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ELSS Return: आपको अपना पैसा ऐसे विकल्प में लगाना चाहिए, जहां टैक्स का फायदा हो, साथ में हाई रिटर्न भी मिले. (Reuters)
ELSS Tax Saver Mutual Funds: कैपिटल मार्केट में टैक्स बचाने के लिए निवेश करने के कई विकल्प मौजूद हैं, जिनमें निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार निवेश करते हैं. लेकिन क्या आप किसी टैक्स सेविंग स्कीम में जब निवेश करते हैं तो अलग अलग विकल्पों में मिलने वाले रिटर्न के बारे में पहले पूरी जानकारी जुटाते हैं. अगर नहीं करते हैं तो आप खुद का नुकसान कर सकते हैं. सिर्फ टैक्स बचाने के लिए पैसा किसी स्कीम में 3 साल के लिए या 5 साल के लिए ब्लॉक कर देना सही तरीका नहीं है. आपकों अपना पैसा ऐसे विकल्प में लगाना चाहिए, जहां टैक्स का फायदा हो, साथ में हाई रिटर्न भी मिले. इसके लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) बेस्ट विकल्प हो सकता है.
ELSS: टैक्स सेविंग के साथ हाई रिटर्न
इसका जवाब है कि इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS). इसमें टैक्स सेविंग तो होती ही है, लंबी अवधि में आपकी दौलत में तेजी से इजाफा भी होता है. यह एक टैक्स सेवर म्यूचुअल फंड है, जो इक्विटी से लिंक्ड होता है. यानी इसमें आपके निवेश का बड़ा हिस्सा इक्विटी योजनाओं में लगाया जाता है. वहीं कुछ एक्सपोजर फिक्स्ड इनकम में भी होता है, जिसके जरिए आपका पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड हो जाता है. म्यूचुअल फंड की इस कैटेगरी में आईटी एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक निवेश पर टैक्स छूट मिलता है. हालांकि मार्केट लिंक्ड होने के चलते इसमें एफडी या एनएससी जैसी स्माल सेविंग्स की तुलना में कुछ जोखिम होता है. लेकिन इसमें एसआईपी के जरिए निवेश का सुरक्षित तरीका चुन सकते हैं.
5 साल में 18 से 28 फीसदी सालाना रिटर्न
क्वांट टैक्स प्लान: 27.77 फीसदी सालाना
SBI टैक्स एडवांटेज फंड: 26.62 फीसदी सालाना
SBI LT एडवांटेज फंड: 25.85 फीसदी सालाना
सुदंरम LT टैक्स एडवांटेज फंड: 22.42 फीसदी सालाना
बैंक आफ इंडिया टैक्स एडवांटेज फंड: 22.18 फीसदी सालाना
बंधन टैक्स एडवांटेज (ELSS) फंड: 19 फीसदी सालाना
मिरे एसेट टैक्स सेवर फंड: 18.66 फीसदी सालाना
JM ELSS टैक्स सेवर फंड: 18.60 फीसदी सालाना
(सोर्स : फंड परफॉर्मेंस डाटा- वैल्यू रिसर्च)
ELSS फंड क्यों हैं खास?
ELSS फंड में निवेश के जरिए टैक्स सेविंग के साथ ही हाई रिटर्न का डबल बेनेफिट मिल रहा है. यह लंबी अवधि में निवेशकों को अपनी दौलत बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. इसके अलावा, 80 सी के तहत अन्य टैक्स बचाने वाले विकल्पों की तुलना में ELSS में 3 साल की सबसे कम लॉक-इन अवधि है. लॉक-इन का एक बड़ा फायदा यह है कि लंबी अवधि तक अनुशासित रहकर निवेश को बढ़ावा मिलता है. यही आगे आपको वेल्थ क्रिएशन में मदद कर सकता है. 3 साल का लॉक-इन खत्म होने का मतलब यह नहीं है कि आपको फंड से बाहर निकलना जरूरी होगा, आप इसे आगे तक एक्सटेंड कर सकते हैं.
ELSS: SIP का भी है विकल्प
वित्त वर्ष के अंत में निवेशक आमतौर पर टैक्स बचाने के लिए कई विकल्पों को तलाशते हैं. साल के अंत में निवेश करने से, हम टाइमिंग का बेनेफिट मिस कर देते हैं और हो सकता है तब निवेश करते हों जब वैल्युएशन ऊंचा हो. ELSS निवेशकों को सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए निवेश करने की अनुमति देता है. इससे कास्ट एवरेजिंग का लाभ होता है. एसआईपी का फायदा यह है कि टैक्स सेविंग के लिए आपको एक साथ बड़ी रकम निवेश करने का दबाव नहीं होता.
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स
ELSS में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स लगता है, लेकिन 1 लाख तक की आय टैक्स फ्री है. जबकि 80C के तहत जिन फिक्स्ड इनकम वाले विकल्पों में छूट मिलती है, उनमें होने वाली पूरी आय टैक्सेबल है. इन टैक्स सेविंग योजनाओं का रिटर्न देखें तो इनमें 5 साल की टैक्स सेवर एफडी की तुलना में कहीं ज्यादा रिटर्न मिल रहा है. कुछ स्कीम ऐसी हैं, जिनमें 5 साल के दौरान एफडी के मुकाबले 3 गुना और यहां तक कि 4 गुना रिटर्न भी मिल रहा है.