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Debt Fund SIP: डेट फंड एसआईपी महंगाई को मात देने में पास या फेल, क्या FD-PPF जैसी स्कीम हैं बेहतर विकल्प?

Debt Funds vs FD: डेट फंडों का आकर्षण बढ़ा है. आगे ब्याज दरों में न सिर्फ पॉज लगने बल्कि कटौती किए जाने की भी उम्मीद है. इससे डेट में रिटर्न बढ़ सकता है.

Debt Funds vs FD: डेट फंडों का आकर्षण बढ़ा है. आगे ब्याज दरों में न सिर्फ पॉज लगने बल्कि कटौती किए जाने की भी उम्मीद है. इससे डेट में रिटर्न बढ़ सकता है.

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Sushil Tripathi
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SIP in Debt Funds

Debt Funds SIP: डेट फंडों में एसआईपी एक बार फिर रिटर्न देने में कामयाब हो रही है.

Debt Fund SIP Beats Inflation: डेट फंड और एफडी और दोनों ही फिक्स्ड-इन्‍कम इंस्‍ट्रूमेंट हैं. अन्‍य निवेश विकल्‍पों के मुकाबले इनमें स्‍टेबल रिटर्न की उम्‍मीद रहती है. हालांकि डेट फंडों में एफडी के मुकाबले रिस्‍क होता है, लेकिन लंबी अवधि में इनमें एफडी के मुकाबले बेहतर रिटर्न की उम्‍मीद क जा सकती है. पिछले कुछ महीनों की बात करें तो डेट फंडों पर दबाव देखने को मिला है, जिसके पीछे रेट हाइक प्रमुख कारण है. लेकिन अब रेट हाइक थमने और आगे इसमें कटौती की उम्‍मीद में एक बार फिर डेट फंडों का रिटर्न सुधर रहा है. सवाल उठता है कि अगर निवेशक रिस्‍क लेकर डेट स्‍कीम में पैसेलगाने को तैयार भी होते हैं तो क्‍या इन स्‍कीम में महंगाई को मात देने की क्षमता है. या फिर एफडी या पीपीएफ जैसी स्‍कीम बेहतर विकल्‍प हैं.

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डेट फंड: 5 साल में बेस्‍ट SIP वाली स्‍कीम

ABSL मिडियम टर्म: 12.32% सालाना
बड़ोदा BNP परिबास क्रेडिट रिस्‍क: 9.34% सालाना
ABSL क्रेडिट रिस्‍क: 7.80% सालाना
ICICI प्रू क्रेडिट रिस्‍क: 7.80% सालाना
UTI बॉन्‍ड: 7.66% सालाना
SBI मैग्‍नम गिल्‍ट: 7.60% सालाना

यहां देख सकते हैं कि लंबी अवधि कई डेट फंड स्‍कीम में अगर आप एसआईपी करते हैं तो इनमें मंहगाई दर की तुलना में रिटर्न ज्‍यादा मिल रहा है. देश में रिटेल महंगाई दर 6 फीसदी से कुछ कम है, जबकि इन योजनाओं पर 7.50 फीसदी से 12.50 फीसदी सालाना रिटर्न मिल रहा है. कंपाउंडिंग का भी फायदा जोड़ लें तो यह महंगाई को मात देने वाला विकल्‍प साबित हो रहा है.

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डेट फंड: 3 साल में बेस्‍ट SIP वाली स्‍कीम

ABSL मिडियम टर्म: 16.75% सालाना
UTI बॉन्‍ड: 10.63% सालाना
बड़ोदा BNP परिबास क्रेडिट रिस्‍क: 10.44% सालाना
निप्‍पॉन इंडिया स्‍ट्रैटेजिक डेट: 8.81% सालाना
निप्‍पॉन इंडिया क्रेडिट रिस्‍क: 8.64%
ABSL क्रेडिट रिस्‍क: 8.27%

डेट फंड: 1 साल में बेस्‍ट SIP वाली स्‍कीम

ABSL मिडियम टर्म: 24.63%
ABSL डायनमिक बॉन्‍ड: 10.50%
SBI मैग्‍नम गिल्‍ट: 9.15%
ICICI प्रू आल सीजन बॉन्‍ड: 8.87%
SBI क्रेडिट रिस्‍क: 8.63%
SBI मैग्‍नम इनकम: 8.43%

1 साल से 3 साल की डेड फंड एसआईपी पर भी निवेशकों को डबल डिजिट में रिटर्न दे रही हैं. 1 साल की स्‍कम में 8.50 फसदी से 24.50 फसदी तक रिटर्न मिल रहा है तो 3 साल की स्‍कीम में 8 फीसदी से करीब 17 फीसदी सालाना रिटर्न मिल रहा है.

FD और PPF

एफडी की बात करें तो यह सुरक्षित विकल्प है, लेकिन इसमें पहले से तय ब्‍याज के अनुसार ही रिटर्न मिलता है. अभी ज्यादातर बैंक 1 से 5 साल की एफडी के लिए 6 फीसदी से 8 फीसदी के करीब ब्याज दे रहे हैं. इसमें रिटर्न स्‍टेबल है लेकिन यह पहले से ही फिक्‍स होता है. एक बार एफडी लॉक कर ली तो फिक्‍स रिटर्न पूरे टेन्‍योर में नहीं बदलता. डेट फंड रिटर्न की गारंटी नहीं देते हैं. वहीं, एफडी में रिटर्न की गारंटी होती है. यानी इसमें जोखिम ना के बराबर होता है. 5 साल की एफडी करते हैं तो 80सी के तहत टैक्‍स छूट का भी लाभ मिलता है. हालांकि मैच्‍योरिटी पर मिलने वाला ब्‍याज टैक्‍सेबल होता है. ब्‍याज इनकम एक साल में 40 हजार रुपये से ज्यादा है तो बैंक 10 फीसदी टीडीएस काटता है. दूसरी ओर लिक्विडिटी के मामले में डेट फंड बेहतर विकल्‍प है.

पीपीएफ भी निवेश का सुरक्षित विकल्‍प है. यह 15 साल की स्‍कीम है जो लंबी अवधि में निवेश को बढ़ावा देती है. इस पर ब्‍याज दर एफडी या आरडी या एनएससी के मुकाबले ज्‍यादा है. इसमें टैक्‍स छूट का 3 तरह से लाभ है. पीपीएफ में जमा रकम पर 80सी के तहत टैक्‍स छूट का लाभ मिलता है. ब्‍याज आय पर टैक्‍स नहीं है, वहीं मैच्‍योरिटी पर पैसा निकालने पर भी टैक्‍स नहीं लगता है.

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