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The redeemed proceeds would be subject to capital gains tax (short-term or long-term) depending on the holding period.
How to Invest in mutual funds : म्यूचुअल फंड में निवेश धैर्य और जोखिम की बेहतर समझ की मांग करता है. अगर आप म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने जा रहे हैं तो कुछ बातों को समझ लेना बेहद जरूरी है. हालांकि म्यूचुअल फंड में निवेश ऑप्शन की भरमार और बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए सही फंड का चुनाव आसान नहीं है. फिर भी म्यूचुअल फंड में निवेश से जुड़ी कुछ बुनियादी सावधानियों को ध्यान में रखेंगे तो आपको घाटा नहीं होगा.
पिछला रिटर्न बेहतर रिजल्ट की गारंटी नहीं
म्यूचुअल फंड (Mutual funds) के नए निवेशक सबसे बड़ी गलती फंड के पिछले रिटर्न को देख कर निवेश करने में करते हैं. पिछले रिटर्न को देख कर यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि आगे फंड कैसा प्रदर्शन करेगा. इसके अलावा मार्केट में सही वक्त पर एंट्री भी एक अहम पहलू है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर निवेशक को बाजार का पहले से अनुभव है तो म्यूचुअल फंड्स में वह लंबे समय तक बना रहता है.
स्थापित कंपनियों के पोर्टफोलियो के साथ निवेश करें
नए निवेशकों के लिए जरूरी है कि शुरू में स्थापित कंपनियों के फंड में निवेश करें. उनके पोर्टफोलियो पर गौर करें और फिर निवेश का फैसला लें. म्यूचुअल फंड में धीरे-धीरे निवेश बढ़ाएं. इसका सबसे अच्छा उपाय एसआईपी ( SIP) के जरिये निवेश करना है. बाजार कैसी भी हालत में हो Systematic Investment Plan यानी एसआईपी के जरिये निवेश सबसे अच्छा तरीका है.
शेयर बाजार के मौजूदा हालात में नए निवेशकों की रणनीति
शेयर बाजार अब तक के सर्वोच्च स्तर पर है. ऐसे में म्यूचुअल फंड के नए निवेशकों को इंडेक्स या लार्ज कैप फंड (Large Cap Mutual funds) में निवेश करना चाहिए. उन्हें मिड-कैप (Mid Cap) और स्मॉल कैप (Small Cap) में निवेश से बचना चाहिए क्योंकि बाजार के उतार-चढ़ाव में ये बुरी तरह प्रभावित होते हैं. अगर कोई निवेशक आज की तारीख में एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में 10 हजार रुपये निवेश करना चाहता है तो उसे एक इंडेक्स फंड (Index fund), एक फ्लैक्सी कैप (Flexi Cap fund ) फंड और एक वैल्यू फंड ( Value fund) का चुनाव करना चाहिए ताकि उन्हें डाइवर्सिफिकेशन का फायदा मिल सके.
म्यूचुअल फंड में निवेश लंबी अवधि के लिए सही है
म्यूचुअल फंड में निवेश छोटी नहीं लंबी अवधि में ही फायदेमंद साबित होता है. सही रिटर्न के लिए सात से दस साल तक समय देना पड़ता है. ज्यादातर निवेश एक साल में ही बेहतर रिटर्न की उम्मीद रखते हैं. लेकिन इतनी कम अवधि का रिटर्न देख कर म्यूचुअल फंड में निवेश की रणनीति बनाना ठीक नहीं है.
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश से हो सकता है फायदा
विशेषज्ञों के मुताबिक बैलेंस्ड एडवाइंटेज फंड नए निवेशकों के लिए सही रणनीति हो सकता है. बैलेंस्ड एडवांटेज फंड को डायनैमिक एसेट एलोकेशन फंड भी कहा जाता है. इसमें मार्केट कंडीशन के आधार पर 30 से 80 फीसदी इक्विटी एलोकेशन किया जाता है. अगर कोई नया निवेशक लंबी अवधि निवेश की योजना बनाता है तो भी उसे बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में ही निवेश की सलाह दी जाती है.