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Check benefits, and details of term insurance with return of premium plan.
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने सब्सक्राइबर्स/मेंबर इंप्लॉइज को जीवन बीमा की सुविधा भी देता है. EPFO के सभी सब्सक्राइबर इंश्योरेंस स्कीम 1976 (EDLI) के तहत कवर होते हैं. इंश्योरेंस कवर की धनराशि EPFO मेंबर इंप्लॉई के वेज का 20 गुना है, जो कि मैक्सिमम 6 लाख रुपये तक है.
EDLI (इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस) स्कीम का क्लेम मेंबर इंप्लॉई के नॉमिनी की ओर से की इंप्लॉई की बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु होने पर किया जा सकता है. अब यह फायदा उन कर्मचारियों के पीड़ित परिवार को भी मिलेगा, जिसने मृत्यु से ठीक पहले 12 महीनों के अंदर एक से अधिक प्रतिष्ठानों में नौकरी की हो. इसमें एकमुश्त भुगतान होता है. EDLI में इंप्लॉई को कोई रकम नहीं देनी होती है.
कंपनी करती है योगदान
सभी जानते हैं कि ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी+DA का 12 फीसदी इंप्लॉई प्रोविडेंट फंड EPF में जाता है. 12 फीसदी का ही योगदान कंपनी/नियोक्ता की ओर से भी होता है. नियोक्ता के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी इंप्लॉई पेंशन स्कीम EPS में जाता है और बाकी EPF में.
लेकिन, इसके अलावा भी नियोक्ता की ओर से कुछ योगदान होता है. EDLI स्कीम में इंप्लॉई को किसी तरह का योगदान नहीं करना पड़ता है. कर्मचारी के बदले कंपनी प्रीमियम जमा करती है. प्रीमियम अमाउंट कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता का 0.50 फीसदी होता है. हालांकि, अधिकतम बेसिक सैलरी लिमिट 15 हजार रुपये ही काउंट होगी.
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क्लेम अमाउंट की कैलकुलेशन
EDLI स्कीम के तहत क्लेम की गणना कर्मचारी को मिली आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी+DA के आधार पर की जाती है. इस इंश्योरेंस कवर का क्लेम आखिरी बेसिक सैलरी+DA का 30 गुना होगा. इसके साथ 1.50 लाख रुपये का बोनस दिया जाता है. उदाहरण के तौर पर बेसिक सैलरी+DA अगर 15000 रुपये है तो इंश्योरेंस क्लेम (30 x 15,000) + 1,50,000= 6 लाख रुपये हुआ.
कैसे होगा बीमा राशि के लिए दावा?
यदि EPF सब्सक्राइबर की असमय मौत हो जाती है तो उसके नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी इंश्योरेंस कवर के लिए क्लेम कर सकते हैं. क्लेम करने वाला माइनर यानी 18 साल से कम उम्र का है तो उसकी तरफ से उसका अभिभावक क्लेम कर सकता है. इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को इंप्लॉई की मृत्यु का प्रमाण पत्र, सक्सेशन सर्टिफिकेट, माइनर नॉमिनी की ओर से अभिभावक द्वारा दावा किए जाने पर गार्जियनशिप सर्टिफिकेट और बैंक डिटेल्स देने की जरूरत होगी.
अगर PF खाते का कोई नॉमिनी नहीं है तो फिर कानूनी उत्तराधिकारी यह अमाउंट क्लेम कर सकता है. PF खाते से पैसा निकालने के लिए एंप्लॉयर के पास जमा होने वाले फॉर्म के साथ इंश्योरेंस कवर का फॉर्म 5 IF भी जमा करना होगा. इस फॉर्म को एंप्लॉयर सत्यापित करेगा.
यदि नियोक्ता उपलब्ध नहीं है, तो फॉर्म को निम्नलिखित में से किसी एक द्वारा वैरीफाई किया जाना चाहिए:
- गजटेड अधिकारी
- मजिस्ट्रेट
- ग्राम पंचायत के अध्यक्ष
- नगरपालिका या जिला स्थानीय बोर्ड के अध्यक्ष / सचिव / सदस्य
- पोस्टमास्टर या सब पोस्टमास्टर
- सांसद या विधायक
- CBT या EPF की क्षेत्रीय समिति के सदस्य
- बैंक मैनेजर (उस बैंक का) जिसमें खाता रखा गया था
एप्लीकेशन फॉर्म की अटेस्टेड कॉपी, सभी सहयोगी दस्तावेजों क साथ आयुक्त को सौंपनी होगी. उसके वेरिफाई करने के बाद क्लेम अमाउंट मिलेगा.