/financial-express-hindi/media/post_banners/FFoh2GwtH5RZCDvzykRS.jpg)
Credit to the services sector continued to grow at a robust, albeit decelerated, rate at 10.7 per cent in June 2020 vis-a-vis 13 per cent in June 2019.
/financial-express-hindi/media/post_attachments/jsQ7YWuurrl64QV0xs5H.jpg)
आज के दौर में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आम हो चला है. जरूरत के वक्त पैसा न होने पर क्रेडिट कार्ड से आसानी से खर्च किया जा सकता है और निश्चित अवधि के अंदर चुकाया जा सकता है. लेकिन क्रेडिट कार्ड को लेकर कुछ गलतफहमियां या यूं कहें भ्रांतियां भी फैली हुई हैं, जिसके कारण कई लोग इसके इस्तेमाल से बचते हैं. किसी भी प्रॉडक्ट को लेकर गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए बल्कि उसके बारे में डिटेल में जानकारी हासिल करनी चाहिए. तभी आप जान सकेंगे कि प्रॉडक्ट आपके फायदे का है या नहीं. आइए जानते हैं क्रेडिट कार्ड से जुड़ी हुई 5 गलतफहमियों के बारे में...
1. क्रेडिट कार्ड आर्थिक स्थिति के लिए हानिकारक
कई लोग क्रेडिट कार्ड से इसलिए दूर भागते हैं क्योंकि उन्हें कर्ज के जाल में फंसने का डर होता है. उन्हें लगता है कि क्रेडिट कार्ड होने से वे अधिक खर्च करने लगेंगे. लेकिन कर्ज के जाल में वही लोग फंसेंगे, जिनमें आर्थिक अनुशासन नहीं है यानी जो अपने खर्चों पर लगाम लगाना नहीं जानते हौर अति उत्साहित होकर खर्च करते हैं. जिन लोगों में ऐसी आदत नहीं है, उनके लिए क्रेडिट कार्ड मददगार साबित हो सकता है.
2. मिनिमम ड्यू अमाउंट पर फाइनेंस चार्ज नहीं लगता
अक्सर क्रेडिट कार्डधारक यह सोच लेते हैं कि अपने कार्ड बिल के मिनिमम ड्यू अमाउंट को चुका देने से उन पर फाइनेंस चार्ज नहीं लगेगा लेकिन ऐसा नहीं है. मिनिमम ड्यू अमाउंट चुका देने से केवल लेट पेमेंट फीस बचती है. बाकी बकाया बिल राशि पर फाइनेंस चार्ज लगेगा ही लगेगा. इसलिए क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट की डेडाइन तक पूरा बकाया चुका दें.
Income Tax: सीनियर सिटीजन को मिलते हैं ये टैक्स बेनेफिट्स, ITR भी ऑफलाइन कर सकते हैं फाइल
3. क्रेडिट लिमिट बढ़ाना फायदेमंद नहीं
कई क्रेडिट कार्डधारक अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़ाने से बचते हैं, उन्हें लगता है कि ऐसा होने पर अधिक खर्च करने लगेंगे. अगर आप सावधानी से अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो अधिक क्रेडिट लिमिट आपकी जरूरत के वक्त मदद करने में काम आ सकती है. आपके लिए किसी इमरजेंसी की स्थिति में खर्च संभालना आसान होगा. साथ ही उच्च क्रेडिट लिमिट होने से आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो घटेगा. इससे आगे चलकर क्रेडिट स्टोर बढ़ जाएगा, जिससे आपकी क्रेडिट कार्ड व ऋण योग्यता बढ़ेगी.
4. इस्तेमाल न होने वाले कार्ड बंद कराने से क्रेडिट स्कोर होगा बेहतर
इस्तेमाल नहीं होने वाले क्रेडिट कार्ड बंद कराने से थोड़े वक्त के लिए आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है. हालांकि एक कार्ड बंद कराने से उस पर लगने वाली सालाना फीस या रिन्युअल फीस बचाई जा सकती है. लेकिन इससे आपकी क्रेडिट लिमिट घट जाएगी. अगर आपके पास कई क्रेडिट कार्ड हैं और उनमें से किसी को बंद कराना चाहते हैं तो अपेक्षाकृत नए कार्ड को बंद कराने की कोशिश करें. लेकिन उससे पहले जो कार्ड रखने हैं, उनकी क्रेडिट लिमिट बढ़वाने का प्रयास करें.
1 सितंबर से लागू हो रहे हैं ये बदलाव, आम आदमी से लेकर कारोबारी तक पर होगा असर
5. जीरो सालाना/रिन्युअल फीस वाले कार्ड बेहतर
जीरो फीस वाले क्रेडिट कार्ड को कई लोग बेहद वरीयता देते हैं. लेकिन क्रेडिट कार्ड का चुनावा अपने खर्च के तरीके के मुताबिक करना चाहिए. ज्यादातर क्रेडिट कार्ड खास टार्गेटेड यूजर्स को ध्यान में रखकर पेश किए जाते हैं और उन यूजर्स के ट्रांजेक्शंस के अनुसार उन्हें विशेष फायदे या रिवॉर्ड प्वॉइंट उपलब्ध कराते हैं. उदाहरण के तौर पर शॉपिंग कार्ड ग्रॉसरी, लाइफस्टाइल व अन्य रिटेल खर्चों पर उच्च फायदों की पेशकश करते हैं, वहीं फ्यूल क्रेडिट कार्ड्स फ्यूल ट्रांजेक्शंस पर उच्च छूट और कैशबैक देते हैं. इसी तरह ट्रैवल क्रेडिट कार्ड यात्रा, होटल में रहने और डाइनिंग पर उच्च रिवॉर्ड प्वॉइंट्स, कैशबैक और डिस्काउंट की पेशकश कर ट्रैवलर्स को आकर्षित करते हैं.
इसलिए क्रेडिट कार्ड का चुनाव करने से पहले अपने खर्च पैटर्न व ट्रांजेक्शंस का सावधानीपूर्वक विश्लेषण कर लें. अगर सालाना फीस वाले क्रेडिट कार्ड पर आपके द्वारा आमतौर पर किए जाने वाले ट्रांजेक्शंस पर ज्यादा फायदे मिल रहे हैं तो उसे चुनें.
(लेखक साहिल अरोड़ा paisabazaar.com के डायरेक्टर हैं.)