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Asset Allocation: गोल्ड vs इक्विटी vs डेट? मंदी की आशंका के बीच कैसे बनाएं मजबूत पोर्टफोलियो

Strong Portfolio: आपके पोर्टफोलियो में किस एसेट क्‍लास का कितना रेश्‍यो होना चाहिए, यह आपके रिस्‍क लेने की क्षमता पर निर्भर है.

Strong Portfolio: आपके पोर्टफोलियो में किस एसेट क्‍लास का कितना रेश्‍यो होना चाहिए, यह आपके रिस्‍क लेने की क्षमता पर निर्भर है.

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Sushil Tripathi
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Asset Allocation: गोल्ड vs इक्विटी vs डेट? मंदी की आशंका के बीच कैसे बनाएं मजबूत पोर्टफोलियो

Investment Strategy: मौजूद समय में एसेट अलोकेशन स्‍ट्रटेजी बेहतर तरीका है.

Make Your Portfolio Strong: साल 2022 निवेशकों के लिहाज से एक कठिन समय रहा है. हम साल 2022 के अंत में आ गए हैं, लेकिन बाजार में अनिश्चितताएं अभी कायम हैं. रूस और यूक्रेन जंग के चलते जियो पॉलिटिकल टेंशन, महंगाई, रेट हाइक और आगे मंदी की आशंका जैसे फैक्‍टर अभी भी बाजार में मौजूद हैं, जिनके चलते बाजार पर दबाव मौजूद है. एक्‍सपर्ट भी मान रहे हैं कि भले ही बाजार का लंबी अवधि का आउटलुक मजबूत है, नियर टर्म में करेक्‍शन दिख सकत है. ऐसे में निवेशकों के मन में यह सवाल है कि मौजूदा समय में एक मजबूत पोर्टफोलियो कैसे तैयार करें.

अलग अलग एसेट क्‍लास के जरिए पोर्टफोलियो

BPN फिनकैप के सीईओ और डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि बाजार में अनिश्चितताएं अभी मौजूद हैं. शॉर्ट टर्म की बात करें तो ग्‍लोबल सेंटीमेंट बहुत अच्‍छे नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में किसी एसेट क्‍लास पर फोकस करने की बजाए अलग अलग एसेट क्‍लास पर ध्‍यान देना चाहिए. मौजूद समय में एसेट अलोकेशन स्‍ट्रटेजी बेहतर तरीका है. हालांकि निवेश के पहले यह जरूर दखें कि आपके फाइनेंशियल लक्ष्‍य क्‍या हैं, आपमें रिस्‍क लेने की कितनी क्षमता है, बाजार में आप कितना लंबा टिक सकते हैं. इन बातों को ध्यान में रखकर ही निवेश की प्लानिंग करें. उन्‍होंने अभी पोर्टफोलियो में 3 एसेट क्लास इक्विटी, डेट और गोल्ड शामिल करने का सुझाव दिया है.

इक्विटी vs गोल्‍ड vs डेट

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निगम का कहना है कि आपके पोर्टफोलियो में किस एसेट क्‍लास का कितना रेश्‍यो होना चाहिए, यह आपके रिस्‍क लेने की क्षमता पर निर्भर है. अगर आप एग्रेसिव इन्‍वेस्‍टर्स हैं यानी रिस्‍क लेने का तैयार हैं और लंबी अवधि तक बाजार में टिकना चाहते हैं तो पोर्टफोलियो में इक्विटी, डेट और गोल्‍ड का रेश्‍यो 70:25:5 होना चाहिए. लेकिन आप माडरेट इन्‍वेस्‍टर हैं यानी ज्‍यादा रिस्‍क नहीं लेना चाहते तो यह रेश्‍यो 45:45:10 को होना चाहिए. अगर आप कंजर्वेटिव इन्‍वेस्‍टर हैं यानी रिस्‍क नहीं लेना चाहते तो यह रेश्‍यो 20:70:10 को होना चाहिए.

इक्विटी में कहां करें निवेश

उनका कहना है कि इक्विटी में अभी लार्ज एंड मिड कैप और मल्‍टीकैप कटेगिरी बेहतर है. जबकि डेट में शॉर्ट मैच्‍योरिटी वाले फंड और डायनमिक बॉन्‍ड फंड बेहतर विकल्‍प हो सकते हैं.

गोल्‍ड में निवेश

स्टैंडर्ड एसेट अलोकेशन के रूप में, पोर्टफोलियो का 10 फीसदी आमतौर पर जोखिम वाले निवेश से हेज के लिए गोल्ड में रखा जाता है. इसके लिए सॉवरेन गोल्ड बांड भी बेहतर विकल्प है, जिसमें 2.5 फीसदी सालाना रिटर्न अतिरिक्‍त बेनेफिट मिलता है. वहीं मैच्येारिटी पर लांग टर्म गेंस टैक्स से छूट मिलती है. गोल्‍ड हेजिंग का काम भी करता है. इसमें बाजार की वोलेटिलिटी या मंदी जैसी स्थिति में सुरक्षा मिलती है, लिक्विडिटी भी बेहतर है.

(Disclaimer: कैपिटल मार्केट में निवेश जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने स्तर पर पड़ताल कर लें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श कर लें. फाइनेंशियल एक्सप्रेस किसी भी एसेट क्‍लास में निवेश की सलाह नहीं देता है.)

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