/financial-express-hindi/media/post_banners/Yiuaj73UWKomumPYIqbo.jpg)
EPFO की कोविड-19 एडवांस सुविधा का लाभ उन सदस्यों का ज्यादा मिला, जिनकी मासिक सैलरी 15,000 रुपये से कम थी.
EPFO की कोविड-19 एडवांस सुविधा का लाभ उन सदस्यों का ज्यादा मिला, जिनकी मासिक सैलरी 15,000 रुपये से कम थी.रिटायरमेंट फंड बॉडी EPFO ने कोरोना लॉकडाउन के दो महीने अप्रैल और मई के दौरान 36.02 लाख क्लेम निपटाए और 11,540 करोड़ रुपये का भुगतान सदस्यों को किया. श्रम मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, EPFO सदस्यों की जरूरतों को देखत हुए कोविड-19 लॉकडाउन में सदस्यों को समय से सर्विस उलपब्ध कराई गई और उनके दावों का निपटान किया गया जिससे कि उनका जीवन आसान हो सके.
EPFO के बयान के अनुसार, लॉकडाउन के प्रतिबंधों के बावजूद मई और अप्रैल में 36.02 लाख क्लेम का निपटान कर 11,540 करोड़ की रकम डिस्बर्स की गई. इसमें 15.45 लाख क्लेम के तहत 4,580 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ, जोकि हाल ही में लॉन्च प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत लाए गए 'कोविड-19 एडवांस' से संबंधित थे. कोविड-19 एडवांस से EPFO सदस्यों को इस मुश्किल समय में काफी सहायता मिली है. खासकर उन सदस्यों को जिनकी मासिक सैलरी 15,000 रुपये से कम थी.
मंत्रालय के अनुसार, EPFO मेम्बर पेंडेमिक एडवांस सुविधा के तहत अपने EPF अकाउंट में जमा 75 फीसदी तक का नॉन-रिफंडेबल एडवांस या 3 महीने की बेसिक सैलरी और DA निकालने की इजाजत है. इनमें से जो भी कम है, वह निकाल सकते हैं. आंकड़ों के अनुसार, 74 फीसदी क्लेम उन लोगों के थे जिनकी मंथली सैलरी 15,000 रुपये से कम थी. जिन लोगों की सैलरी 50,000 से ज्यादा रही, उनके क्लेम निपटान सिर्फ 2 फीसदी रहे. वहीं, करीब 24 फीसदी क्लेम उन सदस्यों के रहे जो 15,000-50,000 मंथली सैलरी स्लैब में थे.
सोशल डिस्टैंसिंग के साथ EPFO में कामकाज
मंत्रालय के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों की पालना करते हुए EPFo ने 50 फीसदी से कम कर्मचारियों के साथ काम किया. कर्मचारियों की कमी के बावजूद ईपीएफओं ने कोविड19 एडवांस सुविधा के लिए क्लेम स्टेलमेंट अवधि करीब 10 दिन से घटाकर 3 दिन कर दिया. आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-मई 2019 33.75 लाख क्लेम निपटान में किए गए थे. जबकि अप्रैल-मई 2020 में 36.02 लाख क्लेम का रहा. इस तरह ईपीएफओ के कामकाज की प्रोडक्टिविटी बढ़ी है. कर्मचारियों के अलावा आर्टिफिकशल इंटेलिजेंस का रोल भी काफी अहम रहा.
बता दें, पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत जिन कंपनियों में 100 कर्मचारी तक मौजूद हैं और इनमें से 90 फीसदी कर्मचारी 15 हजार रुपये से कम महीने में कमाते हैं, ऐसी कंपनियों और उनके कर्मचारियों की ओर से EPF में योगदान मार्च से लेकर अगस्त 2020 तक के लिए सरकार की ओर से दिया जा रहा है.
/financial-express-hindi/media/agency_attachments/PJD59wtzyQ2B4fdzFqpn.png)
Follow Us