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अब नौकरी के 1 साल बाद ही मिलेगी ग्रेच्युटी की रकम! मोदी सरकार ला रही है प्रावधान

प्रस्तावित लेबर कोड में वर्तमान के पांच साल की स्थिति की जगह एक साल सेवा पूरी होने पर ग्रेच्युटी का प्रावधान है.

प्रस्तावित लेबर कोड में वर्तमान के पांच साल की स्थिति की जगह एक साल सेवा पूरी होने पर ग्रेच्युटी का प्रावधान है.

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अब नौकरी के 1 साल बाद ही मिलेगी ग्रेच्युटी की रकम! मोदी सरकार ला रही है प्रावधान

प्रस्तावित लेबर कोड में वर्तमान के पांच साल की स्थिति की जगह एक साल सेवा पूरी होने पर ग्रेच्युटी का प्रावधान है.

employees will get gratuity after one year of employment modi government is working on new provision प्रस्तावित लेबर कोड में वर्तमान के पांच साल की स्थिति की जगह एक साल सेवा पूरी होने पर ग्रेच्युटी का प्रावधान है.

केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी की वजह से परेशान कर्मचारियों के लिए कई सामाजिक सुरक्षा के कदमों का प्रस्ताव किया है. गुरुवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्मचारियों के लाभ के लिए प्रस्तावित लेबर कोड में कई कदमों के बारे में बात की जिसमें फिक्स्ड टर्म नियुक्ति के लिए ग्रेच्युटी का भुगतान भी शामिल है. उन्होंने बताया कि प्रस्तावित लेबर कोड में वर्तमान के पांच साल की स्थिति की जगह एक साल सेवा पूरी होने पर ग्रेच्युटी का प्रावधान है.

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इसके लागू होने पर इससे उन कर्मचारियों को फायदा होगा जो पांच साल से पहले नौकरी छोड़ देते हैं या उनकी नौकरी चली जाती है.

लेबर कोड में कई नए प्रावधान

सीतारमण ने लेबर कोड में कई दूसरे प्रावधानों के बारे में भी बताया. इनमें प्लेटफॉर्म कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना को लॉन्च किया जाएगा. छंटनी वाले कर्मचारियों के लिए रि-स्किलिंग फंड को लाया जाएगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि सभी व्यवसायों को महिलाओं के लिए खोला जाएगा और उन्हें सुरक्षा उपायों के साथ रात में काम करने की भी इजाजत होगी. इसके अलावा असंगठित कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा फंड का प्रावधान होगा. न्यूनतम वेतन के अधिकार और वेतन का समय पर भुगतान सभी कर्मचारियों के लिए किया जाएगा जिसमें असंगठित कर्मचारी भी शामिल होंगे. वर्तमान में न्यूनतम वेतन का नियम केवल 30 फीसदी कर्मचारियों पर लागू होता है.

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सालाना हेल्थ चेकअप की होगी सुविधा

नेशनल फ्लोर वेज के लिए कानूनी प्रावधान पेश किया जाएगा. इससे न्यूनतम वेतन में क्षेत्रीय असमानता कम होगी. न्यूनतम वेतन के निर्धारण को आसान किया जाएगा. सभी कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे. कर्मचारियों के लिए सालाना हेल्थ चेकअप भी होगा.

अंतर-राज्यीय कर्मचारी की परिभाषा में बदलाव किया जाएगा जिससे नियोक्ता द्वारा सीधे तौर पर नियुक्त किए गए प्रवासी मजदूरों को शामिल किया जा सके. इसके अलावा प्रवासी मजदूरों के लिए वेलफेयर बेनेफिट्स की पोर्टेबिलिटी होगी. ESIC कवरेज का भी पूरे भारत में विस्तार किया जाएगा जिसमें सभी जिले और संस्थाएं जिनके 10 या उससे ज्यादा कर्मचारी हैं, शामिल होंगे.