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FD, SSY, NSC, SCSS interest rate increased: सबसे ज्यादा बढ़ोतरी राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) में हुई है. अब 1 अप्रैल से 30 जून, 2023 की अवधि के बाद से करीब 7 से 7.5 फीसदी ब्याज मिलेगा.
FD, SSY, NSC, SCSS interest rate: सरकार ने शुक्रवार को अप्रैल-जून 2023 तिमाही के लिए अधिकांश पोस्ट ऑफिस बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 0.7 फीसदी तक की बढ़ोतरी की. वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि लोकप्रिय पीपीएफ के लिए ब्याज दरों को 7.1 फीसदी पर बरकरार रखा गया है, जबकि अन्य बचत योजनाओं में 0.1 फीसदी और 0.7 फीसदी के बीच की वृद्धि हुई है.
किस स्कीम पर कितना बढ़ा ब्याज
सबसे ज्यादा बढ़ोतरी नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) में हुई है. हालिया तिमाही संशोधन के बाद NSC पर ब्याज दर 7 फीसदी से बढ़कर 7.7 फीसदी हो गई है. नई ब्याज दर 1 अप्रैल से 30 जून 2023 के बीच किसी भी समय निवेश की गई राशि पर लागू होगा. सुकन्या समृद्धि के लिए नया रेट 7.6 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी कर दी गई है. वहीं सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम्स और किसान विकास पत्र पर ब्याज दर क्रमशः 8.2 फीसदी और 7.6 फीसदी है. बता दें कि पिछली तिमाही में भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई थी. अब इस रिवीजन के बाद डाकघरों के साथ एक साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर 6.8 फीसदी, दो साल के लिए 6.9 फीसदी, तीन साल के लिए 7 फीसदी और पांच साल के लिए 7.5 फीसदी मिलेगी. इसके आलावा पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) पर ब्याज दर 7.1 फीसदी बरकरार रखी गई है.
The rates of interest on various Small Savings Schemes for the first quarter (Q1) of financial year 2023-24 starting from 1st April, 2023 and ending on 30th June, 2023 have been revised as follows👇 pic.twitter.com/OwLr8MxhGU
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) March 31, 2023
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स्माल सेविंग स्कीम्स लोगों के बीच काफी पॉपुलर
अमूमन सरकार हर तीन महीने पर ब्याज दरों की समीक्षा करती है और अंत में इसे बढ़ाने का घटाने का फैसला करती है. स्माल सेविंग स्कीम्स लोगों के बीच में काफी पॉपुलर है क्योंकि यहां आपको रिटर्न की गारंटी मिलती है. सरकार ने कोविड काल के दौरान लगातार नौ तिमाहियों के लिए दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. लेकिन पिछले छह महीनों में, बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 30-140 आधार अंकों की बढ़ोतरी देखी गई है. छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें केंद्र सरकार द्वारा समर्थित हैं. यह रेट सरकारी सिक्पयोरिटी पर बाजार की यील्ड पर निर्भर करती हैं. इससे पहले जनवरी-मार्च की अवधि में केंद्र ने कुछ छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी.