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FD पर फिर बढ़ रही हैं ब्याज दरें, लेकिन जल्दबाजी में निवेश की बजाय अपनाएं ये रणनीति, बढ़ जाएगा रिटर्न

FD: एफडी की ब्याज दरें एक बार फिर बढ़ रही हैं लेकिन निवेश के लिए जरूरी है कि उचित तरीके से रणनीति बनाकर पैसे लगाए जाएं ताकि अधिक से अधिक रिटर्न हासिल किया जा सके.

FD: एफडी की ब्याज दरें एक बार फिर बढ़ रही हैं लेकिन निवेश के लिए जरूरी है कि उचित तरीके से रणनीति बनाकर पैसे लगाए जाएं ताकि अधिक से अधिक रिटर्न हासिल किया जा सके.

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Fixed deposit What should be your investment strategy now in current FD interest rates rise time

फिक्स्ड डिपॉजिट्स में निवेश के लिए एफडी लैडरिंग शानदार विकल्प है. (Image- Pixabay)

FD: पिछले कुछ वर्षों से फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) पर मिलने वाला ब्याज कम हुआ. रेपो रेट ऐतिहासिक स्तर पर निचले स्तर पर है जिसके चलते एफडी में निवेश पर रिटर्न कम हुआ तो निवेशक अन्य विकल्पों की तलाश करने लगे. हालांकि अब वित्तीय संस्थानों ने हाल ही में एफडी के ब्याज दर में बढ़ोतरी किया है. कुछ नेशनल बैंकों ने भी एफडी दर बढ़ाया है. इसके चलते अब निवेशकों का रूझान एक बार फिर इस परंपरागत निवेश विकल्प की तरफ बढ़ रहा है. हालांकि एफडी में निवेश के लिए जरूरी है कि उचित तरीके से रणनीति बनाकर पैसे लगाए जाएं ताकि अधिक से अधिक रिटर्न हासिल किया जा सके.

लांग टर्म की बजाय शॉर्ट या मीडियम टर्म एफडी में निवेश

बैंकबाजार के मुताबिक जब एफडी की दरें बढ़ने के आसार दिख रहे हों तो लंबे समय के लिए एफडी कराने की बजाय शॉर्ट टर्म या मीडियम टर्म के लिए पैसे लगाने चाहिए क्योंकि जब दरों में बढ़ोतरी होगी तो लांग टर्म में पैसे लगाने की स्थिति में इसका फायदा नहीं उठा सकेंगे. ब्याज दरें तुरंत ही नहीं बढ़ती हैं बल्कि धीरे-धीरे करके बढ़ती हैं. एफडी की ब्याज दरें अब बढ़ रही हैं तो ऐसे में निवेशकों को लांग टर्म की बजाय शॉर्ट या मीडियम टर्म के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसे लगाने चाहिए.

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फ्लोटिंग रेट एफडी में लगा सकते हैं पैसे

कुछ बैंक अपने ग्राहकों को फ्लोटिंग रेट पर एफडी का विकल्प दे रहे हैं. फ्लोटिंग रेट एफडी का मतलब है कि इसमें ब्याज दर स्थिर नहीं होती हैं बल्कि बढ़ती-घटती हैं. अभी इन पर ब्याज बहुत आकर्षक नहीं है लेकिन जब रेट बढ़ेगा तो फ्लोटिंग रेट एफडी पर अधिक रिटर्न हासिल कर सकते हैं. कुछ निवेशक पुराने शॉर्ट टर्म एफडी से अधिक दर वाली एफडी में लगातार स्विच होते रहते हैं लेकिन फ्लोटिंग रेट एफडी में निवेश से इस कवायद से बचा जा सकता है.

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बैंक और कंपनी एफडी, दोनों में लगाएं पैसे

ब्याज दरें जब बढ़ती हैं तो सिर्फ बैंक ही नहीं बल्कि कंपनियां भी अपनी एफडी के रेट बढ़ाती हैं. ऐसे में अपने पैसों को सिर्फ बैंक की एफडी में लगाने की बजाय कंपनियों की एफडी में भी लगाकर अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई कर सकते हैं. इस रणनीति के जरिए पूंजी निवेश पर अधिक से अधिक रिटर्न हासिल किया जा सकता है. आमतौर पर कंपनी की एफडी पर अधिक दर पर ब्याज मिलता है लेकिन निवेश से पहले जरूरी शोध कर लेना चाहिए. नीचे एक सारणी में बैंकों और कंपनियों की एफडी पर मिलने वाले ब्याज की दर के बारे में जानकारी दी जा रही है जिसे बैंकबाजार ने कंपाइल किया है. इसमें ब्याज दर संबंधित बैंक व कंपनी की वेबसाइट पर 8 फरवरी 2022 को दिया गया आंकड़ा है और सबसे कम समय अवधि वाले एफडी पर अधिकतम ब्याज दर की डिटेल्स है. ये दरें 1 करोड़ रुपये से कम के निवेश के लिए है.

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एफडी लैडरिंग विकल्प

फिक्स्ड डिपॉजिट्स में निवेश के लिए एफडी लैडरिंग शानदार विकल्प है. इसमें पूरी पूंजी को एक ही अवधि के लिए एफडी में नहीं लगाते हैं बल्कि उसे थोड़ा-थोड़ा कर के कई एफडी में लगाते हैं. जैसे कि आपको 10 लाख रुपये की एफडी करानी है तो इस पूरे पैसे को 1 साल या 5 साल तक के लिए किसी एफडी में लगाने की बजाय, इसे कुछ हिस्सों में बांट लें और फिर एक हिस्से को एक साल, दूसरे हिस्से को दो साल और तीसरे हिस्से को 5 साल या इसी तरह अन्य हिस्से को अलग-अलग अवधि की एफडी में लगा सकते हैं. कम अवधि वाली एफडी के मेच्योर होने पर आप उससे अपनी जरूरत पूरी कर सकते हैं या इसे फिर किसी दूसरी एफडी में निवेश कर सकते हैं. इसमें यह भी जरूरी नहीं है कि एक ही बैंक या कंपनी में एफडी कराई जाए बल्कि कई बैंकों व कंपनियों में एफडी करा सकते हैं. अगल-अलग बैंकों में एफडी कराने पर आपको हर बैंक से 5-5 लाख रुपये का इंश्योरेंस बेनेफिट भी मिलेगा.

(यह लेख महज जानकारी के लिए है. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर संपर्क कर लें.)

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