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ULIPs पर इक्विटी म्यूचुअल फंड के बराबर टैक्स लगेगा, फाइनेंस बिल 2021 में संसोधन

Finance Bill Amendment: संशोधित फाइनेंस बिल में कहा गया है कि हाई प्रीमियम वाले ULIPs पर न्यूनतम इक्विटी होल्डिंग की आवश्यकताएं लागू की गई हैं.

Finance Bill Amendment: संशोधित फाइनेंस बिल में कहा गया है कि हाई प्रीमियम वाले ULIPs पर न्यूनतम इक्विटी होल्डिंग की आवश्यकताएं लागू की गई हैं.

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FE Online
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ULIPs Equity Holding

Finance Bill Amendment 2021: संशोधित फाइनेंस बिल में कहा गया है कि हाई प्रीमियम वाले ULIPs पर न्यूनतम इक्विटी होल्डिंग की आवश्यकताएं लागू की गई हैं.

ULIPs Equity Holding Norms: लोकसभा में 127 सुधारों के साथ फाइनेंस बिल 2021 पास हो गया है. इसमें हाई प्रीमियम वाले यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसीज (ULIPs) के लिए भी कुछ प्रावधान किए गए हैं. संशोधित फाइनेंस बिल में कहा गया है कि हाई प्रीमियम वाले ULIPs पर न्यूनतम इक्विटी होल्डिंग की आवश्यकताएं लागू की गई हैं. बता दें कि ओरिजिनल फाइनेंस बिल में कहा गया था कि 2.5 लाख से अधिक सालाना प्रीमियम वाले ULIP में आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (10) (D) के तहत मेच्योरिटी पर उपलब्‍ध टैक्‍स एग्‍जेम्‍पशन का लाभ नहीं मिलेगा.

संशोधन में क्या कहा गया

इस तरह के यूलिप पर इक्विटी म्यूचुअल फंड के बराबर टैक्स लगेगा. इस संशोधन में आगे कहा गया है कि ऐसे हाई प्रीमियम यूलिप को कैपिटल गेंस टैक्स की बात आने पर इक्विटी म्यूचुअल फंड के बराबर कुछ न्यूनतम इक्विटी होल्डिंग थ्रेसहोल्ड को पूरा करना होगा. इस मिनिमम थ्रेसहोल्ड लिमिट को इंश्योरेंस पॉलिसी के पूरे टर्म के दौरान बनाए रखना होगा.

इक्विटी में कितना हिस्सा जरूरी

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बजट 2021 में कहा गया था कि उन ULIP को टैक्सेबल बना दिया गया था, जिनमें 2.5 लाख से ज्यादा सालाना प्रीमियम का भुगतान किया जाएगा. इन पर हुए कैपिटल गेंस पर उसी तरह से टैक्स लगेगा, जैसे कि इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड पर लगाया जाता है. संशोधित फाइनेंस बिल के अनुसार ऐसे ULIP अगर इक्विटी में सीधे निवेश करते हैं तो उनका 65 फीसदी एसेट्स इक्विटी में होना चाहिए. वहीं अगर वे ETFs जैसे इंस्टूमेंट्स के जरिए इक्विटी में सीधे निवेश नहीं करते हैं तो उनके एसेट्स का 90 फीसदी हिस्सा इक्विटी में होना चाहिए. अगर वे यह क्राइटेरिया बनाए रखने में फेल होते हैं तो उनमें मिले वाला रिटर्न किसी अन्य एसेट्स से कैपिटल गेंस माना जाएगा. यानी लंबी अवधि तक होल्ड करने पर उसमें इंडेक्सेशन के साथ 20 फीसदी टैक्स लगेगा.

बजट में क्या हुआ था एलान

बजट 2021 में कहा गया था कि अगर आप यूलिप में एक साल में 2.5 लाख रुपये से ज्‍यादा के प्रीमियम का भुगतान करते हैं तो सेक्‍शन 10 (10डी) के तहत उपलब्‍ध टैक्‍स एग्‍जेम्‍पशन हटा दिया गया है. यह नियम मौजूदा यूलिप पर लागू नहीं होगा. सिर्फ इस साल 1 फरवरी के बाद बेची गई पॉलिसियों पर ही यह प्रभावी होगा. इन पर हुए कैपिटल गेंस पर उसी तरह से टैक्स लगेगा, जैसे कि इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड पर लगाया जाता है. यानी इन पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा.

बजट के अनुसार, आयकर अधिनियम के मौजूदा प्रावधानों के तहत, पॉलिसी की अवधि के दौरान किसी भी व्यक्ति द्वारा भुगतान किए जा रहे वार्षिक प्रीमियम की राशि पर कोई कैप नहीं है. ऐसे कुछ उदाहरण सामने आए हैं जहां हाई नेट वर्थ वाले निवेशक यूलिप में भारी प्रीमियम के साथ निवेश करके इस क्लॉज के तहत छूट का दावा कर रहे हैं. भारी प्रीमियम के साथ यूलिप में इस तरह की टैक्स छूट देने से इस क्लॉज का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है.

इक्विटी ओरिएंटेड फंड की तरह प्रावधान

इसका मतलब है कि 2.5 लाख या इससे ज्यादा की प्रीमियम राशि यूलिप में निवेश को कैपिटल एसेट्स माना जाएगा. इस तरह के यूलिप को सेक्शन 112 ए के तहत एक इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड की तरह माना जाएगा. जिससे इक्विटी-ओरिएंअेड फंड की तरह उस पर टैक्स लगाया जा सके. इस तरह से सेक्शन 111A और 112A के प्रावधान ऐसे यूलिप की बिक्री या रीडेम्पशन पर लागू होंगे.

क्या है ULIP?

एक यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, एक ऐसा उत्पाद है जहां बीमा और निवेश लाभ एक साथ मिलता है. इन्हें बीमा कंपनियों द्वारा पेश किया जाता है. जब आप एक प्रीमियम का भुगतान करते हैं, तो इसका एक हिस्सा बीमा कंपनी द्वारा आपको बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है और बाकी का कर्ज और इक्विटी में निवेश करने के लिए उपयोग किया जाता है.

इस प्रोडक्ट में इंश्योरेंस और इंवेस्टमेंट का कॉम्बिनेशन 5 साल के लॉक-इन पीरियड के साथ आता है. ग्राहकों को रिस्क के हिसाब से लार्ज, मिड या स्मॉल कैप, डेट या बैलेंस्ड इन्वेस्टमेंट में निवेश करने की छूट दी जाती है. इसी के साथ अलग-अलग फंडों में स्विच करने की भी सुविधा मिलती है.

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