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International Funds: ग्लोबल निवेश किसी निवेशक को डाइवर्सिफिकेशन का लाभ लेने में मदद करता है.
International Funds: मौजूदा समय में ग्लोबल बाजारों में वोलेटिलिटी बनी हुई है. लेकिन ग्लोबल निवेश के जरिए आप न सिर्फ अपने पोर्टफोलियो में विदेशी कंपनियों को शामिल कर सकते हैं, बल्कि उसमें आने वाली ग्रोथ का पूरा फायदा भी उठा सकते हैं. ग्लोबल निवेश एक निवेशक को डाइवर्सिफिकेशन से लाभ लेने में मदद कर सकता है. इसके लिए इंटरनेशनल फंड एक बेहतर विकल्प है. ऐसे समय में जब घरेलू बाजार में मौके सीमित हों, इंटरनेशनल फंड दुनियाभर में निवेश के अवसरों में हिस्स लेने और मुनाफा बनाने का बेहतर जरिया है. इंटरनेशनल फंड के क्या हैं फायदे, कौन से हैं विकल्प, इस बारे में PGIM इंडिया म्यूचुअल फंड के CEO, अजीत मेनन ने अपनी राय बताई है.
इंटरनेशनल फंड में निवेश के फायदे
इंटरनेशनल फंड आपको ऐसे यूनिक या नए जमाने या फ्यूचर के बिजनेस के मॉडल लिए एक्सपोजर हासिल करने में मदद कर सकते हैं, जो भारत में बहुत कम उपलब्ध हैं. उदाहरण के लिए लग्जरी गुड्स, हेल्थ टेक, इलेक्ट्रिक व्हीकल को ले सकते हैं. भारत में ऐसी सर्विसेज या इस तरह के बिजनेस में निवेश करने के लिए बहुत कम विकल्प हैं. REITs जैसा एसेट क्लास भी भारत में बहुत अच्छी तरह से अभी डेवलप नहीं है. REITs में निवेश भी पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाइड करते हैं क्योंकि ये अलग तरह के आर्थिक सीनेरियो में इक्विटी से अलग प्रदर्शन कर सकते हैं.
कौन सी थीम करेगी बेहतर प्रदर्शन
अजीत मेनन का कहना है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल, ई-कॉमर्स, सेमीकंडक्टर, REITs जैसी थीम बेहतर दिख रही है. इसकी बड़ी वजह यह है कि ये नेचर में स्ट्रक्चरल हैं और इनके पास ग्रोथ के लिए एक लंबा रास्ता है. इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में आगे हाई ग्रोथ देखने को मिल सकती है. इसी तरह, ई-कॉमर्स कंपनियां एक अन्य ग्रोथ एरिया हो सकती हैं, जो विशेष रूप से उभरते बाजारों में बढ़ते एडॉप्शन और इंटरनेट पेनिट्रेशन से ऑपरेट होती हैं. सेमीकंडक्टर, चल रहे डिजिटलीकरण का एक महत्वपूर्ण कंपोनेंट होने के नाते, एक बेनेफिशियरी हो सकता है.
ग्रोथ स्टॉक भी बेहतर विकल्प
उनका कहना है कि PGIM इंडिया की बात करें तो फंड हाउस के इंटरनेशनल इक्विटी फंड उन कंपनियों में निवेश पर फोकस कर रहे हैं, जो अपने ग्रोथ में तेजी लाने के शुरुआती चरण में हैं. ग्रोथ स्टॉक ने रेट हाइक साइकिल के दौरान ऐतिहासिक रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है. ग्रोथ स्टॉक आगे मार्केट लीडर के रूप में उभर सकते हैं. इसके अलावा, रसेल 1000 ग्रोथ इंडेक्स द्वारा दर्शाए गई ग्रोथ स्टॉक्स के लिए अर्निंग ग्रोथ लगातार मजबूत बनी हुई है.
रियल एस्टेट बेहतर थीम
रियल एस्टेट की बात करें तो लिस्टेड REITs ने मैक्रो-एनवायरनमेंट को लेकर ज्यादा रिएक्शन दिखाया है. जैसे-जैसे ब्याज दरें बढ़ती हैं, ज्यादा लीवरेज वाले खरीदारों को ट्रांजेक्शन के लिए फाइनेंस मुश्किल हो सकता है. जिसके परिणामस्वरूप रियल एस्टेट एम एंड ए एक्टिविटीज स्लो हो जाती है. दूसरी ओर, ऊंची दरें लैंडलॉर्ड के लिए अधिक प्राइसिंग पावर की अनुमति दे सकती हैं. रियल एस्टेट और REITs के लिए रिफ्लेक्शन ऐतिहासिक रूप से अच्छा रहा है. ऑक्यूपेंसी कम होने और मांग में कमी के कारण बहुत सारी कंपनियां मजबूत टॉप लाइन ग्रोथ जारी रखे हुई हैं.