/financial-express-hindi/media/post_banners/PrhnbsQzOizri17T4aLU.webp)
आज के समय में बच्चे की पढ़ाई के पीछे पेरेंट्स की पूरी जमा-पूंजी खर्च हो जाती है.
Education Loan: आज के समय में बच्चे की पढ़ाई के पीछे पेरेंट्स की पूरी जमा-पूंजी खर्च हो जाती है. देश में हायर एजुकेशन लगातार महंगी होती जा रही है. इतना ही नहीं, अगर आप अपने बच्चे को पढ़ाई के लिए विदेश भेजते हैं तो वहां भी आपको काफी पैसों की जरूरत पड़ेगी. बढ़ती महंगाई के चलते भी ऐसा हो सकता है कि इसमें आपके अनुमान से अधिक खर्च हो. रुपये में गिरावट की वजह से भी विदेशी विश्वविद्यालयों में हायर एजुकेशन महंगी होती जा रही है. इन्ही वजहों से ज्यादातर लोग पैसों की जरूरत को पूरा करने के लिए एजुकेशन लोन लेते हैं. हालांकि, एजुकेशन लोन के अलावा भी कई ऐसे तरीके हैं जिनकी मदद से आप हायर एजुकेशन के लिए फंड की जरूरत को पूरा कर सकते हैं. इन तरीकों की मदद से या तो आपको लोन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी या आपको कम लोन लेना पड़ेगा.
एजुकेशन लोन पर निर्भरता ऐसे कर सकते हैं कम
Kuhoo फिनटेक के फाउंडर प्रशांत ए भोंसले ने कहा, "वर्तमान समय में हायर एजुकेशन महंगी है. छात्रों को अक्सर अपने एजुकेशन के लिए लोन पर निर्भर रहना पड़ता है. इसलिए, यह जरूरी है कि वे अपने फाइनेंशियल प्लानिंग और उसका प्रबंधन करना सीखें ताकि वे इन लोन का भुगतान कर सकें और सही मायने में आत्मनिर्भर हो सकें.” भोंसले ने कुछ तरीके बताए हैं जिनकी मदद से स्टूडेंट्स एजुकेशन लोन पर अपनी निर्भरता को कम कर सकते हैं. ये तीन तरीके हैं-
- बचत/निवेश
- स्कॉलरशिप
- लोन
खर्चों का लगा लें अनुमान और उठाएं ये जरूरी कदम
आपको पढ़ाई के दौरान होने वाले खर्चों का सटीक अनुमान होना जरूरी है. खर्चों में ट्यूशन फीस समेत रहने, खाने से जुड़े अन्य खर्च शामिल हो सकते हैं. उपलब्ध फंड के अलावा जो अतिरिक्त फंड की जरूरत पड़ेगी उसे आप लोन लेकर पूरा कर सकते हैं. इसके साथ ही, आपको यह अनुमान भी लगा लेना चाहिए कि पढ़ाई के बाद उस फील्ड में आपकी सैलरी कितनी हो सकती है. इससे आपको यह समझने में आसानी होगी कि आप कितनी EMI वहन कर सकते हैं. यह ठीक नहीं है कि आप लोन की EMI के लिए भविष्य का इंतजार करें. इसके बजाए आपको वर्तमान में भी लोन चुकाने के लिए प्रयास शुरू कर देना चाहिए. आप अपने ही फील्ड में पैसा कमाने के लिए इंटर्नशिप / प्रोजेक्ट वर्क / पार्ट टाइम टीचिंग जॉब / रिसर्च असिस्टेंट जॉब जैसे विकल्पों पर विचार कर सकते हैं. दुनिया भर में कई मास्टर्स / पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन विकल्पों की पेशकश करते हैं ताकि यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सके कि स्टूडेंट्स को अपनी पैसों की जरूरत को पूरा करने में आसानी हो.
लोन लेने से पहले करें रिसर्च
सही फाइनेंशियल प्रोडक्ट चुनने के लिए रिसर्च करना जरूरी है. लोन के लिए सही बैंक या वित्तीय संस्थान का चुनाव करते समय आपको ब्याज दर, मोरेटोरियम पीरियड, कंसोलिडेशन ऑप्शन और री-पेमेंट प्लान जैसी चीजों का ध्यान रखना चाहिए. हमारे देश में प्रत्येक 100 योग्य छात्रों में से केवल 27 हायर एजुकेशन के लिए नामांकन करते हैं. वहीं, इसके मुकाबले रूस में 77 और अमेरिका में 84 छात्र हायर एजुकेशन का विकल्प चुनते हैं. भारत में हायर एजुकेशन को लेकर स्टूडेंट्स के रूझान में इस कमी की मुख्य वजह इसका महंगा होना है.
एजुकेशन लोन लेने के ये हैं फायदे
कुल-मिलाकर बात यह है कि अगर आप पढ़ाई के खर्चों को लेकर पहले से तैयार रहते हैं तो आप कई बड़ी समस्याओं से बच सकते हैं. भले ही यह आमतौर पर कहा जाता है कि लोन नहीं लेना चाहिए पर कभी-कभी लोन लेना फायदे का सौदा भी होता है. एजुकेशन लोन लेने के तीन अलग-अलग फायदे हैं-
- जिम्मेदारी का एहसास
- पेरेंट्स के रिटायरमेंट फंड की बचत
- आप एजुकेशन के दौरान पॉजिटिव क्रेडिट हिस्ट्री बना सकते हैं. आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर हो सकता है और इससे आपको भविष्य में लोन हासिल करने में आसानी हो सकती है.
(Article: Amitava Chakrabarty)