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इनकम टैक्स में छूट पाने के लिए इन्वेस्टमेंट प्रूफ जमा करने की अंतिम तारीख अब नजदीक है.Tax Saver Investment: इनकम टैक्स में छूट पाने के लिए जरूरी इन्वेस्टमेंट प्रूफ जमा करने की अंतिम तारीख अब नजदीक आ रही है. बहुत से लोग होंगे, जिनके पास इनकम टैक्स की धारा 80 के तहत छूट पाने के लिए अभी पर्याप्त इन्वेस्टमेंट प्रूफ नहीं होंगे और वे टैक्स सेवर निवेश के बेहतर विकल्प की तलाश में होंगे. अगर आप भी इन्हीं में से एक हैं तो इक्विटी म्यूचुअल फंड की ELSS स्कीम आपके लिए बेहतर हो सकती हैं. ELSS का फायदा यह है कि इसमें ज्यादातर स्कीम का लॉक इन पीरियड 3 साल का होता है. वैसे इसके लिए टैक्स सेवर एफडी भी बेहतर विकल्प है, लेकिन 3 साल के रिटर्न की तुलना करें तो कई ELSS में रिटर्न एफडी की तुलना में 3 गुना तक ज्यादा रहा है. 1 साल और 5 साल में भी कई ELSS फंड ने एफडी से दोगुना रिटर्न दिया है.
पिछले 3 साल में का प्रदर्शन
मिराए एसेट टैक्स सेवर फंड
3 साल का रिटर्न: 19.44%
3 साल में 1 लाख की वैल्यू: 1,70,410 रुपये
3 साल में 10 हजार मंथली SIP की वैल्यू: 4,34,972 रुपये
मिनिमम इन्वेस्टमेंट: 500 रुपये
मिनिमम SIP: 500 रुपये
एसेट्स: 2,877 करोड़ (30 नवंबर, 2019)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.30% (30 नवंबर, 2019)
एक्सिस लांग टर्म इक्विटी
3 साल का रिटर्न: 17.62%
3 साल में 1 लाख की वैल्यू: 1,62,740 रुपये
3 साल में 10 हजार मंथली SIP की वैल्यू: 4,33,610 रुपये
मिनिमम इन्वेस्टमेंट: 500 रुपये
मिनिमम SIP: 500 रुपये
एसेट्स: 21,160 करोड़ (30 नवंबर, 2019)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.92% (30 नवंबर, 2019)
टाटा इंडिया टैक्स सेविंग्स
3 साल का रिटर्न: 15.99%
3 साल में 1 लाख की वैल्यू: 1,56,041 रुपये
3 साल में 10 हजार मंथली SIP की वैल्यू: 4,18,464 रुपये
मिनिमम इन्वेस्टमेंट: 500 रुपये
मिनिमम SIP: 500 रुपये
एसेट्स: 2,063 करोड़ (30 नवंबर, 2019)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.63% (30 नवंबर, 2019)
LIC MF टैक्स
3 साल का रिटर्न: 15.63%
3 साल में 1 लाख की वैल्यू: 1,54,614 रुपये
3 साल में 10 हजार मंथली SIP की वैल्यू: 4,25,614 रुपये
मिनिमम इन्वेस्टमेंट: 500 रुपये
मिनिमम SIP: 1000 रुपये
एसेट्स: 256 करोड़ (30 नवंबर, 2019)
एक्सपेंस रेश्यो: 1.47% (30 नवंबर, 2019)
क्या लॉक इन पीरियड के बाद बेचना चाहिए ELSS
BPN फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि लॉक इन पीरियड के बाद ELSS फंड को सेल करने या न करने का फैसला उसके प्रदर्शन के आधार पर करना चाहिए. अगर ELSS बेहतर प्रदर्शन कर रहा है तो उसमें निवेश बनाए रखना चाहिए. कब बेचना है यह मेच्योरिटी पीरियड नहीं, बल्कि अपने निवेश के लक्ष्य के आधार पर तय करना चाहिए. बाजार में ऐसे कई कई म्यूचुअल फंड हैं, जिनका लंबी अवधि में रिटर्न बेहद शानदार रहा है.
(नोट: हम यहां टैक्स सेवर म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह नहीं दे रहे हैं. यहां जानकारी म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन के आधार पर है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट से सलाह लें.)
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