/financial-express-hindi/media/media_files/2025/06/02/WXqdNhv4gtda2Y51yfMV.jpg)
EPFO Schemes : आप ईपीएफओ मेंबर हैं तो आपको प्रोविडेंट फंड बेनेफिट के अलावा पेंशन और इंश्योरेंस का भी फायदा मिलेगा. (Pixabay)
Employees Provident Fund Organisation : एंप्लाईज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन यानी ईपीएफओ (EPFO), भारत सरकार के तहत प्रमुख सोयाल सिक्योरिटी एजेंसी है. यह भारत में प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) को रेगुलेट और मैनेज करने के लिए जिम्मेदार है. ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए है. अगर EPFO के मेंबर हैं तो आपको 3 स्कीम का फायदा मिलेगा. जिसके जरिए नौकरी से लेकर रिटायरमेंट के बाद तक रुपये पैसे की टेंशन नहीं रहेगी.
1. EPF (भविष्य निधि)
EPF एक रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है. इसमें आपकी सैलरी का कुछ हिस्सा हर महीने जमा होता है और उतनी ही रकम आपकी कंपनी भी देती है. इस अकाउंट पर अभी 8.25% सालाना ब्याज मिल रहा है, जो लंबे समय में बड़ा फंड (Retirement Corpus) बनाने में अहम रोल निभा सकता है.
EPF खाते में डिपॉजिट के नियम
बेसिक सैलरी और डीए (DA) का 12 फीसदी हिस्सा हर महीने ईपीएफ खाते में ईपीएफओ सदस्यों की ओर से जमा होता है. इतनी ही रकम एंप्लायर यानी कंपनी भी जमा करती है. हालांकि कंपनी का कॉन्ट्रीब्यूशन दो भागों में बटता है. इसके 12 फीसदी में से 8.33% हिस्सा पेंशन फंड EPS में और 3.67% EPF खाते में जमा होता है.
रिटायरमेंट से पहले इन कंडीशन में ले सकते हैं एडवांस
मेडिकल ट्रीटमेंट
घर बनवाने, घर या प्लाट खरीदने, घर का रेनोवेशन कराने पर
परिवार में शादी विवाह के लिए
55 साल पूरा होने के बाद वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना के लिए
प्राकृतिक आपदा होने पर
1 महीने से ज्यादा समय तक बेरोजगार रहने पर
दिव्यांग के लिए उपकरण खरीदने पर
2. इम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS)
आप ईपीएफ (Employee Pension Fund) मेंबर हैं यानी प्रोविडेंट फंड के लिए सैलरी से पैसा कटता है, तो आपको जानना चाहिए कि आपका योगदान इम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) में भी होता है. इम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS), को मैनेज करने का काम EPFO का होता है. यह ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए (Pension Scheme) है.
इस योजना का लाभ तभी मिलेगा जब आपके नौकरी का कार्यकाल कम से कम 10 साल होगा. हालांकि रेगुलर पेंशन आपको 58 साल की उम्र पूरी होने के बाद मिलनी शुरू होगी. कुछ कंडीशंस में 10 साल की नौकरी की अनिवार्यता जरूरी नहीं होती.
कितनी रकम खाते में हर महीने जमा होगी
कंपनी द्वारा किए जाने वाले योगदान में से 8.33 फीसदी राशि कर्मचारी के पेंशन फंड (EPS) में जाती है. मौजूदा नियमों के अनुसार पेंशन योग्य सैलरी की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए है. ऐसे में 15000 X 8.33 /100 = 1250 रुपये हर महीने उसके पेंशन खाते में जाएंगे.
पेंशन के लिए ईपीएस कैलकुलेटर
मान लिया 25 साल में नौकरी शुरू की है और 58 की उम्र में रिटायर हो रहे हैं. यानी नौकरी की अवधि 33 साल रही. पुरानी पेंशन स्कीम के तहत अधिकतम पेंशन योग्य सैलरी 15000 रुपये है. मंथली पेंशन: 15,000X 33/70 = 7072 रुपए
कितने तरह की पेंशन
डेथ होने पर कर्मचारी की पत्नी या उसके भी न रहने पर बच्चों को पेंशन मिलता है.
पत्नी या बच्चों के न रहने पर माता पिता कोपेंशन मिलती है.
परिवार में कोई नहीं है तो नॉमिनी को पेंशन मिलेगी.
अपंग होने पर अपंगता पेंशन मिलेगी.
3. ईडीएलआई (EDLI)
EDLI (इम्प्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम), ईपीएफओ द्वारा दी जाने वाली एक जीवन बीमा योजना (Insurance) है जो संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को जीवन बीमा कवर प्रदान करती है. योजना में आपको अंशदान नहीं करना होता है, बल्कि नियोक्ता की ओर से हर महीने 0.5 फीसदी योगदान होता है.
योजना के तहत सेवा काल में कर्मचारी की डेथ होने पर एकमुश्त बीमा राशि उसके परिवार को मिलती है. यह अधिकतम 7 लाख रुपये हो सकती है, जो खाते में पिछले 12 माह के बैलेंस से तय हाती है.