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निवेश की शुरुआत जितनी कम उम्र में की जाए आगे चलकर उतना ही लाभ होता है. निवेश सलाहकार भी हमेशा यही कहते हैं
निवेश की शुरुआत जितनी कम उम्र में की जाए आगे चलकर उतना ही लाभ होता है. निवेश सलाहकार भी हमेशा यही कहते हैं कि रेगुलर इनवेस्टमेंट जितनी जल्दी शुरू करेंगे उतना ही बेहतर होगा. लेकिन लेकिन नए निवेशक कई बार ऐसे फैसले कर बैठते हैं, जिससे उन्हें फायदे की जगह नुकसान उठाना पड़ सकता है. यहां हम आपको उन पांच गलतियों के साथ-साथ उनसे बचने के उपाय भी बता रहे हैं, जिन पर अमल करके नए और युवा निवेशक भी अपने इनवेस्टमेंट पर बेहतर और सुरक्षित रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
फाइनेंशियल लिटरेसी की कमी
फाइनेंशियल लिटरेसी पर ध्यान न देना बहुत बड़ी गलती है. कई बार नए और युवा निवेशक इस मामले में चूक कर जाते हैं. उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती कि उन्हें अपनी आमदनी का कितना हिस्सा कैसे और कहां निवेश करना चाहिए. उन्हें कंपाउंडिंग रिटर्न की खूबियों और निवेश में मौजूद रिस्क को बारे में पता नहीं होता है. इस जानकारी के अभाव में वे कई बार अपना बड़ा नुकसान कर बैठते हैं. अगर निवेश का फैसला करने से पहले आप पर्सनल फाइनेंस और निवेश की बारीकियों को अच्छी तरह से समझ लेंगे तो इस नुकसान से बचा जा सकता है. इसके लिए निवेश के बारे में जानकारी देने वाली किताबें पढ़ सकते हैं या फिर ऑनलाइन या ऑफलाइन सलाह देने वाले विशेषज्ञों की मदद ली जा सकती है.
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वित्तीय लक्ष्य और निवेश का प्लान तय न होना
इनवेस्टमेंट के बारे में फैसला करते समय युवा निवेशक दूसरी बड़ी गलती तब करते हैे, जब उनके सामने निवेश का लक्ष्य और उसे हासिल करने का पूरा रोडमैप नहीं होता है. अगर निवेश का टार्गेट ही तय नहीं है, तो बेहतर नतीजे मिलने की उम्मीद भी नहीं की जा सकती. अगर आप अपने निवेश करने को लेकर सीरियस हैं तो उसकी प्लानिंग अच्छी तरह से करें. समय देकर रिसर्च करें और तय करें कि आपके निवेश का लक्ष्य क्या है? निवेश एक स्ट्रैटेजी के तहत करें और अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए एसेट जुटाएं.
रातों-रात मुनाफा कमाने के लालच से बचें
शार्ट-टर्म गेन यानी कम से कम समय में मुनाफा हो जाए तो सबको अच्छा लगेगा. लेकिन हकीकत में ऐसा कम ही होता है. कई बार नौजवान किसी मशहूर शख्सियत या अपने किसी परिचित व्यक्ति के बेहद कम समय में अचानक हुई तरक्की को देखकर सोच लेते हैं कि वे भी निवेश करके रातों-रात अमीर हो जाएंगे. लेकिन बिना सोचे समय हड़बड़ी में उठाया गया कदम उनके लिए नुकसानदेह साबिक हो सकता है. युवाओं के लिए ये समझना बेहद जरूरी है कि निवेश एक लांग-टर्म डील है. इसके लिए संयम बहुत जरुरी है. जब आप किसी स्कीम में निवेश करते हैं तो प्रॉफिट मिलने में वक्त लगता है. आपका ध्यान फौरन मुनाफे कमाने पर नहीं, बल्कि बेहतर स्कीम में निवेश करने पर होना चाहिए, जो समय के साथ ग्रो करे और आपके भविष्य के लिए फाइनेंशियल सिक्योरिटी यानी वित्तीय सुरक्षा भी मुहैया कराए.
निवेश में डायवर्सिफिकेश का ध्यान रखें
आपको अपनी सारी बचत किसी एक ही स्कीम में निवेश करने से बचना चाहिए. अगर आप अपनी पूंजी को अलग-अलग योजनाओं और इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं, तो पैसे डूबने या खराब रिटर्न मिलने का रिस्क घटता है. मान लीजिए कोई एक स्कीम फेल भी हो जाए या उसका परफार्मेंस उम्मीद से कम हो, तो उसके नुकसान की भरपाई दूसरी जगह किए गए निवेश से की जा सकती है.
भावनाओं में बहकर न करें निवेश का फैसला
वित्तीय निवेश के मामलों में भावनाओं से काम न लें. जब भी आप निवेश करने की सोचे उससे जुड़ी जानकारियां जुटाएं. निवेश संबंधी रिसर्च करें और अपडेटेड रहें. इसके लिए फाइनेंशियल टर्म्स और कंसेप्ट्स की बुनियादी जानकारी होना बेहद जरुरी है. निवेश के बारे में कोई भी फैसला करने से पहले इकॉनमी, शेयर मार्केट या ग्लोबल मार्केट में हो रहे उतार-चढ़ावों और रुझानों को समझना भी जरूरी है.