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EPFO subscribers can opt for higher pension now: सर्कुलर में ईपीएफओ ने उन कर्मचारियों की पेंडिंग केटेगरी को कवर कर दिया है, जो 1 सितंबर, 2014 को या उसके बाद सेवा में बने रहेंगे
EPFO subscribers can opt for higher pension now: काफी लंबे वक्त से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) के सब्सक्राइबर्स उच्च पेंशन स्कीम (Higher pension Scheme) के लिए मांग कर रहे थे. इन सभी के लिए एक खुशखबरी सामने आ रही है. EPFO के सब्सक्राइबर्स जिन्होंने पहले की विंडो के तहत उच्च पेंशन का विकल्प नहीं चुना था, उन्हें अब एक और विकल्प प्रदान किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक्शन
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 4 नवंबर, 2022 के आदेश के कंप्लायंस में ईपीएफओ ने सोमवार को अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश जारी किया कि कर्मचारियों को उच्च पेंशन के लिए किस तरीके से आवेदन करना चाहिए. ईपीएफओ ने अब ग्राहकों को पेंशन योग्य वेतन ( pensionable salary) की सीमा मासिक 15,000 रुपये से अधिक करने की अनुमति दी है, जिस पर ईपीएस के तहत पेंशन के लिए ‘रियल बेसिक सैलरी' के 8.33 फीसदी के बराबर राशि घटते हैं.
नए सर्कुलर में क्या है?
इस नए सर्कुलर में ईपीएफओ ने उन कर्मचारियों की पेंडिंग केटेगरी को कवर कर दिया है, जो 1 सितंबर, 2014 को या उसके बाद सेवा में बने रहेंगे. 20 फरवरी के एक सर्कुलर में, ईपीएफओ ने कर्मचारी पेंशन योजना के अपने सदस्यों और नियोक्ताओं ( (employee and the employer) के लिए उस प्रक्रिया को सार्वजनिक कर दिया है, जिसके तहत कर्मियों को ज्यादा पेंशन मिल सकती है. ईपीएफओ के अनुसार इस संयुक्त विकल्प का तीन तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है. पहला, वो कर्मचारी और नियोक्ता जिन्होंने 5,000 रुपये या 6,500 रुपये की वेतन सीमा से अधिक वेतन में योगदान दिया था, दूसरा वो जिन्होंने कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के सदस्य होने के दौरान संयुक्त विकल्प का प्रयोग नहीं किया और तीसरा वो लोग जो 1 सितंबर, 2014 से पहले सदस्य थे और उस तारीख को या उसके बाद भी सदस्य बने रहे. सोमवार के सर्कुलर में कहा गया है कि 1 सितंबर 2014 को या उससे पहले ईपीएस के सब्सक्राइबर बने रहने वाले कर्मचारियों के लिए एक ऑनलाइन सुविधा प्रदान की जाएगी, जिसके बारे में जल्द ही जानकारी दी जाएगी.
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EPS क्या है?
ईपीएस की गणना कंपनी के लाभ को उसके सामान्य स्टॉक के बकाया शेयरों से विभाजित करके की जाती है. ईपीएस, जिसे ईपीएफओ द्वारा एडमिनिस्टर्ड किया जाता है, कर्मचारियों को 58 वर्ष की आयु के बाद पेंशन प्रदान करता है. कर्मचारी और नियोक्ता (employee and the employer) दोनों कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12 फीसदी ईपीएफ में योगदान करते हैं. कर्मचारी का पूरा हिस्सा ईपीएफ में जाता है, जबकि नियोक्ता द्वारा किए गए 12 फीसदी योगदान को ईपीएफ में 3.67 फीसदी योगदान और ईपीएस में 8.33 फीसदी योगदान के रूप में विभाजित किया जाता है. इसके अलावा, भारत सरकार कर्मचारी की पेंशन के लिए भी 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है. कर्मचारी अपने पीएफ के हिस्से से पेंशन योजना में योगदान नहीं करते हैं.