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Digital Transaction: भारत में 2016 में हुई नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट में काफी तेजी आई है. छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों तक के लोगों में से ज्यादातर आज डिजिटल पेमेंट को अपना रहे हैं और भारत को कैश बेस्ड इकोनॉमी से कैशलेस इकोनॉमी की ओर ले जा रहे हैं. डिजिटल पेमेंट काफी आसान और सुविधाजनक तो है लेकिन इसमें कुछ दिक्कतें भी मौजूद हैं. उदाहरण के तौर पर गलत अकाउंट नंबर या अमाउंट डल जाना, ट्रांजेक्शन फेल हो जाना आदि. लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर और कुछ समाधान अपनाकर इन दिक्कतों को दूर किया जा सकता है.
1. दो बार कट जाए पैसा
डिजिटल पेमेंट करते हुए कभी-कभी एक ही ट्रांजेक्शन के लिए दो बार पैसा कट जाता है. कई बार ऐसा होता है कि ट्रांजेक्शन फेल दिखता है और यूजर दोबारा पेमेंट कर देता है, जबकि पहली बार में भी पैसा कट चुका होता है. इस समस्या का एक ही हल है कि बैंक दूसरे पेमेंट का क्विक रिफंड जारी करें. कई बार पैसा अपने आप लौट आता है तो कई बार ग्राहक को कस्टमर केयर पर शिकायत या सूचना डालनी होती है.
2. कार्ड चिप काम करना कर दे बंद
कई बार ऐसा होता है कि ग्राहक अपने कार्ड को एटीएम या PoS मशीन में डालता है तो वह उसे रीड नहीं करते. इसकी एक वजह यह हो सकती है कि डेबिट या क्रेडिट कार्ड पर मौजूद ईएमवी चिप काम न कर रही हो. ऐसे में कार्ड को स्वाइप कर इस्तेमाल किया जा सकता है.
3. क्रेडिट/डेबिट कार्ड स्वीकार न हो रहे हों
कुछ डेबिट/क्रेडिट कार्ड ऐसे होते हैं, जो केवल कुछ ही टर्मिनल्स पर चलते हैं. जिन ग्राहकों को यह पता नहीं होता कि उनका कार्ड हर टर्मिनल पर एक्सेप्ट नहीं होगा, उन्हें मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए कार्ड धारक इस बात का पता जरूर रखें कि उनका डेबिट/क्रेडिट कार्ड हर टर्मिनल पर स्वीकृत है या फिर चुनिंदा टर्मिनल्स पर ही चलता है.
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4. नाकाम EMI ट्रांजेक्शंस
ईएमआई ट्रांजेक्शन करते वक्त कभी-कभी ट्रांजेक्शन सफल नहीं होता. जैसे अमाउंट कट हो जाता है लेकिन वह ईएमआई में कन्वर्ट नहीं होता. अगर ऐसा हो तो ग्राहक को इश्युअर से संपर्क कर ट्रांजेक्शन को ईएमआई में कन्वर्ट करवाना चाहिए. इश्युअर वह बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन है, जिसने क्रेडिट/डेबिट कार्ड जारी किया है.
5. गलत अमाउंट हो जाए एंटर
डिजिटल पेमेंट करते वक्त गलत अमाउंट एंटर हो जाने की संभावना रहती है. अगर गलत अमाउंट एंटर हो गया है और पेमेंट कर दिया है तो जिसे पेमेंट किया है, उससे संपर्क कर पुराने ट्रांजेक्शन को रद्द कर नया ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. चूंकि डिजिटल ट्रांजेक्शन में पैसा या तो बैंक अकाउंट या मोबाइल वॉलेट में जाता है तो यह पूरी तरह सेफ रहता है.
(लेखक सुनील खोसला इंडिया ट्रान्जेक्ट सर्विसेज लिमिटेड में डिजिटल बिजनेस के हेड हैं.)