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Corona Lockdown: पॉलिसी बाजार (Policy Bazaar) ने ‘लॉकडाउन’ (बंद) के दौरान संबंधित व्यक्ति के स्वास्थ्य की जांच कराए बिना ही ‘टर्म इंश्योरेंस’ और चिकित्सा बीमा उपलब्ध कराने के लिए कुछ बीमा कंपनियों के साथ समझौता किया है. कोई भी ग्राहक अब ‘टर्म इंश्योरेंस’ या फिर स्वास्थ्य बीमा कवर बिना स्वास्थ्य जांच के ही ले सकता है. डॉक्टर केवल फोन पर ही पूछताछ करेंगे और बीमाकर्ता को स्वास्थ्य जांच के लिए डाक्टर के समक्ष नहीं जाना होगा.
पॉलिसी बाजार ग्राहकों को ऑनलाइन बीमा उत्पाद उपलब्ध कराने की सुविधा देने वाला प्लेटफॉर्म है. आमतौर पर टर्म जीवन बीमा लेने पर बीमाकर्ता की व्यापक रूप से स्वास्थ्य जांच की जाती हैं. पालिसी बाजार डॉट कॉम की मुख्य व्यावसायिक अधिकारी (जीवन बीमा) संतोष अग्रवाल ने कहा कि एचडीएफसी एर्गो हेल्थ इंश्योरेंस, रेलिगेयर, मैक्स बुपा, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस और टाटा एआईए ऐसी दर्जन भर कंपनियों में शामिल हैं, जो अब टेलीफोन पर ही बातचीत के बाद अपने बीमा उत्पाद उपलब्ध कराने की पेशकश कर रही हैं.
करीब एक साल पुरानी है सुविधा
अग्रवाल ने कहा, ‘‘हालांकि, टेलिमेडिकल की यह सुविधा करीब एक साल पुरानी है, लेकिन इन दिनों देशभर में जारी ‘लॉकडाउन’ को देखते हुए इस सुविधा को लेकर पूछताछ बढ़ी है.’’ ग्राहक की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए अब स्वास्थ्य और टर्म बीमा को पॉलिसी बाजार डॉट कॉम के जरिए बिना किसी जांच के लिया जा सकता है. इससे चिकित्सा केन्द्रों पर भी बोझ कम होगा. उन्होंने कहा, ‘‘टर्म इंश्योरेंस और स्वास्थ्य बीमा योजना खरीदते समय ग्राहक की पूरी स्वास्थ्य जांच इस समूची योजना का अहम पहलू है. बहरहाल, पॉलिसी बाजार ने दूसरी बीमा कंपनियों के साथ मिलकर टेलिमेडिकल सुविधा का नया तरीका निकाला है.’’
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आज के दौर की जरूरत
अग्रवाल ने कहा कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के फैलाव को देखते हुए टेलीफोन पर जांच के जरिए बीमा उपलब्ध कराना आज समय की जरूरत है. जो भी दो करोड़ रुपये का टर्म इंश्योरेंस और एक करोड़ रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर चाहते हैं, उनके लिए मौजूदा दौर में यह सुविधा काफी लाभदायक होगी.
पूरी तरह इरडा के नियमों के दायरे में
उन्होंने बताया कि टेलिमेडिकल की प्रक्रिया पूरी तरह से बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण के नियमन दायरे में हैं और ग्राहक के लिहाज से विश्वसनीय है. हालांकि, अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि यदि ग्राहक द्वारा फोन पर गलत जानकारी दी जाती है और जांच के दौरान यह साबित हो जाता है तो फिर ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी के पास बीमा दावे को खारिज करने का पूरा अधिकार होगा.