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Equity Market: शेयर बाजार में लगातार रैली के बाद आगे वोलेटिलिटी से इनकार नहीं किया जा सकता है. (pixabay)
Flexi-Cap Funds/ Risk-Return Ratio: शेयर बारजार अपने आलटाइम हाई के बाद कुछ नीचे आया है. अभी बाजार में उतार चढ़ाव देखने को भी मिल रहा है. बाजार में लगातार रैली के बाद आगे भी इस तरह की वोलेटिलिटी से इनकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में बहुत से निवेशक भी बाजार में पैसा लगाने को लेकर कनफ्यूज हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसे माहौल में इक्विटी में पैसा लगाने का बेहतर तरीका हो सकता है कि फ्लेक्सीकैप फंड के जरिए अपना पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाइड करें. ये ओपन-एंडेड डायनेमिक इक्विटी स्कीम है, जो लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्टॉक्स में निवेश करती हैं. इसके जरिए रिस्क घट जाता है, वहीं इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में अस्थिरता कम होती है.
फ्लेक्सी-कैप फंड में, फंड मैनेजर मार्केट कैपिटलाइजेशन में निवेश करते हैं, फंड अलोकेशन का मूल्यांकन करते हैं और समय-समय पर परफार्मेंस के आधार पर कंपनियों और सेक्टर के बीच फंड एलोकेशन को बदलते रहते हैं. ये फंड उन लोगों के लिए बेस्ट रिजल्ट देने वाला साबित हो सकता है, जो अपने इक्विटी पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजी को लेकर आश्वस्त नहीं रहते हैं. और ये मानते हैं कि अलग-अलग सेगमेंट में एक्टिव फंड मैनेजमेंट अच्छी तरह से परिभाषित सीमाओं के साथ ऑपरेट किए गए फंड पोर्टफोलियो बनाने की तुलना में बेहतर नतीजे दे सकते हैं.
5 साल में बेस्ट रिटर्न वाले फंड
Quant Flexi Cap Fund: 22.33%
360 ONE Focused Equity Fund: 20%
Parag Parikh Flexi Cap Fund: 19%
HDFC Retirement Savings Fund Equity Plan: 18.61%
PGIM India Flexi Cap Fund: 18%
3 साल में बेस्ट रिटर्न वाले फंड
Quant Flexi Cap Fund: 40%
HDFC Retirement Savings Fund Equity Plan: 33.64%
HDFC Flexi Cap Fund: 33.32%
HDFC Focused 30 Fund: 33.52
ICICI Prudential Retirement Fund: 31%
(source: value research)
फ्लेक्सी कैप फंड बेहतर विकल्प
बजाज फिनसर्व एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड के सीआईओ, निमेश चंदन का कहना है कि एब्सॉल्यूट मार्केट वैल्यू अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर हो सकता है, लेकिन यह 20 महीनों तक करेक्शन के बाद आ रहा है, जिसमें अर्निंग बढ़ी है. उनका मानना है कि वैल्यूएशन अभी भी बहुत महंगा नहीं हैं. बाजार में कुछ ऐसे सेक्टर है, जिनका वैल्यूएशन फेयर और आकर्षक है. इसलिए बेहतर तरीका है कि फ्लेक्सी-कैप फंड के जरिए अपने पोर्टफोलियसो को बैलेंस करें. इस तरह की स्कीम फंड मैनेजर को कंपनी के बाजार पूंजीकरण के आकार के बावजूद सभी सेक्टर के शेयरों में निवेश करने की सुविधा देती हैं. इस तरह का लचीलापन फंड मैनेजर को बाजार के डानमिक और उनके मार्केट आउटलुक के आधार पर पोर्टफोलियो में बदलाव करने की भी सुविधा देता है.
किस तरह के फ्लेक्सीकैप फंड बेहतर
निमेश चंदन का कहना है कि एक निवेशक को बेहतर फ्लेक्सी कैप फंड का मूल्यांकन करने के लिए, ऐसे फंड पर ध्यान देना चाहिए जो अपनी इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी के बारे में निवेशकों को बेहतर तरीके से कम्युनिकेट कर सकें. ऐसे फंड जो एक्टिवली मैनेज्ड हों. अलग-अलग इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी के साथ ऐसे फ्लेक्सी-कैप फंड में लंबी अवधि में बेंचमार्क पर हाई रिटर्न देने की क्षमता हो सकती है. इनके अलावा, सेलेक्शन के पहले कुछ अन्य पैरामीटर भी ध्यान देने चाहिए. मसलन अलग अलग मार्केट साइकिल में प्रदर्शन, रिस्क एडजस्टेड रिटर्न, बदलती बाजार स्थितियों के अनुकूल पोर्टफोलियो में बदलाव. हालांकि, एक निवेशक को कहीं भी निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेना समझदारी होगी. उनका कहना है कि एक महत्वपूर्ण स्ट्रैटेजी मेगाट्रेंड्स इन्वेस्टिंग हो सकती है जो लॉन्ग टर्म के निवेशकों की जरूरतों को पूरा करती है. यह निवेश के लिए उन कंपनियों का चुनाव करती है, जिनके बिजनेस में लॉन्ग टर्म बदलावों के आधार पर ग्रोथ की मजबूत संभावना है.
बाजार को लेकर करनी चाहिए चिंता
उनका कहना है कि घरेलू स्तर पर मैक्रो और माइक्रो स्टोरी दोनों हेल्दी दिख रही हैं. बैंक अच्छी तरह से कैपिटलाइज्ड हैं और कॉर्पोरेट बैलेंस शीट बेहतर स्थिति में हैं. रियल एस्टेट और कॉरपोरेट कैपेक्स साइकिल में लंबे अंतराल के बाद आखिरकार तेजी देखी जा रही है. यह सब इक्विटी बाजारों के लिए अर्निंग अपग्रेड साइकिल के लिए अच्छे संकेत हैं. करंट अकाउंट डेफिसिट (चालू खाता घाटा) के बेहतर आउटलुक के बीच कम हो रही महंगाई और रुपये में स्थिरता हमें यह भरोसा दिलाता है कि ब्याज दरों एक निश्चित सीमा के भीतर स्थिर रहने की संभावना है. हालांकि, इस संतुलन के क्षितिज पर संभावित जोखिम भी हमेशा बने रहते हैं.