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कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह समय होम लोन पर बेस्ट डील पाने का एक अच्छा समय है.
Home Loan: होम लोन की ब्याज दरें कई सालों के निचले स्तर पर हैं. ऐसे में कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह समय होम लोन पर बेस्ट डील पाने का एक अच्छा समय है. होम लोन खरीदने से पहले केवल यह जानना पर्याप्त नहीं है कि ब्याज दर कितनी है और आपको इसके लिए कितना EMI चुकाना होगा. होम लोन की चुकौती प्रक्रिया लंबी अवधि तक चलती है, इसलिए होम लोन के साथ आने वाले फीचर्स और विकल्पों को पूरी तरह समझना जरूरी है ताकि आपको एक बेहतर डील मिल सके. होम लोन खरीदारों के मन में एक सवाल यह आता है कि उनके लिए फिक्स्ड रेट बेहतर है या फ्लोटिंग रेट. इसका फैसला सावधानी के साथ करना चाहिए, क्योंकि इसका प्रभाव आपकी वित्तीय स्थिति पर पड़ता है. दोनों के ही अपने फायदे और नुकसान हैं. यहां हमने बताया है कि इन दोनों में क्या अंतर है और इनमें से कौन सा विकल्प आपके लिए बेहतर हो सकता है.
क्या है फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट
फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट ऐसा रेट है जो बाजार की स्थिति के साथ नहीं बदलता है. फिक्स्ड रेट लोन में होम लोन लेते समय ब्याज दर तय होती है और यह दर होम लोन की अवधि के खत्म होने तक बनी रहती है. इसका मतलब कि अगर आप फिक्स्ड रेट का चुनाव करने जा रहे हैं तो आसानी से अपनी EMI का अनुमान लगा सकते हैं. इसके ज़रिए आपको अपना बजट बनाने में भी आसानी होती है. इसके अलावा, ब्याज दर के स्थिर रहने पर आप आसानी से होम लोन रीपेमेंट का प्लान भी कर सकते हैं.
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कब करें फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट का चुनाव
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि फिक्स्ड रेट लोन की कीमत आमतौर पर फ्लोटिंग रेट लोन की तुलना में थोड़ी ज्यादा होती है. अगर यह अंतर काफी बड़ा है, तो आप फ्लोटिंग रेट लोन का चुनाव भी कर सकते हैं. लेकिन अगर वे लगभग बराबर हैं या अंतर बहुत कम है, तो आप अपनी स्थिति और जरूरतों का आकलन करते हुए दोनों में से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं. इसका चुनाव बेहतर तब होता है जब होम लोन खरीदते समय ब्याज दर कम हो.
क्या है फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट
फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट के तहत होम लोन खरीदने पर आपकी ब्याज दर बाजार की स्थिति के साथ कम या ज्यादा होती रहती है. इसके तहत होन लोन में आप अपनी EMI का अनुमान पहले से नहीं लगा सकते. फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट का बड़ा फायदा यह है कि जब ब्याज दरें कम होती है तो इस स्थिति में आपको कम EMI चुकाना होता है. हालांकि, ब्याज दरें बढ़ने पर आपको इसमें ज्यादा EMI चुकाना होगा. हालांकि, होम लोन की ब्याज दर बार-बार बढ़ने की स्थिति में, आप अपने लेंडर से टेन्योर बढ़ाने के लिए भी अनुरोध कर सकते हैं.
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कब करें फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट का चुनाव
अगर आपको लगता है कि समय के साथ सामान्य रूप से ब्याज दरों में गिरावट होगी, तो ऐसी स्थिति में फ्लोटिंग रेट वाले होम लोन का चुनाव किया जा सकता है. ब्याज दरों के कम होने से भविष्य में आपके लोन पर लागू ब्याज दर भी गिर जाएगी. अगर आप रियल एस्टेट बाजार से अच्छी तरह वाकिफ हैं, तो फ्लोटिंग इंटरेस्ट होम लोन चुनना बेहतर होगा. साथ ही, अगर आप उम्मीद कर रहे हैं कि होम लोन की दरें जल्द ही घटेंगी, तो यह विकल्प चुनना फायदेमंद साबित हो सकता है. इसके अलावा फ्लोटिंग इंटरेस्ट होम लोन लेना फायदेमंद है क्योंकि आपको इंडिविजुअल बॉरोअर के रूप में पार्ट-प्रीपेमेंट या फोरक्लोजर पर कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है.
कॉम्बिनेशन लोन का भी है ऑप्शन
अगर आपको यह तय करने में दिक्कत हो रही है कि कौन सा विकल्प आपके लिए बेहतर होगा, तो इस स्थिति में आप कॉम्बिनेशन लोन का चुनाव भी कर सकते हैं. इसका कुछ हिस्सा फिक्स्ड होता है तो वहीं कुछ हिस्सा फ्लोटिंग होता है. आमतौर पर, यह अनुमान लगाना मुश्किल होता है कि भविष्य में होम लोन की दरें क्या होंगी. हो सकता है कि लोन की ब्याज दरें आपके अनुमान के अनुसार न बदलें. इस स्थिति में आपके सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है. हालांकि इसे लेकर बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है. अगर आप चाहें तो किसी भी समय फिक्स्ड रेट और फ्लोटिंग रेट लोन के बीच स्विच कर सकते हैं. हालांकि, स्विच करने के लिए आपको लेंडर को एक मामूली शुल्क का भुगतान करना होगा. फिक्स्ड या फ्लोटिंग होम लोन इंटरेस्ट रेट में से किसी एक को चुनना आपकी फाइनेंशियल कंडीशन पर निर्भर करता है. इसलिए आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर हो सकता है यह आपको ही चुनना होगा.