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सरकार ने स्माल सेविंग्स स्कीम पर ब्याज दरें लगातार 9 तिमाही से नहीं बढ़ाई है. (File)
Fixed Income Options: सरकार ने स्माल सेविंग्स स्कीम पर ब्याज दरें लगातार 9 तिमाही से नहीं बढ़ाई है. कम ब्याज दरों के चलते अब FD, NSC, RD, PPF, TD जैसी स्कीम से निवेशक मायूस हो रहे हैं. मौजूदा ब्याज दरों को देखें तो इन योजनाओं में पैसे डबल होने में 12 से 14 साल लग जाएंगे. पिछले 6 से 7 साल में इन बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कई बार कटौती भी हुई है. ऐसे में फिक्स्ड इनकम चाहने वाले निवेशकों में के मन में कनफ्यूजन है कि वे बेहतर रिटर्न के लिए कहां पैसे लगाएं. जानते हैं इस मसले पर एक्सपर्ट का क्या कहना है.
नहीं बढ़ी दरें तो दूसरे विकल्प में बढ़ेगा फ्लो!
Mirae Asset Investment Managers के CIO- फिक्स्ड इनकम, महेंद्र जाजू का कहना है कि स्माल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरों को 9 तिमाही से लो लेवल पर रखने से देश की सेविंग्स रेट पर सीधे तौर पर कोई मीनिंगफुल इंपैक्ट होता नहीं दिख रहा है. लेकिन यह उम्मीद की जानी चाहिए कि अगर स्माल सेविंग्स स्कीम की दरों को जल्द ही बाजार में बदलाव के अनुसार संशोधित नहीं किया जाता है, तो फंड का फ्लो अन्य विकल्पों की ओर डाइवर्ट हो सकता है.
महेंद्र जाजू का कहना है कि RBI पॉलिसी रेट के साथ-साथ मार्केट रेट पिछले 2 साल के दौरान मई 2022 तक लोअर या स्टेबल बनी रहीं. मई से अबतक पॉलिसी रेट में सेंट्रल बैंक ने 2 बार बढ़ोतरी की है. लेंडिंग रेट में भी ज्यादातर बढ़ोतरी हाल ही में हुई है, जब बाजार ने संभावित पॉलिसी चेंज में फैक्टरिंग करना शुरू कर दिया. उनका कहना है कि जुलाई-सितंबर 2022 RBI की पॉलिसी रेट में बदलाव के बाद पहली तिमाही है, इसलिए मौजूदा तिमाही में स्माल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरों में संशोधन किया जा सकता है.
आगे मिल सकता है ज्यादा ब्याज
Baroda BNP Paribas Mutual Fund के हेड- फिक्स्ड इनकम, आलोक साहू का कहना है कि हालांकि सरकार ने स्माल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की है, लेकिन अगले रिव्यू में इसे बढ़ा सकती है. आम तौर पर स्माल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरें डेट और मनी मार्केट रेट से अंतराल के साथ बढ़ती हैं. अभी बैंकों की एफडी रेट भी कम है, क्योंकि सिस्टम में लिक्विडिटी के कारण स्माल सेविंग्स प्रतिस्पर्धी हो रही हैं.
निवेशक क्या करें
महेंद्र जाजू का कहना है कि डेट म्यूचुअल फंड फिलहाल निवेश के बेहतर विकल्प दिख रहे हैं. डेट म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक विकल्प के रूप में उभर रहे हैं. टारगेट मैच्योरिटी डेट इंडेक्स फंड कटेगिरी की ओर फ्लो में हालिया उछाल इसके संकेत हैं. टारगेट मैच्योरिटी डेट इंडेक्स फंड में भी फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह सुविधाएं मिलती है. लेकिन इनमें बेहतर टैक्स बेनेफिट और फ्लेक्सिबिलिटी इसे और आकर्षक बनाती है.
आलोक साहू का कहना है कि फिक्स्ड इनकम निवेशकों को अपनी जोखिम उठाने की क्षमता और टाइम हॉरिजोन के आधार पर डेट योजनाओं में निवेश करने पर विचार करना चाहिए. बाजार के मौजूदा माहौल को देखते हुए निवेशक लो से मिड ड्यूरेशन वाले डेट फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं.