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Equity Vs Bond: ब्याज दरें कई बार बढ़ने की आशंका, बॉन्ड मार्केट की घटेगी चमक! निवेशकों को कहां लगाने चाहिए पैसे?

यूएस में 10 साल का बॉन्ड यील्ड 2.9 फीसदी पर पहुंच गया. वहीं भारत में भी 10 साल के सरकारी बॉन्ड यील्ड 7.151 फीसदी के हाई लेवल पर है.

यूएस में 10 साल का बॉन्ड यील्ड 2.9 फीसदी पर पहुंच गया. वहीं भारत में भी 10 साल के सरकारी बॉन्ड यील्ड 7.151 फीसदी के हाई लेवल पर है.

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Sushil Tripathi
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Equity Vs Bond: ब्याज दरें कई बार बढ़ने की आशंका, बॉन्ड मार्केट की घटेगी चमक! निवेशकों को कहां लगाने चाहिए पैसे?

इस साल की बात करें तो शुरू से ही अबतक दुनियाभर के बाजारों पर दबाव देखने को मिला है. (File)

Where to Invest in Current Scenario: इस साल की बात करें तो शुरू से ही अबतक दुनियाभर के बाजारों पर दबाव देखने को मिला है. इस साल की शुरूआत ऐसे समय में हुई थी, जब कैपिटल मार्केट के लिए कई निगेटिव फैक्टर मौजूद थे. जियोपॉलिटिकल टेंशन, महंगाई, हाई वेल्युएशन, कोविड 19 के चलते इक्विटी बाजारों में बिकवाली रही है. हालांकि दूसरी ओर बॉन्ड मार्केट में तेजी आई है. यूएस में 10 साल का बॉन्ड यील्ड 2.9 फीसदी पर पहुंच गया. वहीं भारत में भी 10 साल के सरकारी बॉन्ड यील्ड 7.151 फीसदी के हाई लेवल पर है. लेकिन अब आगे रेट हाइक साइकिल के चलते बॉन्ड मार्केट भी अनिश्चितता में फंस गए हैं. कह सकते हैं कि अभी इक्विटी और बॉन्ड मार्केट दोनों जगह अनिश्चितता की सिथति बन रही है. ऐसे में निवेशकों को कहां पैसे लगाने चाहिए.

बता दें कि साल 2022 के पहले 3 महीनों में घरेलू बेंचमार्क इंडेक्स से रिटर्न म्यूटेड रहा है. वहीं ग्लोबली जापान, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और यूरोप के बेंचमार्क इंडेक्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. वहीं मनी मार्केट में 10 साल के यूएस बॉन्ड यील्ड में इस साल अबतक लगभग दोगुनी तेजी आ चुकी है. यह 2.9 फीसदी पर है जो साल 2018 के अंतिम महीनों के बाद सबसे ज्यादा है. घरेलू लेवल पर भी बॉन्ड यील्ड में तेजी आई है.

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निवेशकों के लिए सतर्क रहकर फैसला लेने का दौर

BPN फिन​कैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि मौजूदा दौर निवेशकों के लिए चुनौतियों वाला है. महंगाई, जियोपॉलिटिकल टेंशन, सप्लाई साइड में डिस्टर्बेंस, कोरोना वायरस महामारी के चलते अभी भी डिमांड में रिकवरी नहीं हो पाई है. इक्विटी मार्केट पर पहले से ही दबाव है. महंगाई जिस तरह से बढ़ रही है, सेंट्रल बैंकों का रुख सख्त हो रहा है. यूएस में ब्याज दरें कई बार बढ़ने की आशंका है. घरेलू स्तर पर भी जल्द ही सस्ते ब्याज दरों का दौर खत्म हो सकता है. ऐसे में बॉन्ड मार्केट को लेकर भी अनिश्चितता बनी है. आगे ब्याज दरें बढ़ती हैं तो बॉन्ड मार्केट में गिरावट आ सकती है.

शॉर्ट या अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड बेहतर विकल्प

उनका कहना है कि जो निवेशक डेट में पैसा लगाना चाहते हैं, उन्हें अल्ट्राशॉर्ट टर्म या शॉर्ट टर्म फंड में ही पैसे लगाने की सलाह है. इनकी मेच्योरिटी अवधि 3 से 6 महीने की ही होती है. लॉन्ग् टर्म डेट फंड में पैसा लगाना अभी रिस्की लग रहा है. क्योंकि अगर दरें बढ़ती हैं तो उनका रिटर्न घट जाएगा. डेट निवेशकों को कम अवधि की मेच्योरिटी वाली स्कीम में पैसा लगाकर बाजार स्टेबल होने का इंतजार करना चाहिए.

इक्विटी निवेशक क्या करें?

निगम का कहना है कि इक्विटी अभी वोलेटाइल है और आगे कुछ दिनों तक बाजार में उतार चढ़ाव बने रहने की आशंका है. ऐसे में निवेशकों को एसेट अलोकेशन स्ट्रैटेजी पर चलना चाहिए. मल्टी कैप फंड भी बेहतर विकल्प है, जहां एक साथ लार्जकैप, मिडकैप और स्मालकैप में निवेश का मौका मिलता है. मिडकैप और स्मालकैप के लिए अभी इंतजार करना बेहतर है. एग्रेसिव इन्वेस्टर हैं और नजरिया लंबी अवधि का है तो लार्जकैप फंड कटेगिरी में भी कुछ पैसा डाल सकते हैं. सबसे बेहतर है कि निवेशक एसआईपी के जरिए बाजार में पैसे लगाएं. जहां एक मुश्त निवेश की बजाए मंथली बेसिस पर पैसे लगाने की सुविधा है. एसटीपी भी बेहतर विकल्प है.

(Disclaimer: यहां निवेश की सलाह एक्सपर्ट के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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