/financial-express-hindi/media/post_banners/hkDgK7CUp9ZHF5NaGeCx.jpg)
सीनियर सिटीजन्स की जरूरतें अलग होती है, इसलिए उनके लिए निवेश की सट्रेटजी भी अलग होती है.
Fixed Deposit for Senior Citizens: सीनियर सिटीजन्स की जरूरतें अलग होती है, इसलिए उनके लिए निवेश की सट्रेटजी भी अलग होती है. रिटायरमेंट के बाद निवेशकों को अक्सर यह सलाह दी जाती है कि उन्हें कम जोखिम वाली जगहों में निवेश करना चाहिए, ताकि किसी तरह का बड़ा नुकसान न हो. एक्सपर्ट्स का मानना है कि सीनियर सिटीजन्स के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट एक बेहतर विकल्प हो सकता है. FD में कई तरह के फायदे जुड़े होते हैं, जैसे इसमें आप जरूरत पड़ने पर किसी भी समय पैसा निकाल सकते हैं. हालांकि, इसके लिए आपको कुछ पेनल्टी भरना होगा. आप FD के तहत, जितनी रकम चाहें, जमा कर सकते हैं और इसमें आपको सुनिश्चित रिटर्न मिलता है. इसके साथ ही, आप FD के बदले लोन भी ले सकते हैं
आज के समय में महंगाई बढ़ रही है और इसके साथ ही, कई बैंकों ने ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी का एलान भी किया है. ऐसे में सीनियर सिटीजन्स के लिए निवेश की रणनीति क्या होनी चाहिए, आइए जानते हैं.
लंबी अवधि वाले FD से बचें
अभी सीनियर सिटीजन्स को लंबी अवधि के लिए FD में निवेश से बचना चाहिए. शॉर्ट टर्म वाली FD निकट अवधि में परिपक्व होगी, इसलिए बढ़ती ब्याज दरों का फायदा उठाने के लिए इसे रिन्यू किया जा सकता है. लंबी अवधि में लॉक करने से सीनियर सिटीजन्स इसका फायदा नहीं उठा पाएंगे.
LIC IPO: पॉलिसीहोल्डर्स को मिलेगा डिस्काउंट, चेक करें क्या आप अप्लाई करने के लिए हैं एलिजिबल?
बैंक चुनते समय बरतें सावधानी
अलग-अलग बैंकों के ब्याज दरों में अंतर होता है. बड़े बैंकों में निवेश सुरक्षित होता है लेकिन इनमें ब्याज दरें तुलनात्मक रूप से अक्सर कम होती हैं. वहीं, छोटे बैंकों में रिटर्न अच्छा मिलता है लेकिन इन्हें निवेश के नज़रिए से रिस्की माना जाता है. इसलिए आपको निवेश करते समय सावधानी बरतनी चाहिए. आप बेहतर एवरेज रिटर्न के लिए अपनी जमा राशि को अलग-अलग बैंकों के बीच विभाजित कर सकते हैं.
बड़ी रकम को अलग-अलग अवधि के कई डिपॉजिट में करें डिवाइड
अगर आपने एक बड़ी रकम को फिक्स्ड डिपॉजिट किया है, तो इसे अलग-अलग अवधि के कई डिपॉजिट में डिवाइड किया जा सकता है. इससे आपके एवरेज रिटर्न में सुधार हो सकता है. जीवन के अलग-अलग पड़ाव में आपके पास लिक्विडिटी बनी रहेगी. इसके अलावा, आपके पास ब्याज दरों के बढ़ने पर इसे रिन्यू करने का विकल्प भी होगा. उदाहरण के लिए, अगर आपके पास 10 लाख रुपये की सिंगल डिपॉजिट राशि है, तो इसे पांच डिपॉजिट में डिवाइड कर सकते हैं. यानी प्रत्येक डिपॉजिट में 2 लाख रुपये होंगे. इसे अलग-अलग अवधियों जैसे एक वर्ष, दो वर्ष, तीन वर्ष आदि के लिए डिपॉजिट करें. प्रत्येक मैच्योरिटी के बाद, आप पैसों का इस्तेमाल हायर रिटर्न के लिए कर सकते हैं यानी फिर से निवेश कर सकते हैं.
शेयर बाजार में आने वाली है बड़ी गिरावट! क्या 14000 के लेवल तक कमजोर होगा Nifty? निवेशक क्या करें
ज्यादा ब्याज दर वाली एफडी में करें स्विच
अगर आपके पास पहले से लो-रेट वाली FD है, तो स्विच करने से पहले ब्याज़ दर बढ़ने का इंतज़ार करें. समय से पहले निकासी के लिए ब्याज जुर्माना उच्च दरों के लिए रिन्यू करके आपको मिलने वाले ब्याज से कम होना चाहिए. उदाहरण के लिए, अगर आप अपनी वर्तमान FD से बाहर निकलते हैं, जो 5% प्रति वर्ष का भुगतान करती है, तो आपको 0.5% का जुर्माना देना पड़ सकता है, और आपकी इफेक्टिव रेट घटकर 4.5% रह जाती है. हालांकि, अगर नई FD की ब्याज दर 6% प्रति वर्ष है, तो आपको पेनल्टी के बावजूद फायदा होगा. सीनियर सिटीजन निवेशक FD से होने वाली ब्याज आय पर एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये तक की कर कटौती का दावा कर सकते हैं. इसलिए, ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना उनके लिए ज्यादा रिटर्न प्राप्त करने का एक अच्छा अवसर हो सकती है.
(The author is CEO, BankBazaar.com)