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ELSS: टैक्स बचाने का सबसे अच्‍छा तरीका! 5 साल की FD की तुलना में 4 गुना रिटर्न, ये हैं टॉप रिटर्न वाले फंड

ELSS vs FD: असल में देश में टैक्‍स सेविंग के कई विकल्प मौजूद हैं, जिनमें निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार निवेश करते हैं और टैक्स बचाने के उपाय करते हैं.

ELSS vs FD: असल में देश में टैक्‍स सेविंग के कई विकल्प मौजूद हैं, जिनमें निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार निवेश करते हैं और टैक्स बचाने के उपाय करते हैं.

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Sushil Tripathi
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Tax Saving

ELSS Return: किसी भी अर्निंग मेंबर के लिए टैक्‍स सेविंग एक जरूरी उपाय है. (file image)

ELSS Tax Saver Mutual Funds: पर्सनल फाइनेंस की बात करें तो किसी भी अर्निंग मेंबर के लिए टैक्‍स सेविंग एक जरूरी उपाय है, जिसके जरिए वह अपने ही द्वारा की गई कमाई का ज्‍यादा हिस्‍सा हासिल कर सकता है. असल में किसी भी इनडिविजुअल को अपनी एनुअल इनकम के हिसाब से अलग अलग ब्रैकेट के तहत टैक्‍स देना पड़ता है. ऐसे में अगर समय से टैक्‍स बचत के उपाय नहीं किए गए तो यह आपके लिए बड़ी भूल साबित हो सकती है. अब बात जब टैक्‍स सेविंग क‍ी आती है तो यहां भी कुछ बातों का ध्‍यान रखना जरूरी है. मसलन जिस योजना में आप पैसे लगा रहे हैं, वहां आपको रिटर्न कितना मिल रहा है. यह देखना जरूरी है कि सिर्फ टैक्‍स बचाने के लिए किसी ऐसी योजना में निवेश तो नहीं कर रहे, जहां रिटर्न महंगाई को भी मात नहीं दे पा रहा.

असल में देश में टैक्‍स सेविंग के कई विकल्प मौजूद हैं, जिनमें निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार निवेश करते हैं और टैक्स बचाने के उपाय करते हैं. लेकिन बेहतर यह है कि आप ऐसे विकल्प में पैसा लगाएं जिसमें टैक्‍स बचे ही, आपकी दौलत में तेजी से इजाफा हो. इसके लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) भारतीय निवेशकों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प के रूप में उभरा है. ELSS फंड न केवल अच्छे रिटर्न की संभावना प्रदान करते हैं, बल्कि आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्‍स बेनेफिट भी मिलता है.

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ELSS: टैक्‍स लाभ ही नहीं दौलत बढ़ाने में मददगार

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्‍स स्‍कीम (ELSS) एक टैक्स सेवर म्यूचुअल फंड है, जो इक्विटी से लिंक्ड होता है. यानी इसमें आपके निवेश का बड़ा हिस्सा इक्विटी योजनाओं में लगाया जाता है. वहीं कुछ एक्सपोजर फिक्‍स्‍ड इनकम में भी होता है, जिसके जरिए आपका पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड हो जाता है. इसमें टैक्‍स सेविंग तो होती ही है, लंबी अवधि में आपकी दौलत में तेजी से इजाफा भी होता है. म्‍यूचुअल फंड की इस कैटेगरी में आईटी एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक निवेश पर टैक्स छूट मिलता है. हालांकि मार्केट लिंक्ड होने के चलते इसमें एफडी या एनएससी जैसी स्माल सेविंग्स की तुलना में कुछ जोखिम होता है. लेकिन इसमें एसआईपी के जरिए निवेश का सुरक्षित तरीका चुन सकते हैं.

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SBI टैक्‍स एडवांटेज फंड- सीरीज III

5 साल का SIP रिटर्न: 28.54% सालाना
5 साल तक मंथली 5000 रुपये निवेश की वैल्‍यू: 6 लाख रुपये
एब्सॉल्यूट रिटर्न: 102%

5 साल का लम्प सम रिटर्न: 25.64% सालाना
1 लाख निवेश की 5 साल में वैल्‍यू: 3.14 लाख रुपये
एब्सॉल्यूट रिटर्न: 213%

पोर्टफोलियो में टॉप स्टॉक: Blue Star, ICICI Bank, SBI, Muthoot Finance, Bharti Airtel

Quant टैक्‍स प्‍लान

5 साल का SIP रिटर्न: 31.5% सालाना
5 साल तक मंथली 5000 रुपये निवेश की वैल्‍यू: 6.50 लाख रुपये
एब्सॉल्यूट रिटर्न: 117%

5 साल का लम्प सम रिटर्न: 25.31% सालाना
1 लाख निवेश की 5 साल में वैल्‍यू: 3.10 लाख रुपये
एब्सॉल्यूट रिटर्न: 209%

पोर्टफोलियो में टॉप स्टॉक: RIL, HDFC Bank, ITC, Larsen & Toubro, SBI

SBI लॉन्‍ग टर्म एडवांटेज फंड सीरीज IV

5 साल का SIP रिटर्न: 28.79 सालाना
5 साल तक मंथली 5000 रुपये निवेश की वैल्‍यू: 6.10 लाख रुपये
एब्सॉल्यूट रिटर्न: 103%

5 साल का लम्‍प सम रिटर्न: 23.28% सालाना
1 लाख निवेश की 5 साल में वैल्‍यू: 2.85 लाख रुपये
एब्सॉल्यूट रिटर्न: 185%

पोर्टफोलियो में टॉप स्टॉक: ICICI Bank, SBI, HDFC Bank, Bharti Airtel, Muthoot Finance

सुंदरम लॉन्‍ग टर्म एडवांटेज फंड सीरीज IV

5 साल का SIP रिटर्न: 29.31% सालाना
5 साल तक मंथली 5000 रुपये निवेश की वैल्‍यू: 6.17 लाख रुपये
एब्सॉल्यूट रिटर्न: 106%

5 साल का लम्प सम रिटर्न: 19.05% सालाना
1 लाख निवेश की 5 साल में वैल्‍यू: 2.39 लाख रुपये
एब्सॉल्यूट रिटर्न: 139%

पोर्टफोलियो में टॉप स्टॉक: Safari Industries (India), Equitas Small Finance Bank, KEI, Greenpanel, KSB

(सोर्स : फंड परफॉर्मेंस डाटा- वैल्यू रिसर्च)

FD की तुलना में 4 गुना तक रिटर्न

ऊपर दिए गए रिटर्न को देखें तो ELSS में टैक्‍स सेविंग के एक अन्‍य पॉपुलर विकल्प 5 साल की एफडी की तुलना में 4 गुना या इससे भी ज्यादा रिटर्न मिल रहा है. कुछ स्‍कीम ऐसी हैं, जिनमें निवेशकों का पैसा 5 साल में 3 गुना तक बढ़ गया है. इस पर सबसे बड़ा फायदा यह है कि टैक्स सेवर एफडी के 5 साल के मुकाबले ज्यादातर ELSS में लॉक इन पीरियड 3 साल का है. हालांकि लॉक इन के बाद भी इसे जारी रखने की सुविधा है. ELSS में लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन्स लगता है, लेकिन 1 लाख तक की आय टैक्स फ्री है. जबकि 80C के तहत जिन फिक्‍स्‍ड इनकम वाले विकल्‍पों में छूट मिलती है, उनमें होने वाली पूरी आय टैक्सेबल है.

Taxation Elss Elss Vs Ppf Tax Saving