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Fixed Deposit : एफडी में 2 तरह की स्कीम होती है, एक कम्युलेटिव और दूसरा नॉन कम्युलेटिव स्कीम. (Pixabay)
Monthly Income Fixed Deposit : फिक्स्ड डिपॉजिट की बात आती है तो आमतौर पर यही ध्यान आता है कि अपना पैसा कुछ समय के लिए लॉक कर मैच्योरिटी पर तय ब्याज कमाना है. लेकिन बहुत से लोगों को यह नहीं पता है कि फिक्स्ड डिपॉजिट में मंथली इनकम की भी सुविधा मिलती है. फिक्स्ड डिपॉजिट में मंथली इनकम की सुविधा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत कई प्रमुख बैंक देते हैं. अगर आप भी अपने खर्चों को कवर करने और अतिरिक्त इनकम करने के लिए मंथली फिक्स्ड डिपॉजिट इनकम की तलाश में हैं तो मंथली इंटरेस्ट पेआउट फिक्स्ड डिपॉजिट (Monthly Interest Payout Fixed Deposit) अच्छा विकल्प है. बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट मंथली इनकम स्कीम में निवेश के लिए अधिकतम जमा राशि पर कोई लिमिट नहीं रखते हैं. बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट मंथली इनकम स्कीम में नॉमिनेशन की सुविधा देते हैं. स्कीम पर लोन की भी सुविधा होती है.
रिटायरमेंट के बाद अच्छा विकल्प
मंथली इंटरेस्ट पेआउट फिक्स्ड डिपॉजिट रिटायरमेंट के बाद एक बेहतर विकल्प है. बहुत से लोग रिटायरमेंट के बाद अपनी जमा पूंजी ऐसे विकल्प में लगाना चाहते हैं, जहां रोज के खर्च के लिए कुछ रेगुलर इनकम होती रही. असल में एफडी में 2 तरह की स्कीम होती है, एक कम्युलेटिव और दूसरा नॉन कम्युलेटिव स्कीम. कम्युलेटिव स्कीम में एक लम्प सम अमाउंट फिक्स्ड टेन्योर के लिए जमा की जाती है. वहीं इसमें मैच्योरिटी पर में मूलधन और ब्याज दोनों जोड़कर रकम मिलती है. वहीं नॉन कम्युलेटिव स्कीम में रेगुलर पेआउट एक फिक्स इंटरवल पर किया जाता है. आवेदन करते समय ही आप मंथली, तिमाही, छमाही और सालाना पेआउट का विकल्प चुन सकते हैं. मंथली विकल्प चुनने पर हर महीने रकम खाते में आती है.
किसके लिए बेहतर विकल्प
जो निवेशक बाजार का जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, उनके लिए फिक्स्ड डिपॉजिट मंथली इनकम स्कीम बेहतर विकल्प है. इसके तहत फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश पर मंथली रिटर्न के रूप में एक निश्चित अमाउंट हर महीने मिलता है. वरिष्ठ नागरिकों को इस पर ब्याज सामान्य एफडी की तुलना में 50 बेसिस प्वॉइंट अधिक मिलता है. इसमें जो ब्याज सालाना बनता है, उसे 12 महीनों में डिवाइड कर हर महीने अकाउंट में भेज दिया जाता है. आमतौर पर नॉन कम्युलेटिव स्कीम भी 12 महीने से 60 महीने के लिए होती है. मैच्योरिटी पीरियड खत्म होने पर मूलधन आपको वापस मिल जाता है. आप इस स्कीम को फिर आगे के लिए शुरू कर सकते हैं.
एफडी मंथली इनकम के लिए योग्यता
-मंथली इनकम की सुविधा पाने के लिए कोई इंडिविजुअल या संगठन एफडी स्कीम शुरू कर सकते हैं.
-इंडिविजुअल की उम्र से कम से कम 18 साल होनी चाहिए.
-वे भारत में रहने वाले नागरिक या अनिवासी भारतीय हो सकते हैं.
-नाबालिग के नाम पर खाता खुल सकता है, हालांकि, उन्हें अपने माता-पिता के साथ संयुक्त खाते के रूप में खाता खोलना होगा.
-कंपनियां और हिंदी-संयुक्त-परिवार मंथली इनकम एफडी खाता खोल सकते हैं।
-कोई भी एसोसिएशन या संस्था खाता खोल सकती है.
क्या हैं टैक्स के नियम
अगर आप टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट खाते में निवेश करते हैं तो एक वित्त वर्ष में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत 1,50,000 रुपये तक की रकम पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं. अगर किसी वित्त वर्ष में मंथली इनकम या रिटर्न 40,000 रुपये से अधिक है तो बैंक 10 फीसदी टीडीएस काटता है. सीनियर सिटीजंस के मामले में यह रकम 50,000 रुपये है.
एफडी मंथली इनकम पर ब्याज दर (7 दिन से 10 साल)
HDFC Bank: 3% से 6.25%
SBI: 3.4% से 6.2%
Axis Bank: 2.50% से 6.25%
Kotak Bank: 3% से 5.8%
IDFC First Bank: 3.25% से 6.25%
Bank of Baroda: 3.30% से 5.75%
PNB: 3.40% से 5.75%
IDBI Bank: 3.20% से 5.75%
(सोर्स: बैंक वेबसाइट्स, बैंक बाजार, पॉलिसी बाजार)