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एक्सपर्ट्स के मुताबिक अपने पोर्टफोलियो में 10 फीसदी तक निवेश गोल्ड में करना चाहिए. (Image- Reuters)
Dhanteras Gold Buying 2021 Guide: निवेश के लिए सोना लंबे समय से सुनहरा विकल्प रहा है. दीवाली और धनतेरस जैसे फेस्टिवल पर गोल्ड खरीदने की लंबी परंपरा रही है. हालांकि समय के साथ अब गोल्ड में निवेश कई तरीकों से कई जा सकता है यानी कि अब महज फिजिकल गोल्ड खरीदने के अलावा डिजिटल गोल्ड (Digital Gold), गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF), एसजीबी (सोवरेन गोल्ड बॉन्ड) के जरिए भी इसमें निवेश किया जा सकता है.
धनतेरस के दौरान सोने की खरीदारी पर मिलवुड केन इंटरनेशनल के फाउंडर और CEO निश भट्ट कहते हैं, "भारतीयों द्वारा सोने को बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है और यह सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. त्योहारी और शादियों के सीजन में पूरे भारत में सोने की मांग बढ़ने की संभावना है. भारतीयों द्वारा सोने को निवेश के एक बेहतर विकल्प और एसेट क्लास के तौर पर देखा जाता है. पिछले कुछ सालों में शानदार बढ़त दर्ज करने के बाद, सोना पिछले 12 महीनों में सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है. सोने ने 2020 में एक एसेट क्लास के रूप में बेहतर प्रदर्शन किया, हालांकि COVID19 के चलते इसने अपनी चमक खो दी. सोने की कीमतें अभी भी अगस्त 2020 में अपने अब तक के उच्चतम स्तर से बहुत दूर हैं.
आज 2 नवंबर को धनतेरस है तो कई निवेशकों को उलझन हो रही है कि परंपरा के मुताबिक आज फिजिकल गोल्ड में निवेश करें या डिजिटल गोल्ड में? फिजिकल गोल्ड और डिजिटल गोल्ड में खरीदार की कस्टडी में गोल्ड रहता है जबकि एसजीबी और ईटीएफ में खरीदार या निवेशक को कोई रीयल गोल्ड उपलब्ध नहीं कराया जाता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक अपने पोर्टफोलियो में 10 फीसदी तक निवेश गोल्ड में करना चाहिए.
फिजिकल गोल्ड का बना हुआ है आकर्षण
आज गोल्ड में निवेश के बहुत विकल्प हैं लेकिन कॉइन्स, बार्स या ज्वैलरी के रूप में फिजिकल गोल्ड का चार्म लगातार बना हुआ है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी के चलते फिजिकल गोल्ड की बिक्री प्रभावित हुई और ऑनलाइन गोल्ड की खरीदारी बढ़ी. हालांकि वैल्यूवाइज ऑनलाइन गोल्ड मार्केट की महज 1-2 फीसदी हिस्सेदारी है.
डिजिटल गोल्ड की खरीदारी में ये हैं फायदे
- एमएमटीसी-पीएएमपी की प्रेसिडेंट (कंज्यूमर बिजनेस) अनीका अग्रवाल के मुताबिक फिजिकल गोल्ड के विपरीत डिजिटल गोल्ड में 1 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भी निवेश किया जा सकता है. इस वजह से इसके प्रति निवेशकों का रूझान बढ़ा है. इसके विपरीत फिजिकल गोल्ड में कम से कम 1 ग्राम के बराबर गोल्ड खरीदना पड़ सकता है. हालांकि डिजिटल गोल्ड और फिजिकल गोल्ड की खरीदारी पर 3 फीसदी की दर से टैक्स चुकाना होता है.
- अग्रवाल के मुताबिक डिजिटल गोल्ड की खरीदारी में सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसे रिडीम कर तुरंत नगदी हासिल किया जा सकता है और रिटर्न गोल्ड के भाव के मुताबिक मिलते हैं जबकि फिजिकल गोल्ड में शुद्धता को लेकर आशंका बनी रहती है.
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- डिजिटल गोल्ड में निवेश पर स्टोरेज फीस और जीएसटी चुकानी होती है. विंट हेल्थ के को-फाउंडर आजिंक्य कुलकर्णी के मुताबिक डिजिटल गोल्ड प्लेटफॉर्म के 3 फीसदी स्टोरेज फीस और 3 फीसदी जीएसटी के चलते रिटर्न कुछ कम हो जाता है. फिजिकल गोल्ड की खरीदारी पर भी तीन फीसदी की जीएसटी चुकानी होती है लेकिन स्टोरेज फीस की बचत हो जाती है. हालांकि फिजिकल गोल्ड की खरीदारी पर मेकिंग चार्जेज जैसे खर्च जुड़े होतें हैं और कहीं लॉकर में रखते हैं तो इसका भी चार्ज देना पड़ता है.
ETF और SGB में निवेश अधिक बेहतर
अग्रवाल के मुताबिक डिजिटल गोल्ड में निवेश पर डेट और इक्विटी की तुलना में कम रिस्क है और यह सबसे अधिक लिक्विड एसेट है. हालांकि कुलकर्णी के मुताबिक एसजीबी और ईटीएफ में निवेश पर सबसे अधिक रिटर्न पा सकते हैं. कुलकर्णी ने शॉर्ट टर्म के लिए गोल्ड ईटीएफ में निवेश की सलाह दी है और लांग टर्म के लिए एसजीबी में निवेश की सलाह दी है.
(आर्टिकल: राजीव कुमार)
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