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EPF निवेश का एक टैक्स-फ्री और रिस्क-फ्री विकल्प है. इसमें कंपाउंडिंग का भी फायदा मिलता है.
Employee Provident Fund: वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) की ब्याज दरों को 8.1 फीसदी से बढ़ाकर 8.15 फीसदी कर दिया गया है. हालांकि यह 4 दशक के लो लेवल से कुछ सुधरा है और महंगाई को लगातार मात देने वाला विकल्प है, साथ ही इसके कई और फायदे हैं, फिर भी जानकार इसे रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि EPF लंबी अवधि में एक बड़ा कॉर्पस तैयार कर सकता है, लेकिन बढ़ रही महंगाई की दर को देखें तो आज से 25 साल या 30 साल बाद उस कॉर्पस की वैल्यू जो आज है, उस समय उससे 30 या 40 फीसदी ही रह जाएगी. इसलिए ईपीएम एक स्मार्ट सेलेक्शन है, लेकिन पर्याप्त नहीं.
टैक्स फ्री और रिस्क फ्री
EPF निवेश का एक टैक्स-फ्री और रिस्क-फ्री विकल्प है. वहीं इसमें कंपाउंडिंग का भी फायदा मिलता है. वहीं इस पर मिलने वाला ब्याज 8.15 फीसदी महंगाई दर 6.4 फीसदी से ज्यादा है. EPF पर मिलने वाला ब्याज हमेशा से ही महंगाई दर की तुलना में ज्यादा रहा है. वहीं इसमें मौजूदा ब्याज दर एफडी, एनएससी, पीपीएफ या सुंकन्या जैसी पॉपुलर स्कीम की तुलना में ज्यादा है. अगर इस स्कीम में बिना समय समय पर निकासी के लंबे समय तक बने रहे तो 1.5 से 2 करोड़ का फंड जुटाना आसान है.
बड़ा फंड तैयार करने में मददगार
बहुत से लोगों को निवेश और बचत करते समय EPF के महत्व का अंदाजा नहीं होता है. लेकिन अगर EPF के पैसों को बिना समय समय पर विद्ड्रॉल किए रिटायरमेंट तक रखें तो अच्छा खासा फंड तैयार किया जा सकता है. बहुत से लोगों को इस पर ब्याज के कैलकुलेशन का पता नहीं होता है. हम आपको यहां बताते हैं कि आप रिटायरमेंट तक कितना फंड तैयार कर सकते हैं. ध्यान देने वाली बात है कि PF अकाउंट में जो राशि पेंशन फंड में जाती है, उस पर कोई ब्याज कैलकुलेट नहीं होता है.
ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारी EPFO के सदस्य हैं. EPFO आज की तारीख में करोड़ों अकाउंट होल्डर्स के खातों को मैनेज कर रहा है. इन अकाउंट्स में एम्प्लॉई और एम्प्लॉयर दोनों का बेसिक और डियरनेस अलाउंस मिलाकर 24 फीसदी हिस्सा डिपॉजिट होता है. हर साल इस EPF अकाउंट में जमा राशि पर सरकार ब्याज तय करती है. अभी इस पर ब्याज दर 8.15 फीसदी सालाना है.
कैलकुलेशन: अगर 25 की उम्र में बेसिक सैलरी 25000
उम्र: 25 साल
बेसिक सैलरी + DA: 25000 रु
रिटायरमेंट की उम्र: 60 साल
कर्मचारी की ओर से मंथली योगदान: 12 फीसदी
एम्प्लॉयर की ओर से मंथली योगदान: 3.67 फीसदी
EPF पर करंट ब्याज दर: 8.15 फीसदी
सैलरी में सालाना इंक्रीमेंट: 10 फीसदी
रिटायरमेंट पर फंड: 3.9 करोड़ रुपये
आज की कीमत और भविष्य की कीमत
किसी भी काम पर आज का खर्च: 1 करोड़ रुपये
महंगाई दर: 6.5 फीसदी
35 साल बाद उसी काम पर खर्च: 6.5 करोड़ रुपये
साफ है कि जिस तरह से महंगाई बढ़ रही है, किसी भी काम पर खर्च 30 साल बाद 6.5 गुना होगा. यह भी कह सकते हैं कि आज जिस काम पर 1 करोड़ खर्च हो रहे हैं, 30 साल बाद उस पर 6.5 करोड़ खर्च होंगे. उस हिसाब से ऊपर जो करीब 4 करोड़ का फंड बना है उसकी 35 साल असल वैल्यू सिर्फ 60 से 65 लाख ही रह जाएगा.
EPF में बढ़ा सकते हैं योगदान
इसमें ब्याज की समीक्षा हर साल होती है, लेकिन इसका फायदा यह है कि कंपाउंडिंग ब्याज होने से लंबी अवधि में इसका फायदा मिलता है. EPF में यह सुविधा है कि आप अपना मंथली योगदान बढ़ाने का भी विकल्प अपनी कंपनी से ले सकते हैं. बहुत सी कंपनियां ज्वॉइनिंग के समय यह विकल्प देती हैं. इससे कॉर्पस कुछ और बड़ा होगा. वहीं इसके अलावा इक्विटी लिंक कुछ विकल्पों में निवेश किया जा सकता है. जिससे भविष्य में पैसों को लेकर टेंशन कम हो.