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डिविडेंड देने वाले फंड 23 से 31% की दर से दे रहे हैं रिटर्न, इन इक्विटी स्‍कीम को पोर्टफोलियो में क्‍यों रखना चाहिए

म्यूचुअल फंड निवेशकों से जुटाई गई रकम को स्टॉक, बॉन्ड या रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) में निवेश करते हैं. इन निवेश से होने वाली आय, जैसे स्टॉक डिविडेंड, बॉन्ड यील्ड और एसेट्स का किराया, फंड की कुल आय में योगदान देता है.

म्यूचुअल फंड निवेशकों से जुटाई गई रकम को स्टॉक, बॉन्ड या रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) में निवेश करते हैं. इन निवेश से होने वाली आय, जैसे स्टॉक डिविडेंड, बॉन्ड यील्ड और एसेट्स का किराया, फंड की कुल आय में योगदान देता है.

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Sushil Tripathi
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Mutual Fund : डिविडेंड यील्ड फंड उनके लिए सही हो सकते हैं, जो जो लंबे समय तक निवेश करने की सोच रहे हैं. जो रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहे हैं. (AI Generated)

Dividend Yield Funds : डिविडेंड यील्ड फंड एक तरह के इक्विटी म्यूचुअल फंड होते हैं, जो उन कंपनियों में निवेश करते हैं जो नियमित रूप से डिविडेंड (Dividend Payment) देती हैं. जिस तरह से बहुत सी कंपनियां अपने स्टॉक खरीदने वालों को समय समय पर डिविडेंड देती रहती हैं, उसी तरह से म्यूचुअल फंड्स के जरिए भी डिविडेंड का फायदा मिलता है. इन फंड्स (Mutual Fund) का मुख्य उद्देश्य है लंबी अवधि में पूंजी में बढ़ोतरी करना. जब कंपनियां डिविडेंड देती हैं, तो इससे निवेशकों को एक्‍स्‍ट्रा इनकम भी मिल सकती है. किसी को भी अपने पोर्टफोलियो में डिविडेंड फंड क्‍यों रखना चाहिए, इस पर LIC म्‍यूचुअल फंड एसेट मैनेजमेंट कंपनी के सीनियर फंड मैनेजर, दीक्षित मित्‍तल ने विस्‍तार से जानकारी दी है. 

कमाई और ग्रोथ, दोनों का मौका

डिविडेंड यील्ड फंड में निवेश करने से आपको दो तरह से फायदा हो सकता है:

डिविडेंड से आय : अगर कंपनियां मुनाफे में से कुछ हिस्‍सा निवेशकों को बांटती हैं, तो आपको भी उसका हिस्सा मिल सकता है.

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शेयर के दाम बढ़ने से फायदा : अगर कंपनियों के शेयर की कीमत बढ़ती है, तो आपके निवेश की वैल्‍यू भी बढ़ती है. 

लॉन्‍ग टर्म में फायदेमंद होते हैं डिविडेंड यील्ड फंड

जो कंपनियां नियमित रूप से डिविडेंड देती हैं, उन पर फोकस करना लंबी अवधि में निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकता है. हालांकि, ये फंड्स इक्विटी (शेयर बाजार) से जुड़े होते हैं, इसलिए इन पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर पड़ सकता है. 

डिविडेंड यील्ड फंड उनके लिए सही हो सकते हैं, जो जो लंबे समय तक निवेश करने की सोच रहे हैं. जो रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहे हैं. जिन्हें रेगुलर आमदनी की जरूरत है और जो सिस्‍टमैटिक विद्ड्रॉल प्‍लान (SWP) के जरिए पैसा निकालना चाहते हैं. 

3 साल में 22 से 27% रिटर्न 

ICICI Pru Dividend Yield Fund : 26.99%
LIC MF Dividend Yield Fund : 25.03%
ABSL Dividend Yield Fund : 22.82%
HDFC Dividend Yield Fund : 22.42%
UTI Dividend Yield Fund : 21.62%

5 साल में 23 से 31% रिटर्न 

ICICI Pru Dividend Yield Equity Fund : 30.63%
Franklin India Dividend Yield Fund : 27.07%
LIC MF Dividend Yield Fund : 24.38%
ABSL Dividend Yield Fund : 23.84%
UTI Dividend Yield Fund : 22.68%

टैक्स के नियम भी समझें 

डिविडेंड यील्ड फंड में निवेश करने से पहले, निवेशकों को इससे जुड़े टैक्स नियमों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. इन फंड्स में आमतौर पर IDCW (इनकम डिस्‍ट्रीब्‍यूशन कम कैपिटल विद्ड्रॉल ) ऑप्शन होता है. अगर आपको IDCW के तहत कोई पेमेंट मिलता है, तो उस पर आपको अपने इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना पड़ता है. 

