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Home Loan कौन सा लें? Fixed या Floating? ब्याज दरें बढ़ने के माहौल में क्या होगा सही फैसला?

Fixed or Floating Home Loan: फिक्स्ड या फ्लोटिंग, इसका फैसला कुछ बातों को ध्यान में रखकर लिया जा सकता है.

Fixed or Floating Home Loan: फिक्स्ड या फ्लोटिंग, इसका फैसला कुछ बातों को ध्यान में रखकर लिया जा सकता है.

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Fixed or Floating rate Home Loan which is better in current rate hike time

अपने घर का सपना पूरा करने के लिए अधिकतर लोग बैंकों से लोन लेते हैं. लोन लेते समय ब्याज की क्या दर है, यह भी फैसला लेने में बड़ी भूमिका निभाता है. (Image- Pixabay)

Fixed or Floating Home Loan: अपने घर का सपना पूरा करने के लिए अधिकतर लोग बैंकों से लोन लेते हैं. लोन लेते समय ब्याज की क्या दर है, यह भी फैसला लेने में बड़ी भूमिका निभाता है. हालांकि ब्याज की दरों को लेकर भी एक अहम सवाल उठता है कि फिक्स्ड दर वाला होम लोन लिया जाये या फ्लोटिंग दर पर. इस महीने केंद्रीय बैंक आरबीआई ने लंबे समय बाद अचानक नीतिगत दरों को तत्काल प्रभाव से बढ़ाने का ऐलान कर दिया. इसके बाद से कई बैंक अपने यहां कर्ज महंगा कर चुके हैं. ऐसे में घर खरीदारों को उलझन हो रही है कि कर्ज के किस विकल्प को चुना जाए, फिक्स्ड या फ्लोटिंग. इसका फैसला कुछ बातों को ध्यान में रखकर लिया जा सकता है.

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इन परिस्थितियों में चुनें फिक्स्ड रेट होम लोन

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फिक्स्ड रेट होम लोन में कर्ज लेते समय ही ब्याज दर तय हो जाती है और पूरे लोन टेन्योर में यही दर बनी रहती है. नीचे दी गई परिस्थितियों के मुताबिक आप फिक्स्ड रेट होम लोन चुन सकते हैं.

  • अगर आपको लगता है कि अब ब्याज दर में कमी नहीं होगी.
  • ब्याज दर कम हो गई हो और आप उसी दर को लॉक करना चाहते हैं.
  • आपके कर्ज की जो मौजूदा दर पर ईएमआई बन रही है, वह आपके लिए कंफर्टेबल है.

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फ्लोटिंग रेट पर होम लोन का इन कंडीशंस में करें विचार

बाजार के हिसाब से फ्लोटिंग लोन रेट भी ऊपर-नीचे होता है और यह दर बेंचमार्क रेट से जुड़ा होता है. जैसे कि अभी आरबीआई द्वारा नीतिगत दरों में बढ़ोतरी के बाद कई बैंकों ने भी अपना कर्ज महंगा कर दिया और अगर आरबीआई आगे भी दर बढ़ाता है तो बैंक भी अपनी दरें बढ़ा सकता है. नीचे कुछ परिस्थितियां हैं, जिनमें आप फ्लोटिंग रेट पर होम लोन पर विचार कर सकते हैं.

  • फिक्स्ड होम लोन की दर आमतौर पर फ्लोटिंग रेट लोन से थोड़ी अधिक होती है. अगर यह अंतर बहुत अधिक है तो आप इस पर विचार कर सकते हैं. इससे आप कम अवधि में ब्याज का कुछ खर्च बचा सकते हैं.
  • अगर आपको लगता है कि आने वाले समय में ब्याज दरें गिर सकती हैं.
  • अगर आप लोन के प्रीपेमेंट के मामले में पेनाल्टी से बचना चाहते हैं.

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अभी भी हो रही उलझन?

अगर आपको अभी भी उलझन हो रही है तो आप दोनों का कॉम्बिनेशन चुन सकते हैं जो थोड़ा फिक्स्ड और थोड़ा फ्लोटिंग होता है. जैसे कि अभी आप किसी लोन की किश्त चुका रहे हैं तो आप अपने होम लोन के लिए फिक्स्ड दर पर होम लोन चुन सकते हैं और फिर इसके बाद आप शेष टर्म के लिए फ्लोटिंग विकल्प चुन सकते हैं. इस स्विचिंग के लिए बैंक कुछ शुल्क ले सकते हैं.

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