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Critical Illness Policy: आम हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से कैसे अलग है क्रिटिकल इलनेस प्लान, जानिए इससे जुड़ी तमाम बातें

क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी (CI) एक ऐसी पॉलिसी है, जो पॉलिसीहोल्डर्स को गंभीर और लाइफ स्टाइल की बीमारियों जैसे स्ट्रोक, पैरालिसिस, लाइव डिसऑर्डर और किडनी फेलियर से जुड़े खर्चों से निपटने में मदद करती है.

क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी (CI) एक ऐसी पॉलिसी है, जो पॉलिसीहोल्डर्स को गंभीर और लाइफ स्टाइल की बीमारियों जैसे स्ट्रोक, पैरालिसिस, लाइव डिसऑर्डर और किडनी फेलियर से जुड़े खर्चों से निपटने में मदद करती है.

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FE Hindi Desk
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Critical Illness Policy

किसी देश का ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) इस बात पर निर्भर करता है कि वहां रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य कैसा है.

Critical Illness Policy: किसी देश का ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) इस बात पर निर्भर करता है कि वहां रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य कैसा है. हेल्थ केयर सिस्टम की खराब स्थिति और स्वास्थ्य बीमा को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी के चलते भारत में लोगों तक इंश्योरेंस की पहुंच कम है. अब भी लगभग 70-75 प्रतिशत भारतीय मेडिकल सर्विसेज के लिए अपनी जेब से भुगतान करते हैं. प्रोबस इंश्योरेंस ब्रोकर के डायरेक्टर राकेश गोयल कहते हैं, 'ऐसे में एक जानलेवा बीमारी किसी भी परिवार की आर्थिक स्थिति को तबाह कर सकती है. यहां तक कि एक बेसिक स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्लान भी गंभीर बीमारी की स्थिति में पर्याप्त नहीं है.

उदाहरण के लिए, कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसमें एक सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में बीमा राशि के दायरे से काफी अधिक खर्च आता है. क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी (CI) ऐसा बीमा कवरेज प्रदान करती है जो पॉलिसीहोल्डर्स को गंभीर और लाइफ स्टाइल की बीमारियों जैसे स्ट्रोक, पैरालिसिस, लाइव डिसऑर्डर और किडनी फेलियर से संबंधित खर्चों को संभालने में मदद करती है.

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क्रिटिकल इलनेस प्लान नॉर्मल हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स से कैसे अलग है?

रेगुलर हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में पॉलिसीहोल्डर को मेडिकल केयर में आने वाले खर्चों के लिए कवर मिलता है. वहीं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी में पॉलिसीहोल्डर को एकमुश्त राशि मिलती है, जिसका इस्तेमाल किसी भी गंभीर बीमारी का पता चलने पर इलाज के खर्च को कवर करने के लिए किया जा सकता है.

क्रिटिकल इलनेस प्लान के फायदे

  • क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी के कई फायदे हैं. यह चिकित्सा खर्च और हॉस्पिटलाइजेशन को कवर करता है. मेडिकल ट्रीटमेंट बहुत महंगा हो सकता है और अगर किसी को गंभीर बीमारी होती है तो इसका खर्च एक बड़ा बोझ बन सकता है.
  • गोयल बताते हैं, "ट्रीटमेंट के लिए कई बार छुट्टियां लेनी पड़ती हैं. क्रिटिकल इलनेस प्लान छुट्टियों के चलते इनकम में होने वाले नुकसान को कवर करता है. क्रिटिकल इलनेस के चलते न केवल पॉलिसीधारक पर बल्कि उनके परिवार पर भी आर्थिक बोझ बढ़ता है. क्रिटिकल इलनेस प्लान के तहत एकमुश्त राशि मिलती है, जिसका इस्तेमाल पॉलिसीधारक अपने मेडिकल और घरेलू खर्चों को कवर करने के लिए कर सकता है.”
  • क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस में टैक्स बेनिफिट भी मिलता है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80डी के तहत भुगतान पूरी तरह से टैक्स फ्री है. हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि पॉलिसी खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.

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पॉलिसी खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

क्रिटिकल इलनेस के इलाज में आमतौर पर काफी ज्यादा खर्च होता है. इसलिए, एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह अहम है कि इलाज के खर्च को कवर किया जाए, क्योंकि यह एक क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी का सबसे जरूरी मकसद है. गोयल बताते हैं, “कवर का फैसला करते समय, याद रखें कि मेडिकल बिल के अलावा कई अन्य खर्च भी शामिल हो सकते हैं. इसमें अलग-अलग टेस्ट, हॉस्पिटलाइजेशन और ट्रीटमेंट के बाद देखभाल की लागत शामिल हो सकती है." साथ ही, इलाज के लिए आपको काम से कुछ दिनों की छुट्टी लेनी पड़ सकती है. इसलिए, गोयल के अनुसार इनकम और घरेलू खर्च या देनदारियों के नुकसान पर ध्यान दें, ताकि इलाज के दौरान आपके परिवार पर आर्थिक बोझ न पड़े.

किसे चुनना चाहिए क्रिटिकल इलनेस प्लान

गोयल कहते हैं कि क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी या राइडर उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है जो स्वास्थ्य को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते, खासकर यदि उनकी मेडिकल हिस्ट्री है.” कोई भी व्यक्ति क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी खरीद सकता है क्योंकि हम सभी गंभीर बीमारियों के जोखिम का सामना कर सकते हैं. मेडिकल खर्च बढ़ने के साथ, बड़ी बीमारियों के इलाज की लागत भी बढ़ गई है. गोयल बताते हैं, "अगर किसी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, तो लागत और भी अधिक हो सकती है, खासकर अगर किसी को सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल में ले जाया जाए. इसलिए क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी चुनना एक समझदारी भरा विकल्प होगा.”

(Priyadarshini Maji)

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