कैपिटल गेन्‍स टैक्स भी  : जब आप फंड के यूनिट्स को बेचते हैं, तो उससे होने वाले फायदे पर भी टैक्स लगता है:

अगर यूनिट्स 1 साल से कम समय के लिए रखते हैं, तो उस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्‍स टैक्स लगता है.

अगर यूनिट्स 1 साल से ज्‍यादा समय  के लिए रखते हैं तो उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्‍स टैक्स लगता है.

डिविडेंड यील्ड फंड को कैसे परखें

अगर आप डिविडेंड यील्ड फंड में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

1. ट्रैक रिकॉर्ड : जिन फंड्स की लंबी हिस्‍ट्री रही है, उनकी परफॉर्मेंस को अलग-अलग मार्केट स्थितियों में देखा जा सकता है. ऐसे फंड्स जो उतार-चढ़ाव वाले समय में भी ठीक प्रदर्शन करें, वे ज्यादा भरोसेमंद हो सकते हैं.

2. डिविडेंड से जुड़ी जानकारी : फंड का औसतन डिविडेंड यील्ड कितना है, क्‍या पोर्टफोलियो में शामिल कंपनियां रेगुलर डिविडेंड देती हैं. पिछले सालों में डिविडेंड बढ़ा है या नहीं. डिविडेंड देने की क्षमता आमतौर पर कंपनी के मुनाफे, रिटर्न रेश्‍यो और भविष्य की ग्रोथ की जरूरतों पर निर्भर करती है.

3. वैल्यूएशन का जोखिम : कुछ कंपनियां बहुत ज्यादा डिविडेंड देती हैं क्योंकि उनके पास पैसा फिर से निवेश करने के मौके नहीं होते. ऐसी कंपनियां अक्सर “वैल्यू ट्रैप” बन जाती हैं, यानी देखने में तो सस्ती लगती हैं, लेकिन भविष्य में ज्यादा ग्रोथ नहीं होती. 

बाजार की मौजूदा स्थिति 

आज की मार्केट स्थिति में, जहां अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है और ब्याज दरों में बदलाव संभव है, बहुत से निवेशक ऐसे इक्विटी फंड्स की तलाश में हैं जो स्थिरता और आय दे सकें. डिविडेंड यील्ड फंड, अगर सोच-समझकर चुने जाएं, तो ऐसी रणनीति में अच्छा योगदान दे सकते हैं. 

भारत में कई कंपनियां हैं जो मजबूत कैश फ्लो देती हैं, और पैसे को समझदारी से खर्च करती हैं, जिनमें डिविडेंड यील्ड रणनीति को अपनाया जा सकता है.

क्‍या निकला निष्कर्ष 

डिविडेंड यील्ड फंड उन निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं जो शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं और जिनका जोखिम लेने का स्तर बहुत अधिक है. ये फंड जोखिम को पूरी तरह से खत्म नहीं करते, लेकिन ये उन मजबूत और डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश करते हैं जो मार्केट में उतार-चढ़ाव को कुछ हद तक संभाल सकती हैं.

हर म्यूचुअल फंड की तरह, निवेशकों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि फंड का चुनाव अपने जोखिम लेने की क्षमता, अपेक्षित रिटर्न और अपने फाइनेंशियल लक्ष्य के हिसाब से ही करें. अगर आप सही तरीके से विश्लेषण करें और अनुशासन के साथ निवेश करें, तो डिविडेंड यील्ड फंड आपके लंबी अवधि के पोर्टफोलियो में एक अच्छा योगदान दे सकते हैं.

(डिस्क्लेमर (Disclaimer) : यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है. इसमें दी गई राय, विचार और जानकारी केवल एक्सपर्ट की ओर से  है. जरूरी नहीं कि ये एक्सपर्ट की संस्था, नियोक्ता या किसी अन्य समूह की राय हो. इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर निवेश रणनीति बनाना उचित नहीं है. इसमें दिए गए सेक्टर केवल उदाहरण के लिए हैं. पिछले प्रदर्शन की गारंटी नहीं है कि भविष्य में भी वैसा ही रिटर्न मिलेगा् फंड हाउस, उनके सहयोगी या कोई भी संबंधित व्यक्ति इस जानकारी के उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे.)

Mutual Fund Dividend Payment