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ULIPS: यूलिप्स में निवेश कैसे फायदेमंद, 5 प्वॉइंट में समझें

एक निवेशक ऐसे प्रॉडक्ट्स में अपना पैसा लगाना चाहेगा, जो न केवल उच्च रिटर्न दे बल्कि उसके जोखिम लेने की क्षमता से भी मेल खाए.

एक निवेशक ऐसे प्रॉडक्ट्स में अपना पैसा लगाना चाहेगा, जो न केवल उच्च रिटर्न दे बल्कि उसके जोखिम लेने की क्षमता से भी मेल खाए.

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ULIPS: यूलिप्स में निवेश कैसे फायदेमंद, 5 प्वॉइंट में समझें

यूलिप्स में 5 साल का लॉक इन पीरियड रहता है.

Benefits of Unit Linked Insurance Plan: किसी भी फाइनेंशियल प्रॉडक्ट में निवेश करने के पीछे प्रमुख कारण अच्छा रिटर्न पाना होता है. एक निवेशक ऐसे प्रॉडक्ट्स में अपना पैसा लगाना चाहेगा, जो न केवल उच्च रिटर्न दे बल्कि उसके जोखिम लेने की क्षमता से भी मेल खाए. अगर आप की भी यही सोच है तो यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान एक अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं. इन्हें यूलिप (Ulip) भी कहते हैं. लाइफ इंश्योरेंस की पेशकश करने के अलावा यूलिप्स निवेशक को वित्तीय बाजार के विभिन्न इंस्ट्रूमेंट्स जैसे स्टॉक्स व बॉन्ड्स में निवेश की इजाजत देते हैं.

यूलिप्स में 5 साल का लॉक इन पीरियड रहता है. यूलिप्स के कई फायदे हैं, जो उन्हें आकर्षक निवेश इंस्ट्रूमेंट बनाते हैं. इनमें से एक टैक्स बेनिफिट भी है. आइए बताते हैं कि एक निवेशक को क्यों यूलिप्स में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए.

फ्लेक्सिबिलिटीज

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प्रीमियम के भुगतान से लेकर फंड के सिलेक्शन तक, यूलिप्स में निवेश को लेकर कई फ्लेक्सिबिलिटीज हैं. अगर आपके पास निवेश के लिए मोटा अमाउंट है तो आप सिंगल प्रीमियम यूलिप के साथ जा सकते हैं. नहीं तो रेगुलर प्रीमियम भरने का विकल्प तो है ही. रेगुलर प्रीमियम यूलिप्स में निवेशक प्रीमियम का भुगतान सालाना या मासिक आधार पर कर सकता है. अगर आपको बोनस आदि मिला है, जिससे हाथ में ज्यादा पैसा है तो यूलिप्स में टॉप अप विकल्प भी रहता है. टॉप अप से आप मौजूदा प्रीमियम के ऊपर निवेश कर सकते हैं और ज्यादा फंड खड़ा कर सकते हैं.

यूलिप्स में निवेशक को अपनी जोखिम क्षमता और वांछित रिटर्न के हिसाब से फंड चुनने का विकल्प मिलता है. आप इक्विटी, बैलेंस्ड या डेट फंड विकल्पों में से चुनाव कर सकते हैं. इसके अलावा यूलिप्स आपको वित्तीय लक्ष्यों और जिंदगी के पड़ावों के आधार पर फंड्स स्विच करने का भी विकल्प देते हैं. कुछ न्यू एज यूलिप्स ऐसी इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी की पेशकश करते हैं, जहां इंश्योरर आपकी उम्र, वित्तीय लक्ष्य आदि के आधार पर निवेश को मैनेज करता है.

डबल फायदे

यूलिप्स अकेले ऐसे वित्तीय प्रॉडक्ट हैं, जो आपको निवेश के साथ इंश्योरेंस का भी विकल्प उपलब्ध कराते हैं. पॉलिसी खरीदने के वक्त आप सम एश्योर्ड का चुनाव कर सकते हैं. यह वह फिक्स अमाउंट होता है, जो बीमा कराने वाले की मौत के बाद उसके नॉमिनी को मिलता है. कुछ यूलिप्स बीमा कराने वाले को पॉलिसी की अवधि के दौरान सम एश्योर्ड बढ़ाने की भी इजाजत देते हैं.

लॉन्ग टर्म लक्ष्यों के लिए अच्छा विकल्प

यूलिप्स आपको लॉन्ग टर्म लक्ष्यों जैसे घर खरीदना, रिटायरमेंट, बच्चे की शिक्षा या शादी आदि को पूरा करने के लिए सिस्टैमेटिकली बचत करने में मदद करते हैं. चूंकि यूलिप्स में रेगुलर बेसिस पर निवेश कर आपका पैसा लगातार कंपाउंड होता रहता है और उच्च रिटर्न मिलने में मदद होती है. याद रखें कि लॉक इन पीरियड पूरा होने से पहले प्रीमियम का भुगतान रोकने या पॉलिसी सरेंडर करने से हो सकता है कि आपको उतना रिटर्न न मिले, जितने की उम्मीद थी.

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टैक्स बेनिफिट

यूलिप्स में किए जाने वाला प्रीमियम भुगतान पर आयकर कानून के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट है. वहीं मैच्योरिटी पर मिलने वाला अमाउंट भी सेक्शन 10 (10D) के तहत टैक्स से छूट प्राप्त है. यूलिप्स इक्विटी और डेट फंड्स के बीच टैक्स फ्री स्विचेस की भी पेशकश करते हैं लेकिन यह पॉलिसी के नियम व शर्तों पर बेस्ड होता है.

विदड्रॉअल सुविधा

यूलिप्स में आपके पास जरूरत पड़ने पर आंशिक निकासी का विकल्प रहता है. 5 साल का लॉक इन पीरियड पूरा होने के बाद आंशिक निकासी फीचर की मदद से आप इमरजेन्सी सिचुएशन को मैनेज कर सकते हैं.

(नोट: चूंकि यूलिप्स आपका पैसा बाजार में निवेश करते हैं, इसलिए प्रॉडक्ट के स्ट्रक्चर, चार्ज और फंड पर बाजार के उतार-चढ़ाव के असर के बारे में अच्छे से समझ लें.)

By: संजय तिवारी, डायरेक्टर- स्ट्रैटेजी, एक्साइड लाइफ इंश्योरेंस

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