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Home Loan
Credit Score Based Home Loans at Below 9 per cent: क्रेडिट स्कोर आधारित ब्याज दर वह दर हैं जिस पर बैंक और वित्तीय संस्थान घर खरीदने के लिए पैसा उधार देते हैं. यह दर कर्ज लेने वाले शख्स के क्रेडिट स्कोर के हिसाब से तय होती है. क्रेडिट स्कोर किसी व्यक्ति की वित्तीय साख का आकलन करने एक जरिया है. यह क्रेडिट ब्यूरो द्वारा किए गए कैलकुलेशन से तय होता है.
क्रेडिट स्कोर में किसी व्यक्ति के वित्तीय हिस्ट्री के बारे में बताता है. क्रेडिट स्कोर में पिछले सभी लोन के रिकार्ड, क्रेडिट कार्ड और अन्य वित्तीय लेनदेन का ब्योरा शामिल होता है. घर खरीदने के लिए अगर आप सस्ते लोन की तलाश कर रहे हैं तो क्रेडिट कार्ड से जुड़े इन पहलुओं को समझ लें.
क्रेडिट स्कोर टायर (Credit Score Tiers)
लोन देने वाले बैंक और वित्तीय संस्थान क्रेडिट स्कोर को कई लेवल में बांटते हैं. ये वर्गीकरण अलग-अलग वित्तीय संस्थानों के भिन्न हो सकते हैं. मिसाल के तौर पर क्रेडिट स्कोर का एक सामान्य वर्गीकरण नीचे देख सकते हैं.
- एक्सीलेंट : 750 से अधिक
- गुड : 700-749
- फेयर : 650-699
- पुअर : 600-649
- वेरी पुअर : 600 से कम
उधार देने वाले बैंक या वित्तीय सस्थान लोन जारी करते वक्त क्रेडिट स्कोर के अलावा अन्य मानकों (क्राइटीरिया) पर व्यक्ति का आकलन करते हैं. जब कोई शख्स अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्तीय संस्थान के पास पहुंचता है तो ऐसे में कर्ज देने से पहले वित्तीय संस्थान उस शख्स के क्रेडिट स्कोर के अलावा उसकी इनकम, एप्लायमेंट, उम्र और बाकी चीजों को चेक करता है.
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क्रेडिट स्कोर लोन के ब्याज दर पर कैसे डालता है असर
होम लोन के ब्याज दर से क्रेडिट स्कोर का सीधा कनेक्शन है. बेहतर क्रेडिट स्कोर होने पर बैंक या वित्तीय संस्थान से सस्ते लोन (कम ब्याज दर पर उधार) मिलने की संभावना अधिक होती है. एक्सीलेंट क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्तियों के लिए कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थान सबसे अनुकूल ब्याज दर पर लोन देते हैं. वहीं खराब क्रेडिट स्कोर होने की स्थिति में लोगों को महंगे लोन (अधिक ब्याज दर पर कर्ज) जारी होते हैं या उनके लोन एप्लिकेशन को वित्तीय संस्थानों द्वारा स्वीकार नहीं किए जाते हैं.
ब्याज दर में अंतर होम लोन की लागत पर कैसे डालता है असर
एक्सीलेंट क्रेडिट स्कोर और पुअर क्रेडिट स्कोर होने की स्थिति में कर्ज लेने वाले शख्स को बैंक या वित्तीय संस्था द्वारा जारी किए जाने वाले होम लोन के ब्याज दर में काफी अंतर देखने को मिल सकता है. खराब क्रेडिट स्कोर वाले किसी व्यक्ति की तुलना में एक्सीलेंट क्रेडिट स्कोर वाले उधारकर्ता को कम ब्याज दर पर होम लोन मिल सकता है. दोनों ही स्थिति में ब्याज दर के बीच का अंतर होम लोन की कुल लागत पर अहम असर डाल सकता है.
कम ब्याज दर वाले लोन को मैनेज करने में होती है आसानी
होम लोन पर ब्याज दर सीधे मंथली किस्त यानी ईएमआई को प्रभावित करती है. कम ब्याज दर वाले लोन की मंथली किस्त कम होती है, और ऐसे में उधारक लेने वाले शख्स को लोन रिपेमेंट के साथ मंथली खर्चों को मैनेज करने में आसानी होती है.
लोन एलिजिबिलिटी
क्रेडिट स्कोर से अधिकतम लोन एमाउंट की एलिजिबिलिटी को भी प्रभावित कर सकता है. एक्सीलेंट क्रेडिट स्कोर किसी शख्स को मैक्सिमम लोन एमाउंट लेने की अनुमति दे सकता है, जिससे जरूरतों को पूरा करने में फंड की कमी की संभावना घट जाती है.
होम लोन के लिए एक अधिक लोगों के साथ अप्लिकेशन
अगर आप किसी और (co-borrower) के साथ मिलकर होम लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं, तो सभी आवेदकों के क्रेडिट स्कोर पर विचार किया जाता है. ऐसे मामलों में सह-उधारकर्ताओं (co-borrower) के बीच सबसे कम क्रेडिट स्कोर प्रस्तावित ब्याज दर को प्रभावित कर सकता है.
अगर आप सस्ते होम लोन लेने का विचार कर रहे हैं तो नीचे एक लिस्ट दी गई है. लिस्ट में क्रेडिट स्कोर के आधार पर होम लोन की पेशकश करने वाले लगभग 10 बैंकों की ब्याज दर डिटेल है. इसकी मदद से आप अपनी वित्तीय आवश्यकताओं और क्रेडिट स्कोर के आधार पर तुलना कर सकते हैं और निर्णय ले सकते हैं.
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(नोट: लिस्ट में बैंकों और एनबीएफसी के होम लोन ब्याज दर डेटा शामिल हैं जो उनकी वेबसाइट पर क्रेडिट स्कोर से जुड़ी होम लोन दरों को दर्शाते हैं. ब्याज दरें सांकेतिक हैं और वास्तविक स्थिति में दरें विभिन्न कारकों और बैंक के नियम एवं शर्तों के आधार पर भिन्न हो सकती हैं. ये सभी डेटा 10 अक्टूबर 2023 तक के हैं और बैंक बाजार डॉट कॉम द्वारा कलेक्ट किए गए हैं. अपडेट के लिए संबंधित बैंक या वित्तीय संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं. )
(Article : Sanjeev Sinha)