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निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज का एलान करते समय पीएफ के मोर्चे पर कर्मचारियों और कंपनियों को राहत दी.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज का एलान करते समय पीएफ के मोर्चे पर कर्मचारियों और कंपनियों को राहत दी. सीतारमण ने एलान किया कि सरकार अगले तीन और महीने तक नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का एंप्लॉय प्रोविडेंट फंड (EPF) योगदान देना जारी रखेगी, जो कुल मिलाकर 24 फीसदी (12%+12%) होगा. सरकार जून, जुलाई और अगस्त के लिए भी योगदान देगी. इससे पहले सरकार ने मार्च, अप्रैल और मई के लिए योगदान देने का एलान किया था.
इससे 3.67 लाख कंपनियों के 72.22 लाख कर्मचारियों को 2500 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा. यह उन संस्थाओं के लिए है, जिनके पास 100 कर्मचारी तक मौजूद हैं जो इनमें से 90 फीसदी 15 हजार रुपये से कम महीने में कमाते हैं.
तीन महीने के लिए ईपीएफ योगदान घटा
इसके अलावा सरकार ने राहत देते हुए एक और बड़ा फैसला किया है. सरकार ने संस्थानों और कर्मचारियों के लिए अगले तीन महीने तक ईपीएफ योगदान को 12-12 फीसदी से घटाकर 10-10 फीसदी कर दिया गया है. सरकारी कंपनियों के लिए यह 12-12 फीसदी ही रहेगा. इससे 6750 करोड़ रुपये का लिक्विडटी सपोर्ट मिलेगा.
इस एलान से ईपीएफओ में कवर होने वाली लगभग 6.5 लाख कंपनियों और 4.3 करोड़ कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. यह स्कीम उन कर्मचारियों पर लागू होगी जो पीएम गरीब कल्याण पैकेज और उसके विस्तार के तहत 24 फीसदी का ईपीएफ सपोर्ट नहीं ले रहे हैं. इसका मकसद कर्मचारियों की घर ले जाने वाली सैलरी को बढ़ाना और नियोक्ताओं को पीएफ बकाया के भुगतान के मोर्चे पर राहत देना है.
MSME के लिए 6 बड़े एलान, 3 लाख करोड़ का कोलेटरल फ्री लोन; सेक्टर की परिभाषा में भी बदलाव
MSME सेक्टर के लिए भी एलान
सीतारमण ने बुधवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) सेक्टर के लिए 6 बड़े एलान किए. इसके तहत पहला एलान MSME, कुटीर व गृह उद्योगों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के कोलेट्रल फ्री ऑटोमेटिक लोन का रहा. वित्त मंत्री ने कहा कि इस कर्ज की समयसीमा 4 साल की होगी.