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Emergency Fund: रुपये-पैसे की कभी भी आ सकती है दिक्कत, मौजूदा हालात में कैसे बनाएं इमरजेंसी फंड

एक्सपर्ट मानते हैं कि अचानक आने वाली किसी भी आपात स्थिति जैसे- कैपिटल मार्केट में नुकसान, नौकरी चले जाने, मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए इमरजेंसी फंड रखना चाहिए.

एक्सपर्ट मानते हैं कि अचानक आने वाली किसी भी आपात स्थिति जैसे- कैपिटल मार्केट में नुकसान, नौकरी चले जाने, मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए इमरजेंसी फंड रखना चाहिए.

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Sushil Tripathi
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Emergency Fund: रुपये-पैसे की कभी भी आ सकती है दिक्कत, मौजूदा हालात में कैसे बनाएं इमरजेंसी फंड

आम आदमी के जीवन में रुपये पैसे को लेकर आपात की स्थिति कभी भी आ सकती है. (File)

How to Make Emergency Fund: आम आदमी के जीवन में रुपये पैसे को लेकर आपात की स्थिति कभी भी आ सकती है. इसलिए इसे लेकर पहले से तैयारी दुरुस्त रखना बहुत जरूरी है. एक्सपर्ट भी मानते हैं कि अचानक आने वाली किसी भी आपात स्थिति जैसे- कैपिटल मार्केट में भारी नुकसान, नौकरी चले जाने, मेडिकल इमरजेंसी आदि से निपटने के लिए हर किसी को इमरजेंसी फंड रखना चाहिए. वैसे भी पिछले 2 से 2.5 साल की बात करें कोरोना वायरस महामारी से आम आदमी के जीवन पर कई तरह से असर डाला है. जिसके बाद से इमरजेंसी फंड की अहमियत बढ़ी है. बहुत से लोग इस बारे में अब सोचने लगे हैं.

कहां लगाएं अपने पैसे

BPN फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि इमरजेंसी फंड का मतलब है कि पैसे ऐसी जगह निवेश करें, जहां लंबे समय के लिए ब्लॉक न हो. दूसरा जरूरत पड़ते ही लिक्विडिटी की समस्या न हो. हालांकि हर शख्स को अपनी फाइनेंशियल कैपेसिटी के आधार पर इमरजेंसी फंड बनाने के बारे में सोचना चाहिए. उनका कहना है कि कोविड 19 के चलते दुनियाभर की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अभी तक पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाई हैं. बहुत से लोगों के काम धंधे या रोजगरर पर भी जमकर असर पड़ा है. कैपिटल मार्केट में भी लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है. ऐसे में इमरजेंसी फंड की अहमियत हर समय बहुत ज्यादा है. उन्होंने फिलहाल इसके लिए आर्बिट्रॉज फंड, ओवरनाइट फंड, शॉर्ट टर्म की बैंक एफडी के साथ कुछ कैश बैंक में रखने पर जोर दिया है. उन्होंने अभी डेट फंडों की ज्यादातर कटेगिरी से दूर रहने की सलाह दी है.

इमरजेंसी फंड के कई लाभ

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PGIM इंडिया म्यूचुअल फंड के सीईओ अजीत मेनन का कहना है कि इमरजेंसी फंड आज के उेट में बहुत जरूरी है. यह सिर्फ आपात स्थिति के लिए ही नहीं है, बल्कि इसके रहने से आपका आत्मविश्वास भी बना रहता है. इमरजेंसी फंड पड़े रहने से आप टेंश्यान फ्री भी रह सकते हैं. उनका कहना है कि बाजार की स्थिति के आधार पर एडवाइजर से सलाह लेकर इमरजेंसी फंड तैयार करना चाहिए. उनका कहना है कि इमरजेंसी फंड बनाने के लिए सेफ एसेट क्लास में निवेश करना जरूरी है, ना कि वहां जहां रिटर्न बाजार के जोखिम से लिंक रहता है.

ओवरनाइट फंड

यह डेट फंड है जो एक दिन में मेच्योर होने वाले बॉन्ड में निवेश करता है. हर कारोबारी दिन की शुरुआत में बॉन्ड खरीदे जाते हैं जो अगले कारोबारी दिन मेच्योर होते हैं. सुरक्षित रिटर्न चाहने वालों के लिए ओवरनाइट फंड बेहतर विकल्प है, जहां मेच्योरिटी 1 दिन की होती है. 1 दिन की मेच्योरिटी होने से 100 फीसदी रकम कोलैटरलाइज्ड बॉरोइंग और लेंडिंग ऑब्लिगेशन मार्केट में निवेश करने के चलते यहां रिस्क कम हो जाता है. हालांकि 1 दिन मेच्योरिटी होने से इनमें रिटर्न कुछ कम है.

शॉर्ट टर्म की बैंक FD

कई बैंक 1 साल या इससे भी कम समय के लिए एफडी करने का भी विकल्प देते हैं. अधिकांश बैंकों में न्यूनतम एफडी 1000 रुपये से शुरू होती है. अधिकतम राशि कुछ भी हो सकती है.

आर्बिट्रॉज फंड

ये कैश मार्केट और डेरिवेटिव मार्केट में शेयरों के भाव में अंतर का फायदा उठाने के लिए अपने फंड का इस्तेमाल करता है. म्यूचुअल फंडों की ये स्कीमें कैश सेग्मेंट में शेयरों को खरीदती हैं और साथ-साथ उसी कंपनी के डेरिवेटिव सेग्मेंट में फ्यूचर बेचती हैं. यह तभी किया जाता है जब फ्यूचर उचित प्रीमियम पर कारोबार करते हैं. यह वजह है कि शेयर बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव के दौर में इस फंड का प्रदर्शन बेहतर रहता है. फंड मैनेजर इक्विटी में निवेश करने के बाद डेरिवेटिव मार्केट में उस सौदे को हेज करता है. इससे कैश मार्केट में खरीदे गए शेयर पर जोखिम काफी हद तक घट जाता है.

रेकरिंग डिपॉजिट (RD)

पोस्ट ऑफिस में आरडी पर 5.8 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. वहीं, अलग अलग बैंकों में 5 से 6 फीसदी के बीच ब्याज मिल रहा है. 1 साल तक की अवधि वाले आरडी को 10 साल तक के लिए आगे बढ़ा सकते हैं.

(Disclaimer: फाइनेंशियल एक्सप्रेस किसी भी तरह के निवेश की सलाह नहीं देता है. निवेश करने से पहले अपने स्तर पर पड़ताल करें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श अवश्य करें.)

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