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निवेशकों को इस वक्त मिड-स्मॉल कैप शेयरों में निवेश को लेकर सतर्क रहना होगा.
पिछले कुछ सप्ताह से मिड और स्मॉल कैप शेयरों में दिखी तेजी अब गिरावट का दौर में है. बुधवार को बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स पांच फीसदी से अधिक गिर गए. तेज मार्केट रैली की वजह से निवेशक मिड और स्मॉल कैप में मुनाफावसूली करने लगे हैं. इसलिए इसमें गिरावट शुरू हो गई है. बुधवार को शुरुआती कारोबार में ही बीएसई मिडकैप इंडेक्स 550 प्वाइंट यानी 2.12 फीसदी गिर गया वहीं स्मॉलकैप इंडेक्स 840 प्वाइंट यानी 2.84 फीसदी गिर गया. सवाल ये है कि निवेशक मिडकैप और स्मॉल कैप शेयरों में निवेश को लेकर क्या रणनीति अपनाएं.
मिड और स्मॉल कैप में फ्रेश एंट्री को लेकर सतर्क रवैया जरूरी
बाजार के विश्लेषकों का मानना है कि निवेशकों को इस वक्त मिड और स्मॉल कैप में फ्रेश एंट्री को लेकर सतर्क रहना चाहिए. खास कर मंगलवार को इन शेयरों में जो गिरावट दिखी, उसमें इन्हें यह रणनीति अपनानी होगी. निवेशकों को थोड़ा रुक कर इंतजार करना चाहिए ताकि वे मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों में फ्रेश पोजीशन ले सकें. मिड और स्मॉल कैप स्टॉक में प्राइस करेक्शन काफी तेज है क्योंकि निवेशक तेजी से लॉन्ग पोजीशन से निकलने रहे हैं. इस वक्त यह ऑल टाइम हाई पर है. यही है वजह है के ये इंडेक्स नीचे गिर कर रहे हैं. इस साल अब तक मिड और स्मॉल कैप सेंसेक्स और निफ्टी की तुलना में क्रमश: 47 और 61 फीसदी की दर से बढ़े हैं. लेकिन अक्टूबर में ये अब तक इनकी तुलना में 6 फीसदी ही बढ़े हैं.
करेक्शन निवेशकों के लिए बॉटम-अप का मौका
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में रिसर्च, ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन की एवीपी स्नेहा पोद्दार का कहना है कि मिड और स्मॉल कैप में तेज रैली के बाद अब इनमें प्रॉफिट बुकिंग देखी जा रही है क्योंकि कई शेयरों के दाम वास्तविक नहीं लग रहे हैं. हालांकि हम कुछ महंगे शेयरों को छोड़ भी दें तो मौजूदा करेक्शन निवेशकों के लिए बॉटम-अप का मौका मुहैया करा रहा है. कोरोना लॉकडाउन के खत्म होने और आर्थिक गतिविधियों तेजी, फेस्टिवल सीजन की खरीदारी और पहले रुके मांग के दिखने से निवेशकों का सामने यह मौका आया है कि वे बॉटम-अप मौके का फायदा उठाएं. फिलहाल कॉरपोरेट कंपनियों की ओर से लागत पर नियंत्रण और डिलीवरेज की वजह से बैलेंसीशीट और कैश फ्लो की स्थिति अच्छी है. फिलहाल मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अर्निंग डिलीवरी और कमाई की उम्मीदों से ही बाजार की दिशा तय होगी.