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अपडेटेड रिटर्न की मदद से करदाता ITR भरने के दौरान की गई गलती या भूल को सुधार सकते हैं
यदि आप इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरते समय अपनी किसी आय की जानकारी देना भूल गए हैं, तो अब घबराने की जरुरत नहीं है. अब आप अगामी दो सालों में अपना आयकर रिटर्न भरते समय इसकी जानकारी दे सकते हैं. आयकर अधिनियम 2022 के अंतर्गत 1 अप्रैल 2022 से देश में अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) की सुविधा शुरू की जा चुकी है. इस एक्ट के जरिए आयकर अधिनियम की धारा 139 में नई उप धारा 8(A) को जोड़ा गया है.
केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में इससे जुड़ी जानकारियों को जारी किया गया है.
- अपडेटेड रिटर्न की मदद से करदाता ITR भरने के दौरान की गई गलती या भूल को सुधार सकते हैं.
- आरटीआई भरने के दो साल के अंदर टैक्सपेयर्स अपनी अघोषित आय की जानकारी दे सकते हैं.
- ITR-U के लिए सरकार द्वारा कुछ पेनल्टी तय की गई है, जिसके भूगतान के बाद कर दाता अपनी भूल को सुधार सकते हैं. जैसे यदि करदाता निर्धारण तिथि से 12 महीने के भीतर ITR-U दायर करते हैं तो उन्हें 25% जुर्माना देना होगा, जबकि 24 महीनों में ITR-U भरते हैं तो करदाता को 50 फीसदी तक का जुर्माना देना होगा.
- आयकर विभाग द्वारा आईटीआर-यू के लिए अलग से फॉर्म दिया जा रहा है, जिसकी मदद से ITR को अपडेट किया जा सकता है.
- करदाता अपने पहले की घोषित आय को कम नहीं कर सकते है.
ITR-U सुविधा का इस्तेमाल करदाता अपनी पिछली टैक्स योग्य आय को कम करने के लिए नहीं कर सकते. इस सुविधा का उपयोग सिर्फ अघोषित अतिरिक्त आय के खुलासे के लिये किया जा सकता है. जिसके बारे में करदाता पहले रिटर्न दाखिल करते समय किसी कारण या भूलवश जानकारी नहीं दे पाया था. करदाता कुछ जुर्माने का भूगतान करने के बाद अघोषित आय को ITR–U में दिखा सकते हैं.