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PPF से लेकर NPS तक, ये हैं टैक्स बचाने वाली टॉप 5 स्कीम, ऐसे कर सकते हैं निवेश

पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम में निवेश करके आप इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ पा सकते हैं. PPF में सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम में निवेश करके आप इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ पा सकते हैं. PPF में सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं.

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FE Hindi Desk
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इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम यानी ईएलएसएस म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करके आप सालाना 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.

Tax-Saving Plan : साल का आखिरी महीना चल रहा है. ये दौर अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करने और आने वाले साल में निवेश की प्लानिंग के लिए अच्छा है. ये समय ज्यादातर टैक्स-पेयर्स के लिए भी अच्छा होता है. दरअसल यही वह समय है जब टैक्स से राहत पाने के लिए कई टैक्स-पेयर्स को इनवेस्टमेंट स्कीम में निवेश करते हैं. अगर आप टैक्स-पेयर्स हैं और ऐसे टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट स्कीम की तलाश कर रहे हैं, जो आपके एसेट पर अच्छा रिटर्न भी दिला सकें, तो यहां कुछ पापुलर ऑप्शन के बारे में बताया गया है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ (PPF) आज के समय में लंबी अवधि वाले टैक्स छूट दिलाने में सबसे लोकप्रिय स्कीम में से एक है. ये स्कीम इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत टैक्स लाभ दिलाता है. आप साल के दौरान कई किश्तों के जरिए इस योजना में सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं. साथ ही आप अपना पोर्टफोलियो बेहतर बनाने के लिए भी इस प्लान में निवेश कर सकते हैं. आपके डावर्सिफाई पोर्टफोलियो में पीपीएफ स्कीम बहुत उपयोगी साबित हो सकती है. साथ ही ये लंबी अवधि में आपको अच्छा रिटर्न दे सकती है. मौजूदा समय में पीपीएफ स्कीम पर सालाना 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है.

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टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड

निवेश के लिहाज से निवेशकों को इनके एसेट पर अधिक रिटर्न और टैक्स छूट दिलाने वाली स्कीम में पीपीएफ के बाद इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) सबसे अट्रैक्टिव ऑप्शन है. मार्केट से जुड़ी ये स्कीम धारा 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ दिलाती है. इसे टैक्स सेवर म्यूचुअल फंड के नाम से भी जाना जाता है. इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम यानी ईएलएसएस म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करके आप सालाना 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.

नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)

एनपीएस सरकार द्वारा प्रायोजित टैक्स-सेविंग स्कीम है. अपनी सेविंग पर जोखिम न लेने वाले निवेशकों के लिए ये स्कीम सबसे उपयुक्त है. जो निवेश रिटायरमेंट के बाद की लाइफ के लिए फंड की व्यवस्था करना चाहते हैं वे इसमें निवेश करके रिटायरमेंट कार्पस जुटा सकते हैं. यह निवेश स्कीम धारा 80सीसीडी के तहत 2 लाख रुपये की अधिकतम कर कटौती की अनुमति देती है. इसमें धारा सीसीडी (1) के तहत 1.5 लाख रुपये और धारा सीसीडी (1बी) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये टैक्स छूट शामिल है.

इंश्योरेंस प्लान्स

लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस बैलेंस्ड पोर्टफोलियो का एक अहम हिस्सा है, इंश्योरेंस प्लान आपकी प्रापर्टी को अचानक घटित हुए घटना के कारण होने वाले नुकसान से बचाता है. इसके अलावा इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम भुगतान पर इनकम टैक्स एक्ट के खास धाराओं के तहत टैक्स कटौती में छूट का प्रावधान है.

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प्रोविडेंट फंड (PF)

प्रोविडेंट फंड एक अन्य टैक्स-सेविंग प्लान है जो लोग रिटायमेंट के बाद की लाइफ के लिए प्लानिंग करना चाहते हैं उनके लिए ये प्लान बेहतर है. एंप्लाइ प्रोविडेंट फंड (EPF) में योगदान करने वाले कर्मचारी धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट का लाभ पा सकते हैं.

बैंकबाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी बताते हैं कि निवेश और टैक्स सेविंग प्लानिंग सफल वेल्थ क्रिएशन की कुंजी है. पीपीएफ, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम, टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट्स समेत तमाम फाइनेंशियल टार्गेट को पूरा करने वाले पापुलर ऑप्शन आज के समय में उपलब्ध हैं. कई स्कीम में किए गए निवेश से टैक्स सेविंग पर असर पड़ता है. ये टैक्स सेविंग स्कीम आपके टैक्स कटौती को कम कर सकता है और आपके एसेट पर रिटर्न बढ़ा सकता है, इस तरह की खास तैयारी करके आप वेल्थ क्रिएशन यानी जरूरी फंड जुटा सकते हैं.

(Article : Sanjeev Sinha)

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