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पॉलिसीहोल्डर्स को अपने बीमा विकल्पों का मूल्यांकन करने के लिए ज्यादा समय देने का मकसद पारदर्शिता को बढ़ावा देना, सही पॉलिसी चुनाव करना है.
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलेपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी इरडा (IRDAI) ने इंश्योरेंस पॉलिसी के फ्री-लुक पीरियड को 15 दिनों से बढ़ाकर 30 दिनों तक किए जाने मसौदा तैयार किया है. इस प्रस्तावित नियम का मकसद बीमा ग्राहकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. साथ ही ग्राहक को पॉलिसी की अच्छी तरह से समीक्षा करने के लिए अधिक समय मिलेगा. भारत में इरडा का ये प्रस्ताव बीमा ग्राहकों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है. इंश्योरेंस पॉलिसी में फ्री-लुक पीरियड क्या होता है और इसकी अवधि का विस्तार किए जाने से बीमा ग्राहकों को कैसे फायदा मिलेगा? आइए इसके बारे में जानते हैं.
इंश्योरेंस पॉलिसी में क्या होता है फ्री-लुक पीरियड?
इंश्योरेंस पॉलिसी में फ्री-लुक पीरियड पॉलिसीहोल्डर के लिए महत्वपूर्ण विकल्प है. यह लोगों को इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के बाद शर्तों, कवरेज डिटेल्स, एक्सक्लूजन (exclusions) और संबंधित लागतों की जांच करने की अनुमति देता है. फ्री-लुक पीरियड के दौरान इंश्योरेंस पॉलिसी पसंद नहीं आने या उपयुक्त पॉलिसी नहीं होने पर बीमा ग्राहक के पास बिना किसी अतिरिक्त शुल्क दिए पॉलिसी सरेंडर करने का विकल्प होता है. हाल ही इरडा द्वारा प्रस्तावित फ्री-लुक पीरियड विस्तार से बीमा ग्राहकों के हितों की सुरक्षा होगी.
पॉलिसी की बारिकियों को समझकर फैसला लेने का मिलता है मौका
इंश्योरेंस पॉलिसीज खासकर यूनिट-लिंक्ड वाले अक्सर जटिल डिटेल के साथ आते हैं जो तुरंत समझ नहीं आते हैं. फ्री-लुक पीरियड को 30 दिनों तक बढ़ाने से पॉलिसीहोल्डर्स को इन शर्तों की जटिलताओं के समझने के लिए ज्यादा समय मिलता है. यह अतिरिक्त समय पूरी तरह से मूल्यांकन करने की अनुमति देता है. ऐसे में बीमा ग्राहक को इंश्योरेंस पॉलिसी कवरेज के बारे में समझकर सही फैसला लेने का विकल्प मिलता है.
गलत और मिस-सेलिंग बचाता है
इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने के लिए अक्सर एजेंट गलत या भ्रामक जानकारी दे देते हैं. इस समस्या के समाधान के लिए हर बीमा कंपनी ग्राहकों को ‘फ्री लुक पीरियड’ का विकल्प देती है. हाल ही में इरडा द्वारा फ्री लुक पीरियड 15 दिन से बढ़ाकर 30 दिन किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है. बजाज कैपिटल लिमिटेड के संयुक्त अध्यक्ष और एमडी संजीव बजाज बताते है कि इंश्योरेंस पॉलिसी की समीक्षा करने के लिए 30 दिन का समय पॉलिसीधारकों को गलत या भ्रामक जानकारी के आधार पर फैसले लेने में जल्दबाजी होने की संभावना कम होगी. फ्री लुक पीरियड के विस्तार से इंश्योरेंस इंडस्ट्री के भीतर पारदर्शिता और नैतिक आचरण को बढ़ावा मिलेगा. जरूरत के हिसाब से पॉलिसी नहीं होने पर ग्राहक के पास पॉलिसी से सरेंडर करने का समय होगा.
सही पॉलिसी चुनने में करता है मदद
फ्री-लुक पीरियड में विस्तार पॉलिसीधारकों को तमाम बीमा विकल्पों की तुलना करने का अधिकार देता है. फ्री-लुक पीरियड 30 दिन होने पर बीमा ग्राहक इंश्योरेंस पॉलिसी का हिस्सा बनने से पहले कई नीतियों के लाभों और कमियों का सावधानीपूर्वक आकलन कर सकते हैं. फ्री-लुक पीरियड यह सुनिश्चित करता है कि ग्राहक उस बीमा कवरेज का चयन करें जो वास्तव में उनकी जरूरतों के अनुरूप हो, जिससे उनकी चुनी हुई नीतियों के साथ अधिक संतुष्टि हो.
IRDAI द्वारा फ्री-लुक पीरियड का प्रस्तावित विस्तार भारत में बीमा उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम का प्रतिनिधित्व करता है. इरडा के इस मसौदे का मकसद इंश्योरेंस इंडस्ट्री में पारदर्शिता को बढ़ावा देना, ग्राहकों को गलत पॉलिसी से बचाना और सही पॉलिसी लेने में मदद करना है.
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