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कोरोना महामारी के दौर में किसी भी इमरजेंसी का सामना करने के लिए पूरे परिवार को पहले से तैयार करना जरूरी है. (Photo: Getty/Thinkstock)
Covid-19 And Your Family: कोविड-19 महामारी ने लोगों के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही साथ वित्तीय सेहत पर भी काफी बुरा असर डाला है. जिन परिवारों में रोजी-रोटी का इंतजाम करने वाले मुख्य व्यक्ति को कोरोना के कारण लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा या दुर्भाग्यवश उनका निधन हो गया, उन पर तो जैसे मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. परेशानियां तब और भी बढ़ जाती हैं, जब बैंक खातों से लेकर स्वास्थ्य और जीवन बीमा जैसी तमाम जरूरी चीजों की सारी जानकारी परिवार के मुखिया के पास ही होती है, लेकिन वह सब कुछ मैनेज करने के लिए मौजूद नहीं होता.
क्या आपके परिवार को निवेश और देनदारियों के बारे में पता है?
कोरोना महामारी के दौरान कई परिवारों को जिन संकटों से जूझना पड़ा उससे साफ है कि इमरजेंसी जैसे हालात से निपटने के लिए पहले से तैयारी करना बेहद जरूरी है. और इसके लिए निवेश और देनदारियों समेत तमाम अहम वित्तीय बातों की जानकारी परिवार के मुखिया के अलावा बाकी सदस्यों को भी होनी चाहिए. इतना ही नहीं, पिछले दिनों जिस तरह माता-पिता दोनों के बीमारी की चपेट में आने की घटनाएं हुई हैं, उन्हें देखते हुए समझदार हो चुके बच्चों को भी इन बातों की जानकारी देनी चाहिए. आइए देखते हैं कि वे कौन सी अहम चीजें हैं, जिनके बारे में परिवार को बताना जरूरी है:
परिवार को इन बातों की होनी चाहिए जानकारी
हालांकि हर परिवार की परिस्थितियों के हिसाब से इसमें थोड़ा-बहुत फेरबदल करने की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन मोटे तौर पर यह चेक-लिस्ट भविष्य की तैयारी के लिए बेहद काम की है:
1. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का विवरण : मौजूदा हालात में परिवार के सदस्यों को इस बारे में पूरी जानकारी होना सबसे ज्यादा जरूरी है. इसमें आपके एंप्लॉयर की तरफ से दिए गए स्वास्थ्य बीमा के साथ ही साथ टॉप अप और अलग से ली गई पर्सनल हेल्थ पॉलिसी का ब्योरा भी होना चाहिए. इसके साथ ही बीमा पॉलिसी के तहत आने वाले नेटवर्क हॉस्पिटल्स की लिस्ट, इंश्योरेंस कंपनी या TPA को जानकारी देने की प्रक्रिया और हेल्पलाइन नंबर वगैरह भी लिखे होने चाहिए.
2. जीवन बीमा पॉलिसी : एक ऐसी लिस्ट बनाकर रखना भी जरूरी है, जिसमें आपके परिवार के सभी सदस्यों की सभी जीवन बीमा पॉलिसी का ब्योरा दिया हो. इसमें ट्रेडीशनल लाइफ इंश्योरेंस और यूलिप समेत अपनी हर तरह की जीवन बीमा पॉलिसी की जानकारी होनी चाहिए. पॉलिसी नंबर, बीमा की रकम, नॉमिनी का विवरण, राइडर्स, प्रीमियम की रकम और उसे भरने की तारीख, पॉलिसी की मैच्योरिटी की तारीख जैसी तमाम जानकारियां इस लिस्ट में होना जरूरी है.
3. बैंक खातों और डिपॉजिट की जानकारी: परिवार के सभी सदस्यों के बैंक खातों की एक लिस्ट तैयार करके रखनी चाहिए. इस लिस्ट में बैंक खातों के नंबर और उनके बैलेंस के साथ-साथ नॉमिनेशन का विवरण भी मौजूद होना चाहिए. यह लिस्ट ऐसी जगह पर हो जिससे जरूरत पड़ने पर परिवार के सदस्यों को आसानी से मिल सके. इस लिस्ट में दी गई जानकारी को समय-समय पर अपडेट करना चाहिए. अपने नेटबैंकिंग का विवरण भी एक सुरक्षित जगह पर रखना चाहिए जिसकी जानकारी सिर्फ परिवार के जिम्मेदार लोगों को हो.
4. इनवेस्टमेंट एकाउंट की जानकारी: किसी बैंक या ब्रोकरेज के जरिए खोले गए डिमैट एकाउंट समेत सभी इनवेस्टमेंट से जुड़े खातों का ब्योरा भी लिस्ट के तौर पर सुरक्षित रखना चाहिए. डिमैट एकाउंट के जरिए किए गए निवेश का संक्षिप्त ब्योरा और नॉमिनेशन डिटेल भी इसके साथ ही होनी चाहिए.
5. अन्य संपत्तियों का ब्योरा: घर के मालिकाना हक से जुड़ी जानकारियां, बैंक लॉकर्स का ब्योरा, बैंकों के अलावा किसी और संस्था में किए गए निवेश की जानकारी और प्रॉविडेंट फंड का विवरण भी लिखकर ऐसी सुरक्षित जगह पर रखना चाहिए, जिसके बारे में परिवार के सदस्यों को पता हो.
6. लोन की जानकारी: अगर आपने कोई होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन या कोई भी और कर्ज लिया है, तो उसकी पूरी जानकारी भी लिखकर रखें. इसमें लोन एकाउंट नंबर, कर्ज की रकम, किस्त यानी EMI का ब्योरा, लोन चुकाने की अवधि, जिस खाते से लोन की EMI दी जाती है, उसका नंबर वगैरह सारी जानकारी लिखकर रखें. अगर होम लोन के लिए कोई इंश्योरेंस कराया है, तो उसका ब्योरा देना भी न भूलें.
7. क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स की जानकारी: अपने सभी क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स का ब्योरा और कार्ड कंपनी का कॉन्टैक्ट नंबर भी लिख कर रखें. साथ ही यह जानकारी भी होनी चाहिए कि कार्ड्स के गलत इस्तेमाल का पता चलने पर उन्हें ब्लॉक कैसे करवाना है.
8. ज्वाइंट एकाउंट: अपने जीवनसाथी या संतान के साथ मिलकर खोला गया ज्वाइंट एकाउंट मुसीबत के वक्त बेहद काम आता है. कोई इमरजेंसी आ जाए तो ऐसे खातों में जमा रकम वक्त पर बेहद काम आती है.
9. वसीयत : भारत में रजिस्टर्ड वसीयत बनाकर रखने का रिवाज बेहद कम है, लेकिन ऐसा करना बेहद जरूरी है. वसीयत को रजिस्टर कराने के बाद उसे परिवार के लोगों की जानकारी में सुरक्षित जगह पर रखना, बाद में होने वाली बड़ी परेशानियों से बचा सकता है.
ये तमाम जरूरी जानकारियां कहां और कैसे रखी जाएं यह आप अपनी और अपने परिवार की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तय कर सकते हैं. सिर्फ इतना ध्यान रखें कि वह जगह सुरक्षित हो और वक्त पड़ने पर आसानी से मिल जाए. इसके लिए गूगल डॉक्यूमेंट्स, एक्सेल शीट्स जैसे नए तरीकों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है, लेकिन ये ध्यान रहे कि ऐसे जरूरी दस्तावेज किसी भी हालत में गलत हाथों में नहीं पड़ने चाहिए.