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Debt Funds Return: रेट हाइकिल साइकिल पीक पर होने के समय अगर डेट फंडों में पैसा लगाया जाए तो आगे बेहतर रिटर्न हासिल हो सकता है.
Debt Funds Year Ender: साल 2023 डेट मार्केट के लिए मिला जुला रहा है. इक्विटी मार्केट से निवेशकों को जोरदार रिटर्न मिला, ऐसे में बहुत से निवेशकों ने डेट से इक्विटी का रुख किया. वहीं साल 2023 की शुरूआत में केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला कायम रखा था, जिसके चलते डेट फंडों (Debt Schemes) पर दबाव रहा. हालांकि ओवरआल पूरे साल की बात करें तो डेट फंड की अलग अलग कैटेगरी में निवेशक बेहतर रिटर्न पाने में कामयाब रहे. वहीं अब साल 2024 की शुरूआत हो चुकी है और एक्सपर्ट इसे निवेश के लिहाज से बेहतर समय बता रहे हैं. असल में रेट हाइक साइकिल अपने पीक पर है और यहां से रेट कट की संभावनाएं बन रही हैं, जो डेट के लिए पॉजिटिव है.
डेट फंडों का 2023 में कैसा रहा प्रदर्शन
लॉन्ग ड्यूरेशन फंड: 7 फीसदी
मीडियम टु लॉन्ग ड्यूरेशन: 6.50 फीसदी
मीडियम ड्यूरेशन: 6.50 फीसदी
शार्ट ड्यूरेशन: 6.50 फीसदी
लो ड्यूरेशन: 6.80 फीसदी
अल्ट्रा शार्ट ड्यूरेशन: 6.60 फीसदी
लिक्विड फंड: 6.80 फीसदी
मनी मार्केट: 7 फीसदी
ओवरनाइट फंड: 6.50 फीसदी
डायनमिक बॉन्ड: 6.50 फीसदी
कॉरपोरेट बॉन्ड: 6.60 फीसदी
क्रेडिट रिस्क: 7.75 फीसदी
बैंकिंग एंड पीएसयू फंड: 6.50 फीसदी
फ्लोटर फंड: 7.25 फीसदी
फिक्स्ड मैच्योरिटी: 6.70 फीसदी
गिल्ट फंड: 6.75 फीसदी
गिल्ट विथ 10 ईयर कांस्टेंट ड्यूरेशन: 7.32 फीसदी
1 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न वाली स्कीम (Best Debt Mutual Funds)
डीएसपी क्रेडिट रिस्क फंड: 16.50 फीसदी
इन्वेस्को इंड क्रेडिट रिस्क फंड: 13 फीसदी
SBI क्रेडिट रिस्क फंड: 9 फीसदी
ICICI प्रू गिल्ट फंड: 8.70 फीसदी
डीएसपी स्ट्रैटेजिक बॉन्ड: 8.50 फीसदी
ICICI प्रू फ्लोटिंग इंटरेस्ट: 8.41 फीसदी
कोटक गिल्ट इन्वेस्टमेंट: 8.20 फीसदी
कोटक गिल्ट इन्वेस्टमेंट पीएफ एंड ट्रस्ट: 8.20 फीसदी
टाटा जीएसएफ: 8.19 फीसदी
HDFC निफ्टी गवर्नमेंट सिक्योरिटीज: 8.18 फीसदी
सोर्स: वैल्यू रिसर्च
डेट फंडों में आगे बेहतर रिटर्न की उम्मीद
बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि 2024 की शुरूआत डेट फंड में पैसा लगाने का सही समय है. रेट हाइक साइकिल अपने पीक पर है और यहां से इसमें बढ़ोतरी की उम्मीद कम है. जैसे जैसे महंगाई कंट्रोल में आ रही है, केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों पर पॉज लगाया है. वहीं यूएस फेड ने साल 2024 में 3 बार में 75 बेसिस प्वॉइंट रेट कट के संकेत दिए हैं. यही ट्रेंड घरेलू स्तर पर आरबीआई भी फॉलो कर सकता है. ब्याज दरों में कटौती से डेट फंड का प्रदर्शन बेहतर होगा. यानी रेट हाइकिल साइकिल पीक पर होने के समय अगर डेट फंडों में पैसा लगाया जाए तो आगे बेहतर रिटर्न हासिल हो सकता है. ऐसे में लॉन्ग टर्म डेट फंडों में पैसा लगाया जा सकता है. मिड टर्म इन्वेस्टर्स भी डेट में अलोकेशन बढ़ा सकते हैं.
क्या हैं डेट फंड और इसके फायदे
डेट फंड एक फिक्स्ड-इन्कम इंस्ट्रूमेंट हैं. अन्य निवेश विकल्पों के मुकाबले इनमें स्टेबल रिटर्न की उम्मीद रहती है. डेट फंड उन सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं जो फिक्स्ड इनकम जेनरेट करती हैं, जैसे ट्रेजरी बिल, कॉर्पोरेट बॉन्ड, कमर्शियल पेपर, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज और कई अन्य मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट. इन सभी विकल्पों की एक पूर्व-निर्धारित मैच्योरिटी और ब्याज दर होती है. रिटर्न आमतौर पर बाजार में उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होता है. इसमें हर अवधि के निवेश का विकल्प होता है. डेट फंडों में स्मॉल सेविंग्स मसलन एफडी या एनएससी के मुकाबले रिस्क होता है, लेकिन लंबी अवधि में इनमें एफडी के मुकाबले बेहतर रिटर्न की उम्मीद रहती है. अगर निवेशक कुछ रिस्क लेने का तैयार हो तो डेट फंड लंबी अवधि में बेहतर विकल्प बन सकती है.