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EPFO has launched new facility for PF withdrawal.
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पिछले दिनों कोरोना संकट के बीच रिजर्व बैंक ने लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए ब्याज दरों में कटौती की है. जिसके बाद से बैंकों ने भी जमा दरों को कम किया है. बड़े बैंकों में 1 से 5 साल की एफडी पर ब्याज घटकर 6.5 फीसदी तक रह गया है. वहीं कोरोना क्राइसिस के चलते इक्विटी और म्यूचुअल फंड में निवेशकों का पैसा डूबा है. ऐसे में करने के लिए कंपनियां अपने एफडी पर ज्यादा ब्याज आफर कर निवेशकों को लुभा रही है. कई कंपनियां है, जो 1 साल से 5 साल की एफडी पर 8.5 फीसदी तक सालाना ब्याज दे रही है. एक्सपर्ट का कहना है कि मौजूदा दौर में टॉप रेटिंग वाली कॉरपोरेट एफडी में पैसा लगाया जा सकता है.
ये कंपनियां आफर कर रही हैं FD
बजाज फाइनेंस
विकल्प: इसमें तिमाही, छमाही, सालाना और कम्युलेटिव ब्याज लेने का विकल्प है.
ब्याज दर: 1 साल से 5 साल की एफडी पर 7.72 फीसदी से 8.75 फीसदी.
रेटिंग: CRISIL— FAAA, ICRA— MAAA
महिंद्रा फाइनेंस
विकल्प: इसमें तिमाही, छमाही और कम्युलेटिव ब्याज लेने का विकल्प है.
ब्याज दर: 1 साल से 5 साल की एफडी पर 7.3 फीसदी से 8.55 फीसदी.
रेटिंग: CRISIL— FAAA
PNB हाउसिंग स्पेशल डिपॉजिट (upto Rs. 5 Cr.)
विकल्प: कम्युलेटिव
ब्याज दर: 22 महीने की मेच्योरिटी पर 7.5 फीसदी सालाना
रेटिंग: CRISIL- FAAA
PNB हाउसिंग (upto Rs. 5 Cr.)
विकल्प: कम्युलेटिव
ब्याज दर: 1 साल से 10 साल की एफडी पर 7.25 फीसदी से 7.5 फीसदी सालाना
रेटिंग: CRISIL- FAAA
HDFC (upto Rs 2Cr)
विकल्प: इसमें मंथली, तिमाही, छमाही, सालाना और कम्युलेटिव ब्याज लेने का विकल्प है.
ब्याज दर: अधिकतम 7.4 फीसदी
रेटिंग: CRISIL— FAAA
ICICI होम फाइनेंस
विकल्प: इसमें मंथली, तिमाही, सालाना और कम्युलेटिव ब्याज लेने का विकल्प है.
ब्याज दर: अधिकतम 7.5 फीसदी
रेटिंग: ICRA—MAAA, CARE—AAA
इसके अलावा भी कुछ कंपनियां मसलन श्रीराम ट्रांसपोर्ट, डीएचएफएल, केरला ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन L&T फाइनेंस लि., इंडियाबुल्स हाउसिंग, LIC हाउसिंग फाइनेंस भी एफडी आफर कर रही हैं, जिनका अधिकतम ब्याज 8.5 फीसदी सालाना तक है.
बैंक एफडी पर कितना ब्याज
बड़े बैंकों की बात करें, तो भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) 5.7 फीसदी के करीब सालाना ब्याज दे रहा है. वहीं एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक 6 फीसदी से 6.25 फीसदी सालाना ब्याज दे रहे हैं. बैंक आफ बड़ौदा, पीएनबी जैसे बैंकों में भी 5 साल की एफडी पर इसी के आस पास ब्याज मिल रहा है.
अच्छी रेटिंग वाली कंपनियां चुनें
फॉर्चून फिस्कल के डायरेकटर जगदीश ठक्कर का कहना है कि समझने वाली बात यह है कि कोरोना क्राइसिस में यह धारणा नहीं बना लेनी चाहिए कि सभी कंपनियां डूब जाएंगी. अच्छे कारोबार वाली कंपनियों में बाउंसबैक की क्षमता है, जिनके पास कैपिटल की कमी नहीं है. कोरोना क्राइसिस खत्म होने के बाद ये कंपनियां तेजी से ग्रोथ की पटरी पर लौटेंगी. अगर ऐसी कुछ कंपनियां एफडी आफर कर रही हैं और उनकी रेटिंग AAA या AA है तो उनमें निवेश किया जा सकता है. वैसे भी अभी फ्रैंकलिन टेम्पलटन मामले के बाद निवेशक जोखिम वाली सिक्योरिटीज पर दांव लगाने वाले डेट म्यूचुअल फंडों से बच रहे हैं और सुरक्षित विकल्प खोज रहे हैं.
उनका कहना है कि सिर्फ रिटर्न की लालच में न पड़ें. कई बार कम रेटिंग वाली कंपनियां ज्यादा ब्याज देती हैं लेकिन सुरक्षा अधिक रेंटिंग वाली कंपनियों में होता है.
छोटी अवधि वाली स्कीम चुनें
एक्सपर्ट कॉरपोरेट एफडी के मामले में लंबी अवधि की बजाए छोटी अवधि की स्कीम को चुनने की बात कहते हैं. फाइनेंशियल एडवाइजर फर्म BPN फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि बैंक हो या पोस्ट ऑफिस, यहां आपकी जमा पर आरबीआई या सरकार की जिम्मेदारी होती है. जहां पैसा डूबने का खतरा नहीं होता है. लेकिन कंपनियों के डूबने पर जरूरी नहीं है कि आपका पैसा वापस मिल जाए. ऐसे में लंबी अवधि का स्कीम चुनकर रिस्क नहीं बढ़ाना चाहिए.