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शादी के अवसर पर प्राप्त उपहार या विरासत के रूप में प्राप्त उपहार पर कोई टैक्स नहीं लगता है.
Income Tax Rules for Diwali Gifts : दिवाली या धनतेरस के मौके पर हम सभी अपने परिवार के सदस्यों और करीबी लोगों को गिफ्ट देना पसंद करते हैं. हम रिश्तेदारों और करीबियों को न केवल मिठाई देते हैं बल्कि कैश, सोना और चांदी जैसे महंगे उपहार भी देते हैं. हालांकि, हम में से ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता है कि कुछ उपहारों में टैक्स भी लगता है. अगर आपको भी दिवाली के मौके पर महंगे गिफ्ट मिलते हैं तो आपको सचेत रहने की जरूरत है वरना आप पर इनकम टैक्स का बोझ बढ़ सकता है. आयकर अधिनियम की धारा 56 (2) के अनुसार, एक वित्तीय वर्ष में प्राप्त उपहारों पर 'अन्य स्रोतों से आय' के रूप में स्लैब दर के अनुसार कर लगाया जा सकता है. यहां हमने त्योहारों के दौरान या किसी वित्तीय वर्ष के दौरान प्राप्त उपहारों पर लगने वाले टैक्स के बारे में बताया है.
किस तरह के गिफ्ट पर लगता है टैक्स
सभी तरह के उपहारों पर टैक्स नहीं लगता है. टैक्स लगेगा या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि गिफ्ट किस तरह का है और इसे आपको किसने दिया है. इन सभी के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हैं. ऐसे गिफ्ट जो कैश के तौर पर और बिना किसी प्रतिफल के प्राप्त होते हैं, उन पर टैक्स लगाया जा सकता है. बिना किसी प्रतिफल का मतलब यह है कि बदले में आप गिफ्ट देने वाले को कुछ नहीं दे रहे हैं.
Clear के फाउंडर और CEO अर्चित गुप्ता के अनुसार, आभूषण, बुलियन, मूर्तियां, पेंटिंग आदि जैसे उपहारों पर टैक्स तब लगता है, अगर उनका फेयर मार्केट वैल्यू (FMV) 50,000 रुपये से ज्यादा है. गुप्ता ने FE ऑनलाइन को बताया, “अचल संपत्ति और फेयर मार्केट वैल्यू के लिए स्टांप ड्यूटी वैल्यू के आधार पर टैक्स योग्यता तय की जाती है. एक उपहार बिना प्रतिफल के, जहां अचल संपत्ति के मामले में स्टांप ड्यूटी वैल्यू और चल संपत्ति के मामले में FMV 50,000 रुपए से ज्यादा है, ऐसे स्टांप शुल्क मूल्य या एफएमवी प्राप्तकर्ता पर कर लगाया जाता है.” आयकर अधिनियम में कहा गया है कि एम्प्लॉयर से कैश के रूप में प्राप्त उपहार कर्मचारी के लिए पूरी तरह से कर योग्य है.
किस तरह के गिफ्ट पर नहीं लगता टैक्स
आयकर अधिनियम 1961 ने रिश्तेदारों से प्राप्त उपहारों के मामले में टैक्स में छूट दी है. गुप्ता ने बताया कि एक्ट के अनुसार ‘रिश्तेदार’ शब्द को पति या पत्नी, भाई या बहन, पति या पत्नी का भाई या बहन, माता-पिता या सास ससूर में से किसी का भाई-बहन, पति या पत्नी का कोई वंशज के तौर पर परिभाषित किया गया है. इसका मतलब है कि अगर आप अपने परिवार में माता-पिता, भाई और उसकी पत्नी, बहन और उसके पति, पत्नी / पति और बच्चों और उनके जीवनसाथी से उपहार प्राप्त करते हैं तो आपको कोई कर नहीं देना होगा. हालांकि, दोस्तों सहित किसी अन्य शख्स से प्राप्त उपहारों पर कर तब लगाया जाता है अगर वह उसकी वैल्यू 50,000 रुपये से ज्यादा हो.
शादी के मौके पर मिले गिफ्ट पर नहीं लगता टैक्स
दिलचस्प बात यह है कि शादी के अवसर पर प्राप्त उपहार या विरासत के रूप में प्राप्त उपहार पर कोई टैक्स नहीं लगता है. गुप्ता ने कहा, "भले ही गिफ्ट देने वाला कोई भी हो, अगर प्राप्तकर्ता को उनकी शादी के अवसर पर उपहार दिया जाता है या उपहार विरासत के माध्यम से या वसीयत के तहत स्थानांतरित किया जाता है, तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगता है." अगर एम्प्लॉयर अपने कर्मचारी को वस्तु के रूप में उपहार देता है, तो उपहार तभी कर योग्य होता है जब उसका मूल्य 5,000 रुपये या इससे ज्यादा हो.
(Article : Rajeev Kumar)
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