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Investment Tips : भारत के युवाओं में 40 साल की उम्र तक पैसिव इनकम का एक मजबूत सोर्स बनाने का आइडिया भी पॉपुलर हो रहा है. (Pixabay)
Finacial Freedom Before 40 : आज के तेज रफ्तार जीवन में, आर्थिक आजादी (Financial Freedom) अब सिर्फ अमीरों का सपना नहीं रहा, अगर समझदारी से प्लानिंग करें तो यह लक्ष्य आप भी हासिल कर सकते हैं. आज के दौर में खासतौर से युवाओं की सोच बदल रही है और वे कम उम्र में रिटायरमेंट प्लान (Retirement Planning) करना चाहते हैं. लेकिन उम्र बढ़ने के साथ ही वित्तीय जिम्मेदारियां भी बढ़ती जाती हैं. खासतौर से 40 साल से बाद का दौर इस मामले में बेहद अहम होता है. ऐसे में 40 वर्ष की उम्र तक पैसिव इनकम का एक मजबूत सोर्स बनाने का आइडिया भी पॉपुलर हो रहा है. भारत के युवा आज इस दिशा में तेजी से सोच रहे हैं. अच्छी सैलरी, ऑनलाइन कमाई के मौके और फाइनेंशियल प्लानिंग को लेकर जागरूकता इसमें मदद कर रही हैं. तो भारत जैसे देश में यह सपना कैसे पूरा हो सकता है? चलिए एक प्रैक्टिकल रोडमैप देखते हैं.
Step 1: अपना फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस नंबर (FI नंबर) तय करें
आर्थिक आजादी का मतलब है कि आपके पास इतना पैसा हो कि बिना नौकरी किए भी, आपकी जिंदगी आराम से चल सके.
एक आसान फॉर्मूला है 25x नियम : आपका सालाना खर्च × 25 = FI नंबर
उदाहरण: अगर आपका सालाना खर्च 10 लाख रुपये है, तो आपको 2.5 करोड़ रुपये चाहिए.
इसमें आपके निवेश से सालाना 4 फीसदी का सेफ विद्ड्रॉल रेट मान लिया गया है.
तो पहले अपने खर्चों को समझिए : इसमें घर, हेल्थ, ट्रैवल, बच्चों की पढ़ाई आदि शामिल करें.
Step 2: जल्दी शुरुआत करें और ज्यादा बचत करें
समय ही आपका सबसे बड़ा साथी है. कंपाउंडिंग का जादू तभी चलता है जब आप जल्दी निवेश शुरू करें.
कम से कम 30-50% तक बचत का लक्ष्य रखें.
अगर आपकी सैलरी 50,000 रुपये है तो 15,000-25,000 रुपये बचाएं.
खर्चों में कटौती करें : महंगे फोन प्लान की जगह सस्ता विकल्प लें, घर पर खाना बनाएं, और इनकम बढ़ने पर भी जीवनशैली को सीमित रखें.
Step 3: भारतीय बाजार में समझदारी से निवेश करें
सिर्फ सेविंग से अमीरी नहीं आती है, इसके लिए निवेश (Investment) जरूरी है.
म्यूचुअल फंड्स और SIP : 20,000 रुपये की मंथली SIP 15 साल में 1 करोड़ रुपये तक बना सकती है.
शेयर मार्केट : अगर आप रिस्क ले सकते हैं तो अलग अलग सेक्टर की मजबूत कंपनियों में निवेश करें. निवेश के पहले रिसर्च करें या किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें.
रियल एस्टेट : दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में किराये से अच्छी इनकम मिलती है. अगर बजट कम है, तो REITs में निवेश करें. ये 6-8% तक सालाना रिटर्न दे सकते हैं.
फिक्स्ड इनकम : PPF, EPF, और डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करें. PPF टैक्स-फ्री है और इसमें 7.1% सालाना रिटर्न है.
Step 4: पैसिव इनकम के सोर्स बनाएं
डिविडेंड इनकम : 50 लाख का पोर्टफोलियो अगर 3% डिविडेंड दे, तो सालाना 1.5 लाख कमाई.
ऑनलाइन वेंचर : ब्लॉग, यूट्यूब चैनल, या Udemy जैसे प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन कोर्स बनाएं.
रेंटल इनकम : एक छोटा फ्लैट भी 20,000-30,000 रुपये किराया दे सकता है.
Step 5 : टैक्स बेनेफिट लें, कर्ज से बचें
अगर आप पुरानी टैक्स व्यवस्था चुनते हैं, तो PPF, ELSS, इंश्योरेंस के जरिए सेक्शन 80C में 1.5 लाख रुपये तक बचत करें. सेक्शन 80CCD के तहत NPS में निवेश भी फायदेमंद है.
क्रेडिट कार्ड के कर्ज और गैरजरूरी लोन से बचें. अगर होम लोन लिया है तो जल्दी चुकाने की कोशिश करें.
Step 6 : नई स्किल सीखें और इनकम बढ़ाएं
डिजिटल मार्केटिंग, कोडिंग, डेटा एनालिटिक्स जैसी हाई-इन-डिमांड स्किल सीखें.
हर 2-3 साल में जॉब बदलकर या प्रमोशन मांगकर 20-30% सैलरी बढ़ाएं.
(story- sanjeev Sinha, source : scripbox)