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महंगाई चरम स्तर पर हो तो इन टिप्स को अपनाकर राहत पा सकते हैं
दुनियाभर में मंहगाई तेजी से बढ़ रही है इसकी वजह से महंगी हो रही चीजों का असर आप भी महसूस कर रहे होंगे. मंहगाई में हो रही वृद्धि से आपके बचत की वैल्यू लगातार घटती है. एवरेज कंज्यूमर इनफ्लेशन रेट 8% हो इसके मुकाबले आपकी परशनल इनफ्लेशन रेट इससे कही ज्यादा है. मध्यम स्तर की महंगाई इकोनॉमी के लिए फायदेमंद बताई जाती है. उच्च स्तर की महंगाई एक कंज्यूमर के रुप में आपके लिए और दूसरे निवेशक (इवेस्टर) दोनों के लिए काफी नुकसानदायक है. अर्थजगत के एक्सपर्ट की माने तो अभी कुछ दिनों तक महंगाई उच्च स्तर पर बनी रहेगी. ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में आपकी बचत पर उच्च स्तर के महंगाई का प्रभाव कैसे कम से कम हो उसके लिए यहां कुछ टिप्स बताए गए हैं जिसे जानना आपके लिए बेहद जरुरी है.
अपने 'पर्सनल इनफ्लेशन रेट' को कैलकुलेट करें
दो अलग-अलग दिनों में एक तरह के रोजमर्रा के जरुरी सामानों पर किए गए खर्चों की कीमतों का आपस में तुलना कर सकते हैं. इसके लिए आज के समय में आपके पास कई एडवांस मोबाइल एप्प या मैनेजमेंट टूल मौजूद हैं जिनकी मदद लेकर आप बहुत आसानी से अपने खर्चों को कैलकुलेट और पिछले दिन के मुकाबले आज हुए खर्चों की आपस में तुलना कर महंगाई के प्रभाव को समझ सकते हैं.
वहीं कंज्यूमर इनफ्लेशन परशनल इनफ्लेशन से बिल्कुल अलग है. कंज्यूमर इनफ्लेशन में खाने-पीने के चीजों की कीमतों में 11-14% की बढ़त और रेंट में गिरावट जैसे तमाम खर्चें शामिल होते हैं और इन सभी खर्चों में हुए वृद्धि को आप अच्छी तरीके से महसूस कर सकते हैं.
खर्चों में कटौती करें
महंगाई अपने उच्च स्तर पर हो तो ऐसे में गैर जरुरी चीजों पर खर्च करने से बचना चाहिए. यही सबसे बढ़िया तरीका भी है. अगर आप इस चीज को बखूबी समझना चाहते हैं तो इसके लिए आप अपने बैंक या क्रेडिट कार्ड के स्टेटमेंट को देख सकते हैं
महंगाई चरम पर हो तो खर्चों में कटौती के लिए आप काफी चर्चित 50:20:30 नियम भी अपना सकते हैं. इस नियम के तहत टैक्स देने के बाद बचे कुल कमाई का 50 फीसदी भाग जरुरी चीजों पर खर्च करने, 30 फीसदी भाग अपनी इच्छाओं को पूरा करने और 20 फीसदी हिस्सा बचाना चाहिए. इसके आलावा कई अहम नियम जिसे अपनाकर आप अपने खर्चों में कटौती कर सकते हैं.
रियल रिटर्न देने वाली स्कीम में निवेश करें
महंगाई चरम पर हो तो ऐसे समय में रियल रिटर्न तभी मिलता है जब आप अपनी बचत (सेविंग) से इनफ्लेशन रेट के प्रभाव में कटौती करते हैं. हालांकि आपको फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और इसके जैसी अन्य स्कीम पर बेहतर रिटर्न का लाभ नहीं मिल पाता है. ऐसे में आपको उन्ही स्कीम पर अपनी सेविंग खर्च करनी चाहिए जो आपको रियल रिटर्न की गारंटी दें.
सभी तरह के निवेश भी महंगाई को प्रभावित नहीं करते हैं
महंगाई अपने चरम पर होती है तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया उसे कंट्रोल करने के लिए ब्याज दरों में फेरबदल करता है. जिससे बिजनेस और अन्य सेक्टर प्रभावित होते हैं. ऐसे में स्टॉक मार्केट / कंपनियों में अपने बचत को निवेश करने से पहले चेक कर लें कि कंपनी का कारोबार कैसा चल रहा है. कई बार महंगाई के कारण कुछ कंपनियां से निकले प्रोडक्ट या ब्रांड में गिरावट देखने को मिलती है.
सैलरी बढ़ाने की मांग करें
चीजें महंगी हो रही है सेवाएं महंगी हो रही हैं तो ऐसे में आपके खर्चें भी बढ़ ही जाएंगे. इस स्थिति में आपको अपनी सैलरी बढ़ाने की मांग जरुर करना चाहिए.