना है कि अगर बाजार में पैसा लगाया है तो धैर्य रखें. धैर्य रखने से यानी निवेश को लंबे समय तक बनाए रखने से रिटर्न की गारंटी मिलती है.

Long Term Investment: एक्‍सपर्ट का कहना है कि अगर बाजार में पैसा लगाया है तो धैर्य रखें. धैर्य रखने से यानी निवेश को लंबे समय तक बनाए रखने से रिटर्न की गारंटी मिलती है.

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Sushil Tripathi
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power of compounding

Compounding Power: फाइनेंशियल एडवाइजर भी निवेशकों को बार बार कंपाउंडिंग की ताकत के बारे में बताते हैं. (file image)

Mutual Funds Long Term Investment: बाजार के दिग्‍गज निवेशकों में शामिल बॉरेन बफेट हमेशा से बाजार में लॉन्‍ग टर्म के लिए इन्‍वेस्‍टमेंट के हिमायती रहे हैं. उनकी सलाह रहती है कि निवेशकों को हमेशा बाजार में लंबी अवधि का गोल बनाकर उतरना चाहिए. वह बार बार कहते हैं कि अगर किसी निवेश को 10 साल नहीं रख सकते तो उसे 10 दिन भी पोर्टफोलियो में रखने की ना सोचें. फाइनेंशियल एडवाइजर भी निवेशकों को बार बार कंपाउंडिंग की ताकत के बारे में बताते हैं. उनका कहना है कि अगर बाजार में पैसा लगाया है तो धैर्य रखें. धैर्य रखने से यानी निवेश को लंबे समय तक बनाए रखने से रिटर्न की गारंटी मिलती है.

निवेश को जितना देंगे समय, उतना ज्‍यादा होगा फायदा

वैसे अगर इक्विटी की रिटर्न हिस्‍ट्री देखें तो यह बात सही साबित होती है. हाई रिटर्न देने वाले एक ही फंड में निवेशक 10 साल में जितना ब्‍याज कमाते हैं, अगले 5 साल में वह डबल या अगले 10 साल में वह 4 से 5 गुना हो सकता है. बाजार में अलग अलग कटेगिरी की ऐसी कई म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम हैं, जिन्‍होंने 15 से 20 साल में 15 से 18 फीसदी सालाना या इससे भी ज्‍यादा रिटर्न दिया है. यानी हम किसी निवेश को जितना बनाए रखेंगे, उतना ही ज्‍यादा कंपाउंडिंग का फायदा मिलेगा. हमने यहां प्रदर्शन के आधार पर ऐसे ही कुछ स्‍कीम का रिटर्न कैलकुलेट किया है.

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केस-1

मंथली SIP: 10,000 रुपये
ब्याज दर: 12 फीसदी सालाना
अवधि: 10 साल
मेच्योरिटी पर अमाउंट: 2323391 रुपये (23.2 लाख)
कुल निवेश: 1200000 रुपये (12 लाख)
कुल फायदा: 1123391 रुपये (11.2 लाख)

केस-2

मंथली SIP: 10,000 रुपये
ब्याज दर: 12 फीसदी सालाना
अवधि: 15 साल
मेच्योरिटी पर अमाउंट: 5045760 (50.5 लाख)
कुल निवेश: 1800000 रुपये (18 लाख)
कुल फायदा: 3245760 रुपये (32.5 लाख)

केस-3

मंथली SIP: 10,000 रुपये
ब्याज दर: 12 फीसदी सालाना
अवधि: 20 साल
मेच्योरिटी पर अमाउंट: 100,00,000 रुपये (99.9 लाख)
कुल निवेश: 2400000 रुपये (24 लाख)
कुल फायदा: 7591479 रुपये (75.0 लाख)

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क्या है पावर ऑफ कंपाउंडिंग?

इसे ऐसे समझ सकते हैं कि कहीं निवेश करने पर आपकी जो कमाई होती है, उसे भी फिर से निवेश करना कंपाउंडिंग होता है. इसमें आपको मूलधन के साथ उसके ब्याज पर भी ब्याज मिलता है. कंपाउंडिंग आपके निवेश को बढ़ाने में जहां बड़ा जरिया है. जितनी जल्दी निवेश शुरू कर देंगे, आपको कंपाउंडिंग का उतना ही फायदा मिलेगा. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर आपने 10,000 रुपये मंथली एसआईपी का प्लान 10 साल के लिए किया है. अगर आपको 12 फीसदी सालाना रिटर्न मिले तो 10 साल बाद आपको 11.2 लाख रुपये फंड मिलेगा. लेकिन अगर यह निवेश 20 साल के लिए होगा तो समान मंथली निवेश और रेट आफ रिटर्न पर मेच्योरिटी अमाउंट 1 करोड़ रुपये होगा.

20 साल में बेस्‍ट रिटर्न वाले फंड

सुंदरम मिडकैप फंड ने 20 साल में 22.75 फीसदी, SBI मैग्‍नम ग्‍लोबल ने 22.50 फीसदी, Nippon इंडिया ग्रोथ फंड ने 22.44 फीसदी, SBI Long Term Equity Fund ने 21.89 फीसदी और SBI Large & Midcap Fund ने 21.50 फीसदी रिटर्न दिया है. (source: value research)

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