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छोटी बचत योजनाओं में घट रहा है ब्याज, क्या डेट म्यूचूअल फंड का बढ़ेगा आकर्षण?

रेपो रेट में कटौती और छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें कम होने के बाद क्या डेट फंड अच्छा विकल्प

रेपो रेट में कटौती और छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें कम होने के बाद क्या डेट फंड अच्छा विकल्प

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Sushil Tripathi
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Debt Mutual Fund: पिछले दिनों रिजर्व बैंक ने कोरोना पॉजिटिव संकट के चलते अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए रेपो रेट में 75 अंकों की कटौती कर दी है. पिछले साल फरवरी के बाद से रेपो रेट में 2.10 फीसदी कमी आ चुकी है. जिसके बाद से तमाम बैंक भी अपनी जमा योजनाओं पर ब्याज कम कर रहे हैं. वहीं, सरकार ने छोटी बचत योजनाओं मसलन पीपीएफ, एनएससी, टाइम डिपॉजिट जैसी स्कीम भी पर ब्याज 1.4 फीसदी तक घटा दिया है. एक्सपर्ट का कहना है कि जहां छोटी बचत योजनाओं पर फायदा पहले से कम हो रहा है, ज्यादा रिटर्न चाहने वालों के लिए डेट फंड की कुछ खास कटेगिरी मौजूदा समय में ज्यादा बेहतर विकल्प हो सकती है. इनमें आगे 7 से 8 फीसदी सालाना तक स्थिर रिटर्न मिल सकता है.

FD पर लगातार घट रहा है ब्याज

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आरबीआई द्वारा रेट कट किए जाने के बाद एसबीआई, बैंक आफ बड़ौदा सहित कई बैंकों ने एफडी की दरों में कटौती की है. एसबीआई ने एफडी पर ब्याज दरें कम कर दी हैं और इस पर अधिकतम 5.7 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. दूसरे प्रमुख बैंकों की भी 5 साल की एफडी पर 6 फीसदी के ही आस पास ब्याज रह गया है. 2015 में यह 8 से 9 फीसदी सालाना था. इसी तरह से पीपीएफ पर ब्याज 7.9 फीसदी से 7.1 फीसदी रह गया. 1 से 5 साल के टाइम डिपॉजिट पर 5.5 फीसदी से 6.7 फीसदी ब्याज रह गया है.

कोरोना संकट में भी स्थिर रिटर्न

पिछले 3 महीने में जहां कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से शेयर बाजार में 30 फीसदी के करीब गिरावट रही. इक्विटी म्यूचुअल फंड की हर कटेगिरी में डबल जिट में निगेटिव रिटर्न मिला. वहीं, डेट फंड की हर कटेगिरी में इंडेक्स हरे निशान में रहे. वहीं पिछले एक साल के दौरान तो अलग अलग कटेगिरी में 16 फीसदी तक रिटर्न मिला है. आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद से डेट फंडों में हलचल बढ़ी दिख रही है. एक हफ्ते में इंडेक्स 2 से 3 फीसदी तक मजबूत हुए हैं. शार्ट टर्म से मिड टर्म और लांग ड्यूरेशन फंड कटेगिरी में निवेशकों को मिलने वाला रिटर्न बेहतर हुआ है. म्यूचुअल फंड एडवाइजर भी डेट फंड के साथ बने रहने की सलाह दे रहे हैं.

पिछले 1 हफ्ते में बढ़ी हलचल

आरबीआई द्वारा रेट कट के बाद देखें तो पिछले एक हफ्ते में डेट फंड में हलचल बढ़ी है. भारत बांड ETF, L&T ट्रिपल एस बांड, इडेलवाइस बैंकिंग एंड पीएसयू फंड, इन्वेस्को इंडिया बैंकिंग एंड पीएसयू फंड, आदित्य बिरला सनलाइफ इनकम, आईसीआईसीआई प्रू बांड और IDFC कॉरपोरेट बांड फंड जैसी स्कीमों ने 4 फीसदी या उससे ज्यादा रिटर्न दिया.

BPN फिनकैप कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ एके निगम का कहना है कि बॉन्ड यील्ड में गिरावट आई है. छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बड़ी कटौती की गई है. ऐसे में निवेशक शार्ट ड्यूरेशन और मीडियम ड्यूरेशन डेट फंडों के बैंक व पीएसयू डेट फंड में पैसये लगा सकते हैं. अर्थव्यवस्था नहीं सुधरी तो आगे भी रेट कट की उम्मीद है. यह सब डेट मार्केट के लिए बेहतर सेंटीमेंट हैं. हालांकि निवेशकों को समय और जरूरत के हिसाब से ही पैसा लगाने की जरूरत है.

1 साल में 18 फीसदी तक रिटर्न

पिछले एक साल में इक्विटी म्यूचुअल फंड की हर कटेगिरी में 20 से 25 फीसदी तक निगेटिव रिटर्न मिला है. लेकिन डेट फंड की सभी कटेगिरी इंडेक्स में मजबूती आई है. जिन फंडों ने पिछले एक साल में सबसे अच्छा रिटर्न दिया है, उनमें ये शामिल हैं....

निप्पॉन इंडिया निवेश लक्ष्य

1 साल का रिटर्न: 18 फीसदी

IDFC गवर्नमेंट सिक्युरिटी कांस्टेंट फंड

1 साल का रिटर्न: 16 फीसदी

SBI मैग्नम गिल्ट फंड

1 साल का रिटर्न: 16 फीसदी

ICICI प्रू कांस्टेंट मेच्योरिटी

1 साल का रिटर्न: 16 फीसदी

IDFC GSF इन्वेस्टमेंट फंड

1 साल का रिटर्न: 15.81 फीसदी

DSP गवर्नमेंट सिक्युरिटी फंड

1 साल का रिटर्न: 15.75 फीसदी

मिराए एसेट्स डायनमिक बांड

1 साल का रिटर्न: 15.66 फीसदी

(सोर्स: वैल्यू रिसर्च, बैंक बाजार और इंडिया पोस्ट की वेबसाइट )

(डिस्क्लेमर: फाइनेंशियल एक्सप्रेस किसी भी तरह के निवेश की सलाह नहीं देता है. निवेश करने से पहले अपने स्तर पर पड़ताल करें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श अवश्य करें.)

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