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बाजार में निवेश करते समय सिर्फ रिटर्न के बारे में सोचना सही रणनीति नहीं है.
Best Tax Savings Scheme: बाजार में निवेश करते समय सिर्फ रिटर्न के बारे में सोचना सही रणनीति नहीं है. यह भी देखना चाहिए कि कहां निवेश करने पर ज्यादा बेनेफिट होगा, मसलन टैक्स की भी बचत कर पाएंगे या निवेश की लागत कम होगी. वैसे तो बाजार में टैक्स सेविंग के लिए विकल्प हैं, लेकिन आमतौर पर लोग फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) जैसी स्माल सेविंग्स स्कीम पर भरोसा करते हैं. फाइनेंशियल एडवाइजर म्यूचुअल फंड की ईएलएसएस (ELSS) स्कीम को भी बेहतर विकल्प मानते हैं. 5 साल के रिटर्न की तुलना में करें ELSS में FD या NSC के मुकाबले कई गुना रिटर्न मिल रहा है. हम यहां बेस्ट रिटर्न देने वाली ELSS स्कीम की जानकारी दे रहे हैं.
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SBI Tax Advantage Fund
5 साल का रिटर्न: 24% CAGR
5 साल में 1 लाख की वैल्यू: 2.94 लाख रु
5 साल में 5000 मंथली SIP की वैल्यू: 9.31 लाख रु
Quant Tax Plan
5 साल का रिटर्न: 22.1% CAGR
5 साल में 1 लाख की वैल्यू: 2.72 लाख रु
5 साल में 5000 मंथली SIP की वैल्यू: 9.30 लाख रु
Canara Robeco Equity Tax Saver Fund
5 साल का रिटर्न: 16% CAGR
5 साल में 1 लाख की वैल्यू: 2.10 लाख रु
5 साल में 5000 मंथली SIP की वैल्यू: 7 लाख रु
Mirae Asset Tax Saver Fund
5 साल का रिटर्न: 15% CAGR
5 साल में 1 लाख की वैल्यू: 2 लाख रु
5 साल में 5000 मंथली SIP की वैल्यू: 6.82 लाख रु
Bank of India Tax Advantage Fund
5 साल का रिटर्न: 14.72% CAGR
5 साल में 1 लाख की वैल्यू: 1.98 लाख रु
5 साल में 5000 मंथली SIP की वैल्यू: 6.97 लाख रु
FD, NSC पर कितना ब्याज
5 साल की FD पर ज्यादातर बड़े बैंक 5.5% से 6.5% ब्याज दे रहे हैं. वहीं कुछ स्माल फाइनेंस बैंक में यह 7 फीसदी भी है. जबकि पोस्ट ऑफिस की 5 साल की FD पर 6.7 फीसदी सालाना ब्याज है. पोस्ट ऑफिस की 5 साल की NSC पर 6.8 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है.
ELSS में निवेश के क्या हैं फायदे
बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि इस कटेगिरी में रिटर्न दूसरे टैक्स सेविंग स्कीम के मुकाबले हाई है. ELSS में से कम से कम 80 फीसदी एक्सपोजर इक्विटी में होता है. इस वजह से हायर रिटर्न की गुंजाइश बढ़ जाती है. इससे यह टैक्स सेविंग का पॉपुलर विकल्प हो गया है. ELSS के रिटर्न पर नजर डालें तो लंबी अवधि में यह एफडी या आरडी जैसे विकल्पों से बेहतर नजर आता है. अगर आप बाजार का कुछ रिस्क ले सकते हैं तो टैक्स सेविंग के लिए इसमें निवेश करना चाहिए. अच्छी बात है कि लॉक इन पीरियड पूरा होन के बाद भी निवेश जबतक चाहें जारी रख सकते हैं.
SIP का भी विकल्प
ELSS में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को भी चुन सकते हैं. ELSS में निवेश पर होने वाला लाभ और रिडम्पशन से मिली राशि पूरी तरह टैक्स फ्री होती है. ELSS के जरिए 1 साल में 1 लाख रुपए तक रिटर्न पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) को इनकम टैक्स से छूट है. हालांकि इस लिमिट से अधिक लाभ पर 10 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है.
(Disclaimer: यहां जानकारी म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन और एक्सपर्ट से बातचीत के आधार पर दी गई है. बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. इसलिए निवेश के पहले एडवाइजर से सलाह लें.